दारुल उलूम के मोहतमिम नौमानी ने की अमन बरकरार रखने की अपील, कहा हजरत साहब की तौहीन का मसला अति निंदनीय
दारुल उलूम के मोहतमिम बोले भारतीय मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं हुईं आहत। फ्रांस सरकार द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देकर नबी-ए-पाक की शान में गुस्ताखी करने वाले की हिमायत करने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो गंभीर स्थिति पैदा हुई है वह बेहद चिंताजनक है।
सहारनपुर, जेएनएन। फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी के बाद दुनियाभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच दारुल उलूम देवबंद ने अपील जारी की है। इसमें हिंसा न कर अमन बरकरार रखने की अपील की गई है। वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति की निंदा और भारत द्वारा फ्रांस का समर्थन किए जाने पर दुख का इजहार किया।दारुल उलूम के मोहतमिम ने की अपील
मंगलवार को दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने जारी अपील में कहा कि नबी-ए-करीम हजरत मोहम्मद साहब की तौहीन का मसला अति निंदनीय है। फ्रांस सरकार द्वारा अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देकर नबी-ए-पाक की शान में गुस्ताखी करने वाले की हिमायत करने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो गंभीर स्थिति पैदा हुई है, वह बेहद चिंताजनक है। नौमानी ने कहा कि किसी भी धर्म के पवित्र व्यक्तित्व का सम्मान जरूरी है। इसलिए इस तरह के मामलों में हुकूमतों को गंभीरता के साथ सोच विचार कर कानून बनाने चाहिए। भारत सरकार द्वारा फ्रांस का समर्थन किए जाने पर उन्होंने कहा कि इससे हिंदुस्तान के 20 करोड़ मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हिंदुस्तान विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों का देश है। भारत सरकार को उदारवादी कदम उठाना चाहिए। फ्रांस के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर मोहतमिम ने कहा कि नबी-ए-करीम से मोहब्बत और वफादारी के साथ ही उनकी शांतिपूर्ण शिक्षा को याद रखना हमारी जिम्मेदारी है। विरोध प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक और धार्मिक अधिकार है, लेकिन हिंसा और अमन को खराब करने की इस्लामी कानून में कोई जगह नहीं है।