मेडिकल कॉलेज कोरोना सैंपल प्रकरण : डीएम सख्त खफा,एडीएम सिटी और सीएमओ दो दिन में देंगे जांच रिपोर्ट Meerut News
मेडिकल कालेज में कोरोना मरीजों का ब्लड सैंपल बंदर लेकर भाग गए। डीएम ने प्राचार्य एसके गर्ग को तलब किया। लैब टेक्नीशियन खेमकरन को भी कड़ी फटकार लगाई गई है।
मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कालेज में कोरोना मरीजों का ब्लड सैंपल बंदर लेकर भाग गए। इसका वीडियो वायरल होने पर प्रदेश में हड़कंप मच गया है। जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने प्राचार्य एसके गर्ग को तलब किया। लैब टेक्नीशियन खेमकरन को भी कड़ी फटकार लगाई गई है। जिलाधिकारी ने एडीएम सिटी और सीएमओ की जांच समिति गठित करके दो दिन में रिपोर्ट तलब की है।
पहले भी हो चुकी फजीहत
कोरोना प्रकरण में लगातार वीडियो वायरल होने से मेडिकल प्रशासन प्रदेश सरकार के निशाने पर है। कोरोना वार्ड की बदहाली की वीडियो वायरल होने से देशभर में छीछालेदर हुई, और लंबे समय से कार्यरत प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता को हटा दिया गया। शुक्रवार को मेडिकल कर्मचारियों की जानलेवा लापरवाही पर देशभर के वैज्ञानिक हैरान हैं। डीएम ने बताया कि जांच समिति से दो दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
लैब टेक्नीशियन ने ही बनाया था वीडियो, डाक्टर भी फंसे
लैब टेक्नीशियन ने वीडियो में दावा किया है कि उसने बंदरों द्वारा सैंपल छीनने की सूचना डाक्टरों को दी थी। सीएमएस डा.धीरज राज ने कहा कि वीडियो लैब टेक्नीशियन ने ही बनाया। वीडियो में इलेक्ट्रीशियन प्रवीण की भी आवाज आ रही है। तत्काल सूचना मिलने के बावजूद मामले को हल्के में लिया गया और मरीजों का दोबारा सैंपल लेने के लिए कहा गया। बंदरों ने जहां सैंपल गिराए हैं, वहां सैनिटाइजेशन भी नहीं कराया गया है।
बंदर हो सकते हैं पॉजिटिव
मेडिकल कालेज के डाक्टरों का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव मरीज के गले व नाक के स्वैब का सैंपल बेहद संक्रामक है, किंतु उनका ब्लड लेने वालों की पीपीई किट और दस्ताने संक्रमित हो सकते हैं। वीडियो में बंदर यही खाते नजर आ रहे हैं। जेनेटिक सांइस के जानकारों का कहना है कि मनुष्यों की तरह बंदरों में भी एसीई-2 रिसेप्टर होते हैं, जिनके सहारे वायरस शरीर में दाखिल होता है। बंदर की जेनेटिक संरचना पूरी तरह आदमी से मिलती है। विदेशों में बंदरों पर भी ट्रायल किए गए हैं।