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शुकतीर्थ में श्रीराम कथा में मोरारी बापू ने जीवन जीने को दिए तीन सूत्र-सत्य, प्रेम व करुणा Muzaffarnagar News

तीर्थनगरी शुकतीर्थ में श्रीराम कथा का श्रवण करने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से अनेक महिला-पुरुष श्रद्धालु नगरी में आए हुए हैं। श्रद्धालु नगरी में मंदिरों के दर्शन करने के साथ प्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू के मुख से ज्ञान की अमृत वर्षा में भीग रहे हैं।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 10:58 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 10:58 PM (IST)
शुकतीर्थ में श्रीराम कथा में मोरारी बापू ने जीवन जीने को दिए तीन सूत्र-सत्य, प्रेम व करुणा Muzaffarnagar News
शुकतीर्थ नगरी में चल रही श्रीराम कथा का चौथा दिवस

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। तीर्थनगरी शुकतीर्थ स्थित गंगा किनारे चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन मंगलवार को विश्वविख्यात कथा वाचक मोरारी बापू ने कहा कि अहंकार आने पर ज्ञान नष्ट हो जाता है। अहंकार मनुष्य के विनाश का कारण है। अभिमान से ज्ञान का नाश होता है। जीवन का अर्थ सेवा है और सेवा का अर्थ संपदा। सेवा मिल जाए जो धन्य और सेवा भाव जगे और सेवा न मिले तो भी आनंद रहो। कथा में भी तो सब सेवा ही करते हैं।

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लक्ष्मण में धर्म, राम में मोक्ष व शत्रुघ्न में अर्थ व भरत में काम है। काम दो शब्द हैं। काम का दूसरा अर्थ प्रेम है। सेवा मिले तो कोई गिला नहीं और सेवा न मिले तो भी कोई गिला नहीं। कथा में काल थम जाता है। सत्संग में समय स्थिर हो जाता है। कथा की यही महिमा है। प्रभु प्रेम की कामना करें। कठिन से कठिन सेवा करो, रामबाण जिसको लग जाए उसकी बोली भी श्रीराम जैसी हो जाती है। बापू ने कहा कि फकीरों व संतों का संग किया करो। हकीम हैैं जो अल्फाज से इलाज कर देते हैैं। प्रत्येक जड़ में चेतना समाहित है। बारह साल तक शुकदेवजी अपने मां के गर्भ में रहे। 12 साल एक युग माना जाता है। भागवत कथा जन-जन में चेतना का संचार करती है। बापू ने कहा कि किसी से मत मांगो, मांगना है तो बुद्ध पुरुष से मांगो और वह तो बिना मांगे ही सब कुछ दे देता है।

बापू बोले अपने फ्लावर को गंगा जल से सींचा है

श्रीराम कथा की वर्षा करते हुए मोरारी बापू ने कहा कि उन्होंने अपने फ्लावर को गंगा जल से सींचा है। इसलिए खान-पान का हमेशा ध्यान रखो। सात्विक खाना-पीना करो। नशा पान कतई न करो। राम कथा को व्यसन बना लो, सभी व्यसन दूर हो जाएंगे। मन से दुरुस्त होना है तन दुरुस्त हो जाएगा।

मास्क उतारते ही चीख पड़ेंगे बच्चे

बापू ने कहा कि कोरोना टेस्ट के समय मनुष्य बहुत घबराता है और निगेटिव आने पर खुश हो जाता है। कोरोना से घबराना नहीं है ये एक शारीरिक बीमारी है। कोरोना काल में जन्मे बच्चे देखते हैं कि सभी के मुंह पर मास्क लगा है और यदि मास्क उतार दिया तो बच्चे चीख पड़ेंगे कि यह कौन आ गया है। 


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