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Mukim Kala Murder: पुलिस से पंगे लेकर खाकी के निशाने पर आया था मुकीम गिरोह, पढ़ें इसकी आपराधिक वारदातें

कुख्‍यात बदमाश मुकीम काला अपने गैंग के बीस साथियों के साथ मिलकर वेस्ट यूपी समेत हरियाणा तथा पंजाब में आपराधिक वारदातें किया करता था। उसके गैंग के सभी सदस्यों पर पुलिस रिकार्ड में कुल 81 मुकदमे दर्ज हैं। लगातार वारदातों से वह पुलिस के निशाने पर आया।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 06:30 PM (IST)
हरियाणा के पानीपन में चोरी करके अपराध की दुनिया में रखा पहला कदम।

शामली, [पंकज ऐरन]। अपराध की दुनिया में मुकीम काला भी अन्य बदमाशों की तरह ही था, जो कि अपने गैंग के बीस साथियों के साथ मिलकर वेस्ट यूपी समेत हरियाणा तथा पंजाब में आपराधिक वारदातें किया करता था। उसके गैंग के सभी सदस्यों पर पुलिस रिकार्ड में कुल 81 मुकदमे दर्ज हैं। इन वारदातों के बाद भी मुकीम गैंग यूपी पुलिस की आंखों में चुभने की हालत में नहीं था, लेकिन मुकीम गैंग के बढ़ते हौसलों ने उसके हाथ आम लोगों के बाद पुलिस के गिरेबान तक पहुंचा दिए। इसके बाद खाकी ने गिरोह पर शिकंजा कसा तो गिरोह जेल की सलाखों के पीछे है।

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यह है जयराम का इतिहास

पुलिस रिकार्ड के अनुसार, गांव में दादागीरी कर युवकों पर रौब गालिब करने वाले मुकीम ने जरायम के पायदान पर पड़ोसी राज्य हरियाणा के पानीपत में चोरी कर पहला कदम रखा। पानीपत सदर थाने में दर्ज मुकदमा नंबर 168 वर्ष 2010-धारा 457,380 वह मुकदमा है, जिसके बाद मुकीम ने ताबड़तोड़ गंभीर अपराध किए। मुकीम गिरोह के खिलाफ पुलिस का रिकार्ड 81 मुकदमे दर्ज दर्शा रहा है, जबकि अकेले मुकीम पर पुलिस ने लूट, हत्या, जानलेवा हमला आदि के 60 मुकदमे दर्ज होना बताया है। मुकदमों की भरमार के बाद भी मुकीम गैंग यूपी पुलिस के टारगेट पर नहीं था।

वारदातें दर वारदातें

यूपी पुलिस मुकीम गैंग के पीछे तब पड़ी जब शामली के झिंझाना थानांतर्गत बिड़ौली के पास गैंग ने 5 जुलाई 2011 को कग्गा आदि के साथ मिलकर सिपाही सचिन की हत्या कर डाली। मुकीम गैंग ने थाना बेहट सहारनपुर के धौलाकुंआ में चौदह अक्टूबर 2011 को रायल्टी के कैश लूटने के दौरान सिपाही बलबीर व होमगार्ड पर हमला कर दिया। इसमें सिपाही बलबीर की मौत हो गई। मुकीम गैंग ने फरवरी 2015 में सहारनपुर में सीओ के हमराह सिपाही राहुल ढाका की हत्या कर कारबाइन लूट ली। बेहट में मुकीम गैंग ने 12 अगस्त 2013 को रायपुर में सुरक्षा कर्मी को गोली मारकर घायल कर राइफल लूट की वारदात को अंजाम दिया। शामली में नया बाजार स्थित आबकारी कार्यालय के गार्डद को गोली मार कर उसकी बंदूक लूट ली थी।

पुलिस महकमे में निशाने पर

पुलिस के तीन कर्मियों को खोने के घायल होने के बाद तो पूरे पुलिस महकमे में मुकीम गैंग निशाने पर आ गया था। बीस अक्टूबर 2015 को नोयडा में मुकीम व साबिर को गिरफ्तार करने वाले एसटीएफ के आईजी सुजीत पांडेय ने उस समय जानकारी दी थी कि मुकीम ने अपने साथियों के साथ सहारनपुर के तनिष्क शोरूम, गंगोह में सत्तर लाख की लूट, यमुना नगर में दो लाख की लूट तथा पुलिसकर्मियों को अपना शिकार बनाकर पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंक का माहौल पैदा कर दिया था। तीतरों में ग्रामीणों ने वारदात करने पहुंचे गिरोह के दो सदस्यों को मार गिराया था। इस गिरोह को सूचीबद्ध भी किया गया था।


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