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Mukim Kala Murder: चिनाई मजदूर से आतंक का पर्याय बन गया था मुकीम, ऐसे बनाया अपना गिरोह

चित्रकूट की जेल में शुक्रवार को आंतक का पर्याय बने मुकीम काला को गैंगवार में मौत के घाट उतार दिया गया। आठवी तक पढ़ा और राज मिस्त्री के साथ मामूली मजदूरी करने वाला मुकीम काला दस सालों में ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बन गया था।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 07:00 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 07:00 PM (IST)
Mukim Kala Murder: चिनाई मजदूर से आतंक का पर्याय बन गया था मुकीम, ऐसे बनाया अपना गिरोह
शातिर मुकीम काला सबसे पहले मुस्‍तफा कग्‍गा गिरोह में शामिल हुआ था।

योगेश कुमार 'राज', शामली। Mukim Kala Murder आठवी तक पढ़ा और राज मिस्त्री के साथ मामूली मजदूरी करने वाला मुकीम काला दस सालों में ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में आतंक का पर्याय बन गया। उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश, हरियाणा में उसके खिलाफ लूट, हत्या और रंगदारी समेत 61 मुकदमे दर्ज हैं। कैराना में उसकी हिस्ट्रीशीट है। कैराना कोतवाली के गांव जहानपुरा निवासी मुस्तकीम की छह संतानों में मुकीम सबसे बड़ा था। वर्ष 2012 से पहले वह राजमिस्त्री के साथ मजदूरी करता था। उससे वर्ष 2012 में अपराध की दुनिया में बड़ी वारदात से कदम रखा। अपने साथियों इरफान, प्रसन्ना(सोनीपत) और गुलजार (देवबंद) के साथ मिलकर पानीपत रोड पर विजय कुमार से 86 लाख रुपये लूटे थे।

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मुस्तफा कग्गा गिरोह

सबसे पहले वह सहारनपुर निवासी मुस्तफा कग्गा के गिरोह में शामिल हुआ। कग्गा को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया तो मुकीम ने खुद अपना गिरोह बना लिया। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह लगातार अपराध करता रहा। सहारनपुर, शामली, सोनीपत, मुजफ्फरनगर समेत विभिन्न जिलों के विभिन्न थानों में उसके नाम लगातार मुकदमे दर्ज होते रहे। वह लूट, हत्या और रंगदारी की वारदात करता रहा। वर्तमान में उसके खिलाफ 61 मुदकमे दर्ज हैं। उसके गिरोह में डेढ़ दर्जन से ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं। उसने सहारनपुर में सीओ पर हमला करके उनकी सुरक्षा में तैनात सिपाही की कारबाइन लूट ली थी। पुलिस आज तक भी उस कारबाइन को बरामद नहीं कर पाई है। पुलिस ने एक लाख रुपये के इनामी उसके साथी साबिर जंधेड़ी को मुठभेड़ में मार गिराया था। चित्रकूट की जेल में बंद मुकीम काला को शुक्रवार को उसके साथ ही जेल में बंद अपराधी ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।

हर अपराध जघन्यतम अपराध

मुकीम काला छोटा-मोटा अपराध नहीं करता था। उसका मुख्य धंधा रंगदारी वसूलना था। रंगदारी देने में जिसने भी आनाकानी की, उसने उसे ही मौत के घाट उतार दिया। कैराना में दो सगे भाईयों समेत उसने तीन व्यापारियों को दिन-दहाड़े मौत के घाट उतार दिया था। उसने तनिष्क के शोरूम में भी करोड़ों रुपये की डकैती डाली। जिले में उसने पहला अपराध 86 लाख रुपये की लूट का किया था। इस लूट से पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। उसके खिलाफ मामूली धाराओं का शायद ही कोई मुकदमा हो।

अपराधिक इतिहास

थाना        मुकदमे

कैराना       19

सहारनपुर   33

कांधला       01

देहरादून      01

पानीपत     06

यमुनानगर  01 


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