यूपी चुनाव 2022: भाजपा छोड़ सपाई हुए मुखिया गुर्जर, बयां किया दर्द, इस सीट से मिला टिकट
UP Assembly Election 2022 भाजपा नेता मुखिया गुर्जर ने 14 साल बाद सपा में वापसी कर ली। अमरोहा की हसनपुर सीट से सपा ने बनाया प्रत्याशी । बेटा कुलविंदर सिंह भाजपा से रहे हैं जिपं अध्यक्ष ।
मेरठ, जागरण संवाददाता। भाजपा नेता मुखिया गुर्जर ने 14 साल बाद सपा में वापसी कर ली। सपा ने उन्हें अमरोहा की हसनपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया है। सिंबल भी मिल गया है। मुखिया भाजपा का पुराना चेहरा हैं और बयानबाजी की वजह से विवादित भी रहे हैं। उनके बेटे कुलविंदर सिंह मेरठ से भाजपा की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं। वह पथिक सेना नाम से अपना एक संगठन भी चलाते हैं।
वह इससे पहले बागपत लोकसभा सीट से दो बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। बागपत जिले की खेकड़ा विधानसभा सीट से भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। राजस्थान में अलवर जिले की बानसूर विधानसभा सीट से भी वह भाग्य आजमा चुके हैं।
मुखिया दबाव बनाते रहे, पार्टी किनारे करती रही
भाजपा की ओर से मुखिया के बेटे कुलविंदर सिंह जिपं अध्यक्ष बने थे। लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान मुखिया ने गुर्जर समाज की सभा की। प्रचार अभियान चलाया। उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वह एक बार अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे। जिपं का कार्यकाल पूरा होने पर फिर चुनाव का समय आया तो भाजपा ने कुलविंदर को प्रत्याशी नहीं बनाया। मुखिया की ओर से दबाव भी बनाया गया मगर विरोधी गुट उन्हें अलग-थलग करने में जुटा रहा। इस पर मुखिया के परिवार से जिपं की राजनीति छिन गई। इस बार विधानसभा चुनाव में भी मुखिया टिकट के लिए दबाव की राजनीति करते रहे। सम्राट मिहिर भोज को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा पर निशाना भी साधा था। हाल में जिपं में पथिक गुर्जर की तस्वीर हटाने पर घुसकर तस्वीर लगाने की धमकी भी दी थी। यह सब बातें पार्टी में उनके खिलाफ होती चली गईं।
भाजपा ने उपेक्षा की, अपमानित किया : मुखिया
मुखिया गुर्जर का कहना है कि वह 14 साल तक भाजपा में रहे। इससे पहले वह 11 साल सपा में थे। अब उन्होंने घर वापसी की है। भाजपा के साथ वह पूरे तन-मन के साथ लगे रहे लेकिन उनको योगदान को महत्व नहीं दिया गया। उनकी उपेक्षा की गई। अपमानित किया गया।