Jewar Airport : जेवर एयरपोर्ट से मेरठ के खेल उद्योग को मिलेगी नई रफ्तार, इस इंडस्ट्री को भी मिलेगी ताकत
Jewar Airport मेरठ में क्रिकेट एथलेटिक्स फुटबाल टेबल टेनिस वालीबाल व हाकी समेत कई अन्य खेलों के भी उपकरण बनाए जाते हैं। मेरठ में करीब 1500 करोड़ का खेल उद्योग है। जेवर एयरपोर्ट के जरिए विदेश तक सामान तेजी से भेजा जा सकेगा।
मेरठ, जागरण संवाददाता। नई दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के बाद जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा खेल उद्योग की शक्ल बदल देगा। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के शिलान्यास के दौरान कहा कि यह मेरठ के विश्वप्रसिद्ध खेल उद्योग को नई उड़ान देगा। बता दें कि जेवर में एक टर्मिनल को ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसकी सामान ढोने की क्षमता 20 मीट्रिक टन होगी।
दिल्ली एयरपोर्ट के जाम से मिलेगी मुक्ति
मेरठ में क्रिकेट, एथलेटिक्स, फुटबाल, टेबल टेनिस, वालीबाल व हाकी समेत कई अन्य खेलों के भी उपकरण बनाए जाते हैं। मेरठ में करीब 1500 करोड़ का खेल उद्योग है। दुनिया के करीब दो सौ देशों तक खेल उत्पाद भेजा जाता है। फिलहाल मेरठ से ज्यादातर खेल उत्पाद समुद्र के रास्ते विदेश तक पहुंचता है, लेकिन समय की बचत के लिए नई दिल्ली एयरपोर्ट में टर्मिनल-2 से बड़े पैमाने पर सामान भेजा जाने लगा है। कई बार नई दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल-2 जाम रहने से सामान कई दिनों तक पड़ा रह जाता है। ऐसे में जेवर एयरपोर्ट के जरिए विदेश तक सामान तेजी से भेजा जा सकेगा।
प्रदेश सरकार दे सकती है सब्सिडी
दुनियाभर में सौ से ज्यादा देशों तक टेबल टेनिस उपकरण भेजने वाले उद्यमी राकेश कोहली कहते हैं कि समुद्री जहाज के जरिए विदेश तक सामान भेजने पर यूपी सरकार प्रति कंटेनर 12 हजार रुपए की सब्सिडी देती है। संभव है कि प्रदेश सरकार ऐसी सब्सिडी हवाई जहाज से सामान भेजने पर भी दे, जिससे निर्यातक आकर्षित होंगे।
मेरठ की होटल इंडस्ट्री को मिलेगी ताकत
दुनियाभर के खिलाड़ी मेरठ की स्पोट्र्स इंडस्ट्री पहुंचकर अपनी पसंद का उपकरण बनवाना चाहते हैं, लेकिन नई दिल्ली एयरपोर्ट से मेरठ पहुंचने में अब भी घंटे भर से ज्यादा लगता है। जेवर से कम समय में मेरठ पहुंचा जा सकेगा। ऐसे में विदेशी खिलाडिय़ों और कारोबारियों को ठहरने के लिए मेरठ की होटल इंडस्ट्री को और विस्तार लेना होगा।
इनका कहना है...
जेवर एयरपोर्ट मेरठ के उद्यमियों को नया विकल्प और संभावनाएं देगा। संभव है कि जेवर में औद्योगिक प्लाटों की उपलब्धता से वहां नई संभावना विकसित हो। यूपी सरकार अपने एयरपोर्ट से सामान बाहर भेजने पर सब्सिडी भी दे सकती है।
- राकेश कोहली, चेयरमैन, स्टैग इंटरनेशनल
जेवर में एक टर्मिनल ट्रांसपोर्ट हब बनेगा, जिससे खेल उद्योग तेजी से अपना सामान दुनियाभर में पहुंचा सकेगा। नई दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल-2 कई बार जाम रहता है, जहां उत्पाद कई दिनों तक पड़े रह जाते हैं।
- अंबर आनंद, निदेशक, नेल्को