Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat: कृषि कानूनों के विरोध में 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान
Kisan Mahapanchyat In Muzaffarnagar मुजफ्फरनगर में महापंचायत में उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से आए आंदोलनकारियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। कृषि कानूनों के विरोध समेत विभिन्न किसान समस्याओं को लेकर 27 सितंबर को भारत बंद का एलान भी किया गया।
मुजफ्फरनगर [जागरण संवाददाता]। Muzaffarnagar Kisan Mahapanchayat: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कालेज के मैदान में रविवार को हुई महापंचायत में उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों से आए आंदोलनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। मोर्चे के नेताओं ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने के साथ ही गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की। कृषि कानूनों के विरोध समेत विभिन्न किसान समस्याओं को लेकर 27 सितंबर को भारत बंद का एलान भी किया गया। वक्ताओं ने साफ किया कि संयुक्त किसान मोर्चा चुनाव नहीं लड़ेगा, बल्कि वोट की चोट से अपना हक लेगा। महापंचायत में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि 22 जनवरी से सरकार ने आंदोलनकारियों से बातचीत बंद कर दी थी, मगर किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में बड़ी बैठकें होंगी, यह देश बचाने का मिशन है। देश बचेगा तभी संविधान बचेगा। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून देश बेचने का हिस्सा हैं। लगातार देश की संस्थाओं और धरोहर को बेचा जा रहा है। पूर्ववर्ती सरकार ने गन्ना मूल्य 40 से 80 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया, लेकिन भाजपा ने तीन साल से एक भी रुपया नहीं बढ़ाया। सरकारी कर्मचारियों की पेंशन खत्म कर दी गई, जबकि विधायक और सांसद पेंशन पाएंगे। ऐसी भेदभावपूर्ण नीति के खिलाफ लड़ना होगा। किसानों की लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक तीनों कानून वापस नहीं हो जाते। लालकिले पर ही नहीं, किसान संसद में भी जाएंगे। गन्ने का दाम कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। एमएसपी पर कानून की गारंटी हो और फसलों के दाम दोगुने मिलें।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार अदाणी, अंबानी समेत उद्योगपतियों को सरकारी संपत्ति बेच रही है। कृषि क्षेत्र भी कारपोरेट सेक्टर को परोसा जा रहा है। कहा कि आंदोलन केवल किसानों का नहीं, सभी का है। करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज करवाने वाले अधिकारी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, अन्यथा किसान सात सितंबर को हरियाणा सचिवालय घेरेंगे। किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि योगी सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों से छल किया। योगी सरकार हिदू-मुस्लिम की राजनीति करती है। नारा दिया कि तुम तोड़ोगे, हम जोड़ेंगे। कहा कि गेहूं, धान, चना की सरकारी खरीदारी 18 फीसद भी नहीं हुई। किसानों के बीमे के नाम पर करोड़ों रुपये की लूट हुई। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सभी आ आभार जताया।
महापंचायत में आया हूं, मुजफ्फरनगर नहीं : भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून वापस होने तक उनकी घर वापसी नहीं होगी। गाजीपुर बार्डर पर उनकी कब्र बनेगी या वह जीत कर आएंगे। उन्होंने कहा कि आज संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में आया हूं, घर नहीं। मुजफ्फरनगर की धरती पर कदम नहीं रखूंगा। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई एमएसपी पर कानून बनने से शुरू हुई है। यदि किसान को पूर्ण रूप से फसलों के दाम नहीं मिलते तो किसान भी वोट नहीं करेंगे। अब पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन करेगा।
हर-हर महादेव और अल्लाह हो अकबर : चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के जमाने से यहां एक साथ हर-हर महादेव और अल्लाह हो अकबर गूंजता था, ऐसा आगे भी होता रहेगा। उन्होंने मंच से हर-हर महादेव और अल्लाह हो अकबर कहने के बाद अपने संबोधन की समाप्ति वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह के साथ किया। बाद में खाप चौधरियों ने नारे लगवाकर महापंचायत का समापन किया।
यह भी पढ़ें : किसान महपंचायत को लेकर विपक्ष पर हमलावर सीएम योगी आदित्यनाथ, बोले- किसान नहीं, उनके नाम पर दलाली करने वाले परेशान