गांवड़ी प्लांट में डंप आरडीएफ बेचेगा नगर निगम
काली नदी किनारे कूड़ा डंपिंग पर एनजीटी के सख्त रुख के बाद गांवड़ी में व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद तेज हो गई है। नगर निगम प्लांट में डंप आरडीएफ(प्लास्टिक कचरा) बेचेगा।
जेएनएन, मेरठ। काली नदी किनारे कूड़ा डं¨पग पर एनजीटी के सख्त रुख के बाद गांवड़ी में व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद तेज हो गई है। नगर निगम प्लांट में डंप आरडीएफ(प्लास्टिक कचरा) बेचेगा। इसके लिए ई- टेंडर जारी कर दिया है। कचरे से छनने वाले गंदे पानी(लीचेट) के ट्रीटमेंट के लिए कलेक्शन पिट भी बनाया जाएगा। गावड़ी प्लांट के अंदर लगभग 18000 टन आरडीएफ डंप है। इसका निस्तारण नगर निगम के लिए चुनौती है। बैलेस्टिक सेपरेटर मशीन से गांवड़ी में प्रतिदिन 150 टन कूड़े से आरडीएफ, ईंट-पत्थर और कंपोस्ट मैटेरियल अलग-अलग किया जाता है। इसमें लगभग 30 फीसद आरडीएफ निकलता है। इसके निस्तारण की नगर निगम के पास व्यवस्था नहीं है। इससे आरडीएफ का पहाड़ खड़ा हो गया है। नगर निगम ईंट-पत्थर (इनर्ट) का उपयोग लैंडफिल में कर लेता है। नगर निगम ने ई-टेंडर निकाला है। आरडीएफ खरीदने वाली कंपनियों या ठेकेदारों से 25 सितंबर तक टेंडर मांगे गए हैं। सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल ¨सह ने बताया कि टेंडर के जरिये आरडीएफ खरीदी की प्रति टन जो भी दरें प्राप्त होंगी, उन्हीं में से उचित दर को फाइनल किया जाएगा। मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही एनजीटी ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक कमेटी को व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले जमा करने के निर्देश दिए हैं। जल्द शुरू होगा लीचेट कलेक्शन पिट का निर्माण डंप कचरे से गंदा पानी छनकर भूजल स्तर खराब कर रहा है। एनजीटी में इसकी शिकायत की गई है। इसे देखते हुए नगर निगम यहां लीचेट कलेक्शन पिट बनाएगा। इस पिट के पास कचरा डंप करने के लिए पक्का प्लेटफार्म बनाया जाएगा। यह नालियों से पिट तक जुड़ा होगा। कचरे से छनने वाला गंदा पानी लीचेट कलेक्शन पिट तक पहुंचेगा। इसे ट्रीट किया जाएगा। दोनों कामों के लिए नगर निगम में सोमवार को टेंडर की वित्तीय बोली खुलेगी। काली नदी के 120 मीटर की दूरी से कचरे की सफाई भी शुरू कर दी गई है।