कारपोरेट टैक्स में कटौती से एमएसएमई सेक्टर को नहीं मिलेगी खास राहत, लोन को लेकर भी संशय Meerut News
मेरठ की 50 फीसद इकाइयां साझेदारी में नहीं मिलेगी राहत। नए निवेशकों को फायदा किंतु ऋण के दबाव से कैसे निपटेंगे बैंक।
मेरठ, जेएनएन। अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने के लिए टैक्स की दरों में कमी से औद्योगिक चेहरे पर चमक के साथ चिंता भी उभरी है। उद्यमियों ने 400 जिलों में लोन मेला लगाने और शेयर बाजार के लिए राहत पैकेज का स्वागत कर रहे हैं, वहीं कारपोरेट टैक्स में कटौती को महज बड़े घरानों के लिए राहत बताया। प्रोपराइटरशिप व पार्टनरशिप की इकाइयों को फायदा न मिलने पर निराश हैं। उद्यमियों का कहना है कि कारपोरेट टैक्स में कटौती से एमएसएमई सेक्टर को खास राहत नहीं मिलेगी। उधर, बैंकों से लोन को लेकर भी संशय बना हुआ है।
बैंक देंगे लोन...पर एनपीए का क्या
वेस्टर्न यूपी चेंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष डा. रामकुमार गुप्ता का कहना है कि कारपोरेट टैक्स में कटौती से उद्योगों के पास लिक्विडिटी बढ़ेगी। इससे निवेश को भी मजबूती मिलेगी। उनका मानना है कि केंद्र सरकार ने दूरगामी कदम उठाया है। शनिवार को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बजट में बदलाव को लेकर मंथन किया। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज गुप्ता का कहना है कि 250 करोड़ टर्नओवर वाली इंडस्ट्री को बड़ा फायदा होगा, लेकिन बैंकों को पांच गुना लोन बांटने का फरमान अच्छा है। किंतु एनपीए के बोझ से डूबते बैंकों के लिए ये कितना आसान होगा। मेरठ में बड़ी संख्या में बीमार इकाइयां हैं। कई कंपनियां एनपीए की कगार पर खड़ी हैं। उद्यमियों को आशंका है कि बैंक अब भी ऋण देने में आनाकानी करेंगे। अगर लोन दिया तो तीन साल बाद बैंकों की आर्थिक रीढ़ चरमरा जाएगी।
तीन फीसद की राहत भी बढ़ाएगी नकदी
25 फीसद के कारपोरेट टैक्स के दायरे में आने वाली इकाइयां अब 22 फीसद का भुगतान करेंगी। तीन फीसद की बचत को उद्योगों में नकदी बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है। टैक्स में बदलाव से नए निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा। एक अक्टूबर से पहले नई कंपनी लगाने वालों पर सिर्फ 15 प्रतिशत कारपोरेट टैक्स लागू होगा। इसे उद्यमशीलता बढ़ाने वाले कदम के रूप में देखा जा रहा है। उधर, रियल एस्टेट को लेकर केंद्र सरकार के प्रोत्साहन पैकेज पर उद्यमी राहत महसूस कर रहे हैं। कई प्रोजेक्टों को सरकार पूरा करेगी, जिसमें बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होगा। इकोनोमी को भी गति मिलेगी। बैंकों से ऋण मिला तो घरों की खरीद बढ़ेगी। इससे भी मंदी के बादल छंटेंगे।
क्या कहते हैं उद्यमी
जिस अनुपात में बड़ी कारपोरेट इकाइयों के आयकर टैक्स कम किए, उस अनुपात में एमएसएमई को राहत नहीं मिली है। व्यक्तिगत और साझेदारी की फर्मों को कोई छूट नहीं मिली। अगर व्यक्तिगत आयकर रेट में छूट की जाए तो व्यक्ति के हाथ में नकदी बढ़ेगी। इससे इकोनोमी को ताकत मिलती है।
- अनुराग अग्रवाल, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
केंद्र सरकार की घोषणा में मेरठ के लिए कुछ खास नहीं है। बड़े निवेशकों को टैक्स की दरों का ज्यादा फायदा होगा। मेरठ में 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रोपराइटरशिप व पार्टनरशिप की इकाइयां हैं, जबकि फायदा सिर्फ प्राइवेट लिमिटेड को होगा। ये सिर्फ स्टाक मार्केट में विदेशी निवेश बढ़ाने वाला बजट है। रियल एस्टेट में जरूर गति आएगी।
- अंकित सिंघल, सचिव, वित्त विशेषज्ञ व डायरेक्टर होटल क्रिस्टल पैलेस
रियल एस्टेट में अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने की दिशा में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। ये सेक्टर बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करेगा। बैंकों से लोन की राह आसान होने से लोगों की खरीद क्षमता बढ़ेगी। घरों की बिक्री होने से इकोनोमी अन्य क्षेत्रों में भी नकदी का प्रवाह बनाएगी।
- कमल ठाकुर, रियल एस्टेट व्यवसायी