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31 दिसंबर तक पूरा करना ही होगा मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे

कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने शनिवार को मेरठ से शुरू होकर विभिन्न जनपदों और दूसरे राज्यों तक जाने वाले सभी एनएच तथा मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 07:00 AM (IST)
31 दिसंबर तक पूरा करना ही होगा मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे
31 दिसंबर तक पूरा करना ही होगा मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे

जेएनएन, मेरठ। कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने शनिवार को मेरठ से शुरू होकर विभिन्न जनपदों और दूसरे राज्यों तक जाने वाले सभी एनएच तथा मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने दो टूक कहा कि हर हाल में मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का निर्माण 31 दिसंबर तक पूरा किया जाना है। इसमें अब कोई बहाना नहीं चलेगा। संबंधित जिलाधिकारी एजेंसी की हर संभव मदद करें और उनकी समस्याओं का समाधान कराएं। मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर ओवरब्रिज में बाधा बनी पावर ग्रिड की लाइन को किसानों से वार्ता करके जल्द से जल्द शिफ्ट कराकर मार्ग को पूर्ण रूप से शुरू कराने का निर्देश दिया। एनएच-58 पर भी दादरी में ओवरब्रिज निर्माण की बाधा को किसानों से सहमति बनाकर समाप्त करने का निर्देश कमिश्नर ने दिया।

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कोरोना संक्रमण के चलते विकास योजनाओं की पिछले छह महीने समीक्षा भी नहीं हो पा रही थी। इनकी गति भी अपेक्षित गति से काफी कम चल रही है। शनिवार को कमिश्नर ने सभी को गति दे दी। सबसे पहले मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को उन्होंने 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा करने का सख्त निर्देश दिया। लिहाजा प्रोजेक्ट का एक एक कार्य समय से पूरा किया जाए। ताकि पूरा प्रोजेक्ट भी समय से पूरा किया जा सके। भूमि की उपलब्धता, मुरादाबाद गांव में किसानों के विरोध आंदोलन और धरने की समस्या के समाधान का निर्देश दोनों जनपदों के डीएम को दिया। उन्होंने कहा कि फिर भी समाधान न हो तो तत्काल मंडल कार्यालय को अवगत कराया जाए। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट में पेड़ कटान की अनुमति को भी जल्द जारी करने का निर्देश डीएफओ को दिया।

किसानों से बात करके शिफ्ट कराएं बिजली लाइन

मेरठ-बुलंदशहर एनएच- 235 की समीक्षा में सामने आया कि 61 किलोमीटर लंबे इस हाईवे का निर्माण पूरा कर लिया गया लेकिन हापुड़ से पहले लगभग 250 मीटर लंबाई में पुल निर्माण का कार्य पावर ग्रिड की लाइन किसानों के विरोध के कारण शिफ्ट न होने के चलते रूका है। कमिश्नर ने कहा कि एनएच अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें समझाएं। वहीं जिला प्रशासन भी इस समस्या के समाधान में सहयोग करके जल्द से जल्द काम पूरा कराए।

किसान नहीं बनने दे रहे अंडरपास

मेरठ-रूड़की एनएच 58 की समीक्षा में प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि कंकरखेड़ा, मोदीपुरम और दादरी गांव में हाईवे पर अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है। इसमें ग्राम दादरी में अंडरपास के निर्माण में क्षेत्रीय निवासियों द्वारा बांधा डाली जा रही है। वे अंडरपास के पास डिवाइडर में कट की मांग कर रहे हैं। जबकि अंडरपास बनने के बाद यह संभव नहीं है। कमिश्नर ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि मजिस्ट्रेट को एनएचएआइ अफसरों के साथ भेजकर किसानों से बात की जाए। उन्हें समझाकर तैयार किया जाए। ताकि अंडरपास का निर्माण पूरा हो सके।

119 का बंट रहा मुआवजा, अतिक्रमण हटाएं

मेरठ-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग 119 का चौड़ीकरण कार्य दिसंबर महीने से शुरू करने का दावा किया जा रहा है। समीक्षा में सामने आया कि कई गांवों में भूमि मुआवजा का अवार्ड बाकि है। एडीएम भूमि अध्याप्ति सुल्तान अशरफ सिद्दीकी ने बताया कि अवार्ड जारी कर दिया गया है। 440 करोड़ की धनराशि में से 336 करोड़ रुपये का वितरण भी किया जा चुका है। शेष प्रतिकर का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर करने का निर्देश कमिश्नर ने दिया। उन्होंने ग्राम सैनी, इंचौली, मवाना खुर्द, भैंसा, बना, नंगली ईशा में अभियान चलाकर अतिक्रमण और बाधक निर्माणों को हटाने का निर्देश दिया।

जल्द से जल्द जारी करें अवार्ड

मेरठ-गढ़ मुक्तेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए डीएम मेरठ और हापुड़ को भूमि अधिग्रहण अवार्ड सितंबर महीने में ही हर हाल में पूरे कराने का निर्देश दिया। ताकि भूमि उपलब्ध हो सके और निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।

पेड़ कटान की गति बढ़ाएं

मेरठ- बागपत एनएच- 334बी के निर्माण कार्य की धीमी गति पर कमिश्नर ने नाराजगी जताई। एनएचएआइ अधिकारियों ने बचाया कि सड़क किनारे बाधक पेड़ों के कटान का कार्य धीमा है। कमिश्नर ने जिलाधिकारी मेरठ को पेड़ कटान की अनुमति दिलाने तथा पेड़ कटान का कार्य जल्द से जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया।

जल्द दिलाएं पांच गांवों की भूमि पर कब्जा

मेरठ-शामली एनएच- 709ए का कार्य भी जल्द से जल्द शुरू होना है। 84 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट में 5 गांव में भूमि का कब्जा अवशेष बताया गया। कमिश्नर ने कहा कि किसानों को जल्द से जल्द उनकी मुआवजे की राशि का भुगतान किया जाए। ताकि एजेंसी को जमीन उपलब्ध हो और मौके पर काम शुरू हो सके।


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