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नगर निगम: कचरा भरेगा नगर निगम का खजाना

बेकार समझकर फेंक दिया जाने वाला कचरा अब नगर निगम का खजाना भरेगा। नगर निगम ने आय बढ़ाने को लेकर 2021-22 का जो रोडमैप तैयार किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:07 AM (IST)
नगर निगम: कचरा भरेगा नगर निगम का खजाना
नगर निगम: कचरा भरेगा नगर निगम का खजाना

मेरठ, जेएनएन। बेकार समझकर फेंक दिया जाने वाला कचरा अब नगर निगम का खजाना भरेगा। नगर निगम ने आय बढ़ाने को लेकर 2021-22 का जो रोडमैप तैयार किया है। उसमें कचरे को आय के बड़े स्रोत के रूप में देखा जा रहा है। नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि कचरे से करीब 24 करोड़ सालाना आय होगी।

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नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल चार कचरा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए लगभग 30 करोड़ का प्रस्ताव रखा है। इसमें से एक प्लांट गांवड़ी में स्थापित कर लिया गया है, जिसकी क्षमता प्रतिदिन 150 टन कचरे के निस्तारण की है। जबकि 300-300 टन क्षमता के दो प्लांट लोहिया नगर और मंगतपुरम में लगाए जाने हैं। वहीं, कंकरखेड़ा में ट्रॉमल तकनीक पर आधारित 150 टन का प्लांट लगाया जाना है। गांवड़ी का प्लांट शुरू हो चुका है। मई से पहले दो और प्लांट स्थापित करने की तैयारी है। नगर निगम अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि चारों प्लांट प्रारंभ होने पर प्रतिदिन 180 टन कंपोस्ट (खाद) का उत्पादन होगा। जिसे किसानों को निश्शुल्क दिया जाएगा। ऐसा करने पर केंद्र सरकार से प्रति टन 1500 रुपये की प्रतिपूर्ति नगर निगम को प्रदान की जाएगी। इसके लिए नगर निगम जल्द लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करेगा। इन कचरा प्लांटों से निकलने वाली कंपोस्ट से न्यूनतम आठ करोड़ रुपये वार्षिक आय संभव है। इसी प्रकार कचरा प्लांट से निकलने वाले आरडीएफ (पॉलीथिन व प्लास्टिक) से बिजली बनाने के लिए बिजेंद्रा एनर्जी एंड रिसर्च से अनुबंध किया गया है। प्रतिदिन 200 टन आरडीएफ दिया जाना है। 50 पैसे प्रति किलो के हिसाब से आरडीएफ दिया जाएगा। इससे लगभग चार करोड़ रुपये वार्षिक आमदनी होने का अनुमान है। अर्थात कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन से लगभग 12 करोड़ सालाना आय की उम्मीद नगर निगम अधिकारी कर रहे हैं।

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से

उधर नगर निगम ने यूजर चार्ज लगाने के लिए गजट नोटिफिकेशन प्रकाशित कर दिया है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन से नगर निगम एक घर से न्यूनतम 30 रुपये और व्यवसायिक संस्थानों से 50 रुपये से लेकर 1000 रुपये प्रतिमाह यूजर चार्ज वसूलेगा। यह वसूली मार्च से शुरू हो सकती है। 2.78 लाख कुल संपत्तियां नगर निगम में दर्ज हैं। इनमें से 40 हजार संपत्तियां व्यवसायिक हैं। इस हिसाब से निगम को प्रतिवर्ष 12.50 करोड़ की आमदनी कचरा उठाने से होगी।

यह है कचरा प्रबंधन का प्लान

-गांवड़ी, लोहिया नगर, कंकरख्ेाड़ा नगलाताशी और मंगतपुरम में बैलेस्टिक प्लांट लगेंगे।

-नगर निगम घरों से गीला और सूखा कचरा कलेक्ट करेगा। जो बैलेस्टिक प्लांट पहुंचाया जाएगा।

-प्लांट परिसर में एमआरएफ सेंटर बनेगा। जहां लोहा, बोतल बड़ी सामग्री कचरे से रैग पिकर्स छांटेंगे।

-प्लांट में मौजूद क चरे पर ईनाकुमल कल्चर का छिड़काव कर दुर्गध रहित कंपोस्ट में बदला जाएगा।

- दुर्गध रहित कंपोस्ट को बैलेस्टिक सेपरेटर से छानकर ईट-पत्थर, आरडीएफ और कंपोस्ट अलग किया जाएगा।

- कचरे से निकला ईट-पत्थर, रोड़ी आदि को लैंडफिल के काम में लाया जाएगा।

- कचरे से निकले आरडीएफ से ईधन गैस और बिजली बनाई जाएगी।

- कचरे से निकली कंपोस्ट को किसानों को निश्शुल्क दिया जाएगा।

वर्जन:::

कचरा प्रबंधन पर निगम योजनाबद्ध काम कर रहा है। एक साल के भीतर शहर में उत्पन्न 100 फीसद कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन से निस्तारण शुरू हो जाएगा। जीरो लैंडफिल टेक्नोलॉजी (जितना कचरा उत्पन्न होगा उतने का निस्तारण) को अपनाया गया है। कचरे से बिजली बनते ही यह शहर कचरे का महत्व समझेगा। लोगों की आदतें बदलेंगी। वेस्ट टू कैफे सेंटर की शुरुआत शहर में हो चुकी है। नगर निगम में संसाधनों की कमी के कारण व्यवस्थाएं बनाने में थोड़ा समय लग रहा है।

डा. अरविंद कुमार चौरसिया, नगर आयुक्त।


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