मानसून से आस..बुझेगी सबकी प्यास
मौसम विशेषज्ञों ने जनपद समेत समूचे पश्चिमी उप्र में इस बार मानसूनी बारिश सामान्य रहने के आसार जताए हैं। मौसम विभाग और निजी मौसम एजेंसियों ने इस बार 100 प्रतिशत बारिश होने का दावा किया है।
मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून सीजन की उलटी गिनती शुरु हो गई है। वर्तमान में मुंबई और पूर्वोत्तर राज्यों में मानसूनी बारिश के झोंकों ने दस्तक दे दी है। मौसम विशेषज्ञों के पूर्वानुमान को माने तो इस बार पिछले पांच सालों में सर्वाधिक बरसात होगी।
भारत में जून से सितंबर तक होने वाले सीजन में दक्षिण पश्चिम मानसून से बारिश होती है। ला-नीना के तटस्थ रहने के साथ अन्य जलवायु परिवर्तन दक्षिण पश्चिम मानसून के अनुकूल हैं। मौसम विशेषज्ञों ने जनपद समेत समूचे पश्चिमी उप्र में इस बार मानसूनी बारिश सामान्य रहने के आसार जताए हैं। मौसम विभाग और निजी मौसम एजेंसियों ने इस बार 100 प्रतिशत बारिश होने का दावा किया है।
ला-नीना जब जब सक्रिय होता है, उन वर्षो में बारिश अच्छी होती है। डा. यूपी शाही ने बताया कि मौसम विभाग और स्काइमेट ने पश्चिमी उप्र में सामान्य बारिश की संभावना जताई है। इसमें 2 से 5 प्रतिशत की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। 2013 में हुई ठीक-ठाक बारिश
चार माह की बारिश का औसत 634.4 मिमी यानि एमएम है। विगत आठ सालों के आकड़ों को देखें तो वर्ष 2013 में 721 एमएम बारिश हुई थी। शेष वर्षो में बारिश औसत से कम हुई है। वर्ष 2017 में भी सामान्य के आसपास 612 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। इस बार आकलन के अनुसार 630 एमएम के लगभग बारिश हुई तो यह पांच सालों में सर्वाधिक बारिश होगी। गत वर्षो के बारिश के आंकड़े
वर्ष मानसून सीजन में बारिश
2010 - 993
2011 - 605
2012 - 487
2013 - 721
2014 - 350
2015 - 535
2016 - 594
2017 - 612
2018 - 630 संभावित