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Meerut Weather Forecast: आसमान पर घिर आए घने काले बादल, बूंदाबांदी के साथ ही उमस से मिली राहत

सोमवार के बाद मंगलवार की सुबह से भी आसमान पर काले घने बादल छाए हुए नजर आए और बाद में बूंदाबांदी शुरू हो गई। बूंदाबांदी के बाद गर्मी और उमस से राहत मिली।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 06:37 AM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 11:24 AM (IST)
Meerut Weather Forecast: आसमान पर घिर आए घने काले बादल, बूंदाबांदी के साथ ही उमस से मिली राहत
Meerut Weather Forecast: आसमान पर घिर आए घने काले बादल, बूंदाबांदी के साथ ही उमस से मिली राहत

मेरठ, जेएनएन। Meerut Weather Forecast सोमवार के बाद मंगलवार की सुबह से भी आसमान पर काले घने बादल छाए हुए नजर आए और बाद में बूंदाबांदी शुरू हो गई। बूंदाबांदी के बाद गर्मी और उमस से राहत मिली। वहीं किसानों के लिए यह बारिश मुफीद मानी जा रही है। गौरतलब है कि सोमवार को झमाझम बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया था, मंगलवार की सुबह आसमान साफ नजर आया और तेज धूप निकलने के संकेत दिखे। आज गर्मी और उसम से सामना हो सकता है। बीते दो दिनों से बारिश के चलते मौसम के मिजाज में परिवर्तन था और गर्मी और उमस से भी राहत मिली थी। इस बार सावन के महीने के अपेक्षा भादो में पानी बरसा है। हालांकि बारिश का दौर पूरी तरह से थमा नहीं है।

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नीचले इलाकों में पानी भर गया

गौरतलब है कि सोमवार को आसमान पर सुबह से ही काले घने बादल नजर आ रहे थे और दोपहर में बारिश का दौर शुरू हो गया था। मेरठ और आसपास के जिलों में वर्षा हुई और नीचले इलाकों में पानी भर गया था। इसके पूर्व रविवार को दिनभर मौसम गर्म ही रहा। सोमवार को बारिश की संभावना जताई जा रही थी, जबकि 15 अगस्‍त यानी स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह से ही आसमान साफ नजर आया था और सूरज की तेज चमक ने बारिश की संभावनाओं पर पानी फेर दिया था। शुक्रवार को भी आसमान पर बादल छाए हुए थे। लेकिन बारिश केवल दिन में ही हुई थी। शाम के समय केवल बादल ही घिरे नजर आए थे। गौरतलब है कि बीत तीन चार दिनों से रोजाना बारिश हो रही थी। मेरठ और आसपास के कुछ क्षेत्रों में तो काफी बरसने के बाद नीचले इलाकों में पानी भरने से लोगों को दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा।

32 प्रतिशत कम बारिश

कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में अभी तक 32 प्रतिशत कम बारिश हुई है। फसलों के ग्रोथ के लिए बारिश होना जरूरी है। बताया कि बंगाली की खाड़ी से हवाओं का प्रवाह बढ़ा हुआ है। मानसून की अक्षीय रेखा दिल्ली के ऊपर से गुजर रही है। जिससे एनसीआर क्षेत्र में बारिश की संभावना बनी है।


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