600 घरों के मीटर खराब, उपभोक्ता काट रहे चक्कर
ऊर्जा निगम में मीटर का संकट खड़ा हो गया है। मांग के सापेक्ष मीटरों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे बड़ी संख्या में उपभोक्ता खराब मीटर बदलवाने के लिए चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
मेरठ, जेएनएन। ऊर्जा निगम में मीटर का संकट खड़ा हो गया है। मांग के सापेक्ष मीटरों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे बड़ी संख्या में उपभोक्ता खराब मीटर बदलवाने के लिए चक्कर लगाने को मजबूर हैं। केवल शहरी क्षेत्र में लगभग 600 घरों की मीटर खराब हैं। ग्रामीण क्षेत्र में यह संख्या हजार के ऊपर है। झटपट योजना के नए कनेक्शनधारकों के यहां भी मीटर नहीं लग पा रहे हैं।
खराब मीटर बदल ना पाने के कारण बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को बिना रीडिग के अंदाज से बिल जारी हो रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं में आक्रोश है। आवेदन के एक सप्ताह के भीतर मीटर बदल जाना चाहिए। लेकिन मीटर की कमी के चलते दो से तीन सप्ताह बाद भी मीटर नहीं बदल पा रहे हैं। मीटर की किल्लत का अनुमान इस तरह से लगाया जा सकता है कि जनपद में मीटर की लैब लगभग 10 हैं। प्रति लैब महीने में 500 मीटर की मांग है। लेकिन प्रति लैब बमुश्किल मांग के सापेक्ष 100 से 150 मीटर ही मिल पा रहे हैं। शहरी क्षेत्र में झटपट योजना के कनेक्शन पर लगभग 158 मीटर लंबित हैं। स्मार्ट मीटर लगाने पर पहले से रोक लगी है। साधारण मीटर ही लगाए जा रहे हैं। लेकिन साधारण मीटर की आपूर्ति भी मांग के सापेक्ष नहीं हो पा रही है। बहुत आवश्यक होने पर ही नए मीटर लगाए जा रहे हैं।
अधीक्षण अभियंता शहर विजय पाल ने कहा कि मीटर किल्लत से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि स्मार्ट मीटर लगाने पर जल्द निर्णय होने वाला है। इससे समस्या का समाधान होगा।