आइबी की परीक्षा देने आया मुन्ना भाई पकड़ा
आइबी की परीक्षा देने आए मुन्ना भाई को अधिकारियों ने गेट पर पकड़ लिया। आरोपित बुलंदशहर निवासी युवक की परीक्षा देने के लिए आया था। मेरठ
जेएनएन, मेरठ : आइबी की परीक्षा देने आए मुन्ना भाई को अधिकारियों ने गेट पर पकड़ लिया। आरोपित बुलंदशहर निवासी युवक की परीक्षा देने के लिए आया था। फोटो का मिलान नहीं होने पर उसे दबोच लिया गया। आइबी के असिस्टेंट डायरेक्टर की ओर से गंगानगर थाने में तहरीर दी गई है।
गंगानगर ए ब्लॉक स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में रविवार को आइबी की सिक्योरिटी असिस्टेंट की मुख्य परीक्षा थी। एक घंटे की परीक्षा सुबह दस बजे शुरू होनी थी। 129 परीक्षार्थियों को आना था। केंद्र में परीक्षार्थियों के दाखिल होने से पहले आइबी के अधिकारी जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्हें सुनील पुत्र पदम सिंह निवासी गुलावठी के गांव बहरोड़ा बुलंदशहर की जगह परीक्षा देने आए युवक पर शक हुआ। उसका फोटो फार्म पर चस्पा फोटो से मिलान नहीं हो रहा था। उससे पूछताछ शुरू की तो वह घबरा गया। अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया। आरोपित ने अपना नाम रोहित कुमार पुत्र जय सिंह निवासी गंगानगर कसेरू बक्सर बताया। बताया कि वह मेरठ कॉलेज में बीएससी फाइनल का छात्र है। सुनील मेरठ कॉलेज से एमए कर रहा है। वहीं दोनों की दोस्ती हुई थी। इस मामले में आइबी के असिस्टेंट डायरेक्टर की तहरीर पर गंगानगर पुलिस ने आरोपित को पकड़ लिया।
चर्चा बड़े गैंग की, आरोपित दोस्ती बता रहा
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मामला सॉल्वर गैंग से जुड़ा हुआ है। पैसे लेकर ही आरोपित परीक्षा देने आया था। प्री परीक्षा पहले हो चुकी है। रविवार को मुख्य परीक्षा थी। वहीं, आरोपित का कहना है कि सुनील उसका दोस्त है। उसने ही परीक्षा देने के लिए कहा था। उसका कहना था कि वह तैयारी नहीं कर पाया, इसलिए उसे परीक्षा देने के लिए भेज दिया। दस मिनट में आरोपित की कुंडली खंगाल डाली
मेरठ : रविवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे आरोपित रोहित केंद्र में सुनील की परीक्षा देने के लिए दाखिल हुआ था। इस दौरान अफसरों ने कागजात मिलान किए तो फार्म पर चस्पा उसका फोटो सुनील से नहीं मिला। अधिकारियों ने उससे पूछताछ की तो पहले वह बरगलाने लगा। इधर-उधर की बात करने लगा। दाढ़ी बढ़ी होने की बात करते हुए चकमा देने की कोशिश की। अधिकारियों ने सख्ती दिखाई तो उसने बताया कि वह दोस्त का पेपर देने के लिए आया था। इसके बाद अफसरों ने सिर्फ दस मिनट में ही आरोपित की पूरी कुंडली खंगाल डाली। मसलन, वह कहां रहता है, कहां पढ़ता है, परिवार में कौन-कौन हैं, यहां कैसे आया आदि सवालों के सारे जवाब उनके पास थे। टीम करती है कापियों की पैकिंग भी
परीक्षा के दौरान आइबी के अफसरों की पूरी टीम आती है। हर छोटी-छोटी बात का ध्यान रखा जाता है। सूत्रों का कहना है कि सतर्कता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षार्थियों की कापियों की पैकिंग आइबी वाले ही करते हैं। इसका ही नतीजा है कि आरोपित गेट पर ही दबोच लिया गया। कहीं प्री परीक्षा किसी और ने तो नहीं दी
पूर्व में शिक्षक, प्रधानाचार्य, पुलिस, एमबीबीएस और अब आइबी की परीक्षा में सेंधमारी की कोशिश की गई। मुख्य परीक्षा के दौरान साल्वर आइबी के अधिकारियों के हाथ चढ़ गया। ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि कहीं प्री परीक्षा भी परीक्षार्थी के बजाय किसी ओर ने ही दी हो। अफसरों की जांच में यह बिंदु भी अहम रहेगा।
पश्चिमी उप्र में 2005 के बाद से ही कई गिरोह सक्रिय हैं। इनमें बागपत जिले का अरविंद राणा, सोनीपत का विक्रम व संजय दहिया, गोहाना का नवीन मलिक व बिजनौर का योगेश आदि कई बड़े गैंग हर परीक्षा पर नजर रखते हैं। बागपत जिले में तो कई गिरोह अलग-अलग तरीकों से गैंग चला रहे हैं। विशेषकर बड़ौत क्षेत्र के गांवों में रहने वाले शिक्षा माफिया का देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों में गठजोड़ है।
पूर्व में पकड़ में आए ये मामले
-नौ जुलाई : मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की परीक्षा के दौरान दबोच मुन्नाभाई
-17 फरवरी : उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की परीक्षा खरखौदा के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय इंटर कॉलेज में चल रही थी। यहां भाई ही परीक्षा दे रहा था।
-जनता इंटर कालेज भूड़बराल में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा देता हुआ पकड़ा।
-15 फरवरी : परीक्षितगढ़ के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की अंग्रेजी की परीक्षा देते हुए दबोचा।
- 29 जनवरी : सिपाही भर्ती परीक्षा में सेंधमारी, तीन दबोचे।