Move to Jagran APP

सहारनपुर में राष्ट्रीय पराक्रम दिवस के रुप में मनाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

Netaji Subhas Chandra Bose सहारनपुर में रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई। इस मौके पर यहां पर मोक्षयतन अंतरराष्ट्रीय योग आश्रम द्वारा ऋग्वेद के संगठन सूत्र से लिए गए राष्ट्रीय प्रार्थना मंत्र से यज्ञ में विशेष आहुति दी गई।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 01:29 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 01:29 PM (IST)
सहारनपुर में राष्ट्रीय पराक्रम दिवस के रुप में मनाई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती
सहारनपुर में मोक्षायतन अंतरराष्ट्रीय योग आश्रम का कार्यक्रम।

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। Netaji Subhas Chandra Bose बारिश और कड़ाके की ठंड के बावजूद मोक्षायतन अंतरराष्ट्रीय योग आश्रम राष्ट्र वंदना मिशन और नेशनल बिल्डर्स एकेडमी के छात्रों ने संयुक्त रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को राष्ट्रीय पराक्रम दिवस के रूप में अनूठे अंदाज के साथ मनाया। रविवार को बेरी बाग स्थित नेशनल बिल्डर एकेडमी में मोक्षयतन अंतरराष्ट्रीय योग आश्रम द्वारा ऋग्वेद के संगठन सूत्र से लिए गए राष्ट्रीय प्रार्थना मंत्र से यज्ञ में विशेष आहुति दी गई।

loksabha election banner

नेताजी की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए योग साधकों, छात्रों और गणमान्य लोगों ने सुबह मातृभूमि को नमन करने के साथ ही वंदे मातरम व जयहिंद कहने का संकल्प लिया। योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस महानायक ने कभी सूरज ने छिपने वाले ब्रिटिश साम्राज्य की आंखों में धूल झोंक कर गुलाम भारत से बाहर जाकर दुनिया का समर्थन प्राप्त करके विदेश में ही आजाद हिंद फौज खड़ी की और गुलाम भारत पर बाहर से हमला करके पूर्वोत्तर के बड़े भूभाग पर कब्जा किया।

उन्होंने स्वतंत्र भारत की सरकार बनाई और स्वयं राष्ट्र अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रध्वज भी लहराया। योगगुरु ने युवाओं से अपनी कमजोरियों से लड़ने का पराक्रम दिखाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वयं के स्तर से यह सबसे बड़ी देश सेवा होगी। कार्यकारी सचिव एनके शर्मा ने कहा कि विलक्षण प्रतिभा के धनी नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने आईसीएस परीक्षा पास करने और टॉपर होने वाले पहले भारतीय थे।

यह उनके संकल्प की ही शक्ति थी कि सबसे बड़ी नौकरी छोड़कर देश से खाली हाथ निकलकर उन्होंने दुनिया की बड़ी शक्तियों को अपने पक्ष में किया और आजाद भारत की सेना और सरकार का भी गठन किया। कार्यक्रम में पराक्रम व प्राणशक्ति की प्रतीक शंख ध्वनि की अनूठी प्रतियोगिता हुई, जिसमें वरिष्ठ वर्ग में एनके शर्मा ललित वाधवा व योगाचार्य अनीता शर्मा तथा कनिष्ठ वर्ग में विजय सुखीजा, डॉक्टर आरके यादव व राजेश अरोड़ा क्रमशः प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.