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Mukim Kala News: पश्‍चिम यूपी ही नहीं, दिल्ली-राजस्थान तक था मुकीम का आतंक, दूसरे जिलों में तैयार कर रखे थे शूटर

Mukim Kala Murder News Update कुख्‍यात मुकीम काला ने हरियाणा दिल्ली राजस्थान के उदयपुर-जयपुर में की थी आपराधिक वारदातें । जेल में हुई उसकी मौत पर तनिष्क शोरूम के मालिक बोले अब मिला दिल को सुकून ।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 08:40 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 08:40 PM (IST)
यूपी के अलावा अन्‍य राज्‍यों में भी था मुकीम का आतंक।

सहारनपुर, जेएनएन। मुतस्फा उर्फ कग्गा के बाद गैंग की कमान संभालने वाला मुकीम काला का पश्चिम उत्तर प्रदेश में ही नहीं, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के भी कई जिलों में आतंक था। उसने अपने शूटर दूसरे जिलों में भी तैयार किए गए हुए थे। राजस्थान के उदयपुर और जयपुर के कई व्यापारियों से भी आरोपित ने रंगदारी वसूली थी। यहीं नहीं, उसने एक बार राजस्थान के जयपुर से एक व्यापारी के अपहरण का प्रयास किया था। हालांकि अपहरण नहीं कर पाया था।

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यहां-यहां किए मुकीम ने अपराध

मेरठ एसटीएफ के सीओ बृजेश सिंह ने बताया कि जिस समय उन्होंने 2015 में मुकीम काला को गिरफ्तार किया और उसके पास से एके-47 बरामद हुई तो उससे उसके अपराध के बारे में पूछताछ की गई। उसने बताया कि उसने हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत, राजस्थान के उदयपुर, जयपुर, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत, शामली, गाजियाबाद, नोएड़ा, बरेली आदि जिलों में अपराध को अंजाम दिया है। जिस समय सहारनपुर के तनिष्क शोरूम में आरोपित ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। उस समय उसके गैंग में 17 बदमाश थे। हरियाणा में अधिकतर मुकीम ने पेट्रोल पंप पर लूटपाट की है।

साबिर के पास रहता था लूटपाट का माल

2015 में गिरफ्तारी के दौरान आरोपित ने बताया था कि जब भी वह किसी वाहन काे लूटते हैं तो साबिर के ठिकानों पर लूट के यह वाहनों को रखा जाता था। जंधेड़ी में साबिर का एनकाउंटर होने के बाद उनका आधा लूट का माल खप गया था। लूट के वाहनों से ही वह अपराध को अंजाम देते थे। रिश्तेदारों के यहां ठहरता था गैंगमुकीम काला ने अपने एक रिश्तेदार के नाम पर दिल्ली के सीमापुरी में एक फ्लैट लिया हुआ था। अधिकतर वह यहीं पर अपराध करने के बाद ठहरता था। जब इस फ्लैट के बारे में एसटीएफ को जानकारी मिल गई तो इसे छोड़ दिया। इसके बाद वह मेरठ, सहारनपुर में अपनी और साबिर की रिश्तेदारियों में रहने लगा था।

नहीं कर सकी थी पुलिस पैरवी

14 अक्टूबर 2011 को बेहठ के धौलाना चेकपोस्ट पर लूटपाट कर भाग रहे मुकीम काला को जब सिपाही बलबीर ने रोकने का प्रयास किया तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात के 13 दिन के बाद ही मुस्तफा उर्फ कग्गा को पुलिस ने ढेर कर दिया था, लेकिन बाकी तो कग्गा के साथी पकड़े गए थे। अदालत में पुलिस की लचर पैरवी के चलते वह सब छूट गए थे।


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