Meerut Weather Update: न्यूनतम तापमान में फिर गिरावट, शिमला और नैनीताल से ठंडा रहा मेरठ
Meerut Weather Update मेरठ और आसपास के जिलों के न्यूनतम तापमान में पुन गिरावट देखने को मिल रही है। इसी के चलते ठंड अपने तेवर दिखा रही है। मेरठ में बुधवार को न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री दर्ज किया गया। सर्दी अभी और बढ़ेगी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut Weather Update मेरठ शहर में तापमान में एक बार फिर गिरावट का दौर आरंभ हुआ है। बुधवार को न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री दर्ज किया गया। इसमें पिछले 24 घंटे की तुलना में 2.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान में इतनी गिरावट खासी मानी जाती है। यही कारण रहा कि मेरठ में मंगलवार रात पारा शिमला, नैनीताल, लैंसडाउन जैसे पर्यटन स्थलों से भी नीचे चला गया। यह सामान्य से चार डिग्री कम रहा। मुजफ्फरनगर और ठंडा रहा। यहां पारा सामान्य से दो डिग्री कम 6.7 डिग्री रहा। मेरठ के आसपास के शहरों में ठंड कहर बरपा रही है।
यह है पूर्वानुमान
कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम विज्ञानी डा. एन सुभाष ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है जिससे वहां से ठंडी हवा मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश मैदानों में आ रही है। इस कारण मेरठ और मुजफ्फरनगर जैसे शहरों में रात का पारा खासा गिरा है। नवंबर के अंत तक न्यूनतम तापमान एक अंक में बना रहेगा।
कुछ शहरों में 24 नवंबर का न्यूनतम तापमान डिग्री सेल्सियस में
मुजफ्फरनगर - 6.7
मेरठ - 7.4
लैंसडाउन - 7.9
नैनीताल - 8.0
शिमला - 8.6
जम्मू वैष्णो देवी - 8.6
न्यूनतम तापमान में गिरावट
गौरतलब है कि ठंडी पर्वतीय चोटियों को स्पर्श कर मैदानों की ओर रुख करने वाली उत्तर पश्चिम हवाएं बहने लगी हैं। ऐसे में न्यूनतम तापमान में जल्द दो से तीन डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी। आठ दिन दहाई का अंक पार नहीं कर सका न्यूनतम तापमान ठंड का आकलन न्यूनतम तापमान से किया जाता है। यह 24 घंटे का सबसे कम तापमान होता है। मेरठ जनपद में पहले पखवाड़े में न्यूनतम तापमान इकाई के अंक में यदा-कदा जाता था। नवंबर के अंत में पारा 11 डिग्री के नीचे गिरता था। इस बार अब तक 20 दिन में आठ दिन तापमान 10 डिग्री से कम रहा है। रविवार को भी न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 9.4 डिग्री रहा। अधिकांश दिन तापमान सामान्य से कम रहा है। सबसे कम न्यूनतम तापमान आठ डिग्री 15 और 16 नवंबर को दर्ज किया गया। फिर से मौसम विशेषज्ञों ने इस बार ठंड का सीजन लंबा और तापमान में सामान्य की तुलना में कहीं अधिक गिरावट की आशंका जताई है।
ला नीना का दिख रहा प्रभाव
यहां पर यह भी बता दें कि मौसम विशेषज्ञों ने पहले भारत समेत विश्व के बड़े भूमंडल के मौसम को प्रभावित करने वाले 'ला नीना' के प्रभाव को समाप्त होने की संभावना जताई थी। ताजा रुझानों से सामने आया है कि यह जारी रहेगा। चूंकि प्रशांत महासागर की सतह के तेजी से ठंडा होने का क्रम जारी है। यही नहीं, नवंबर के अंत तक कोई चक्रवात भारत के अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में अस्तित्व में नहीं आने की संभावना है। जिससे ठंड के बेलगाम होने की संभावना है। चक्रवातों के प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी भागों में ठंडी हवाओं का प्रवाह रुक जाता है। नम और अपेक्षाकृत गर्म हवाएं चलने लगती हैं।