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Meerut Weather Forecast: ठंडी हवाएं चलने से गिरेगा पारा, जानिए कैसा रहेगा मौसम

Meerut Weather सीजन के दूसरे पश्चिम विक्षोभ ने दस्तक दे दी है। पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी के चलते अगले 48 घंटे में तापमान में खासी गिरावट होने की संभावना है। मेरठ और आसपास के जिलों में सर्दी के और बढ़ने की संभावना है।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 06:32 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 08:49 AM (IST)
Meerut Weather Forecast: ठंडी हवाएं चलने से गिरेगा पारा, जानिए कैसा रहेगा मौसम
Meerut Weather शुक्रवार को सुबह की शुरुआत कोहरे और ठंड के साथ हुई।

मेरठ, जेएनएन। Meerut Weather Forecast गुरुवार की तरह ही शुक्रवार को सुबह की शुरुआत कोहरे और ठंड के साथ हुई। गुरुवार की रात को तेज हवाएं चलने का असर शुक्रवार की सुबह भी दिखा। कुछ इलाकों में स्‍माग भी देखा गया। रात में तापमान में अब और गिरावट देखी जा रहा है। मेरठ और आसपास के जिलों में ठंड लगातार बढ़ रही है। बीते दिनों हुई बारिश के बाद मौसम में परिवर्तन हो रहा है। मानसून सीजन के बाद पश्चिम विक्षोभ के चलते बीते रविवार को बारिश हुई थी। रिमझिम बारिश के तुरंत बाद ही पारा लुढ़क गया था, दीपावली के दूसरे दिन बादलों की गरज के साथ हुई बारिश से प्रदूषण भी कुछ हद तक कम हो गया।

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नौ माह में सबसे ठंडी रात

मेरठ जनपद का तापमान सीजन में पहली बार लुढ़क कर 10 डिग्री से कम पहुंच गया है। बुधवार की रात न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री रहा। रात में विशेष रूप से बाइक से निकले लोगों को कंपकंपी का अहसास हुआ। नौ माह में पहली बार तापमान इतना कम दर्ज किया गया है। इसके पहले 19 फरवरी को न्यूनतम तापमान 8.4 डिग्री रहा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पर्वतीय इलाकों पश्चिम विक्षोभ सक्रिय हुआ है। इसके प्रभाव से तापमान में गिरावट आई है। आने वाले दिनों पहले तापमान बढ़ेगा फिर गिरेगा। गुरुवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 24.9 तीन डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम रहा।

ठंडी हवाएं चलने से लुढ़केगा पारा

सीजन के दूसरे पश्चिम विक्षोभ ने दस्तक दे दी है। पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी के चलते अगले 48 घंटे में तापमान में खासी गिरावट होने की संभावना है। 14 नवंबर को पहला पश्चिम विक्षोभ सक्रिय हुआ था। इसके प्रभाव से मेरठ में 15 नवंबर को 3.8 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इस बार सक्रिय हो रहे पश्चिम विक्षोभ से बारिश की संभावना काफी कम है। हालांकि ठंडी हवाओं के चलने से तापमान में गिरावट होगी। यह विक्षोभ 21 तक प्रभावी रहेगा। खास बात यह है कि 22 नवंबर के बाद एक और पश्चिम विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसकी तीव्रता भी कम है। दो पश्चिम विक्षोभ उत्तर भारत के मैदानी भागों के मौसम पर खासा प्रभाव डालेंगे। बुधवार को अधिकतम तापमान 24.7 (सामान्य से तीन डिग्री कम) रहा। न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री रहा।

प्रकृति भी साफ सुथरी नजर आई

लगभग ढाई माह बाद हुई बारिश से प्रकृति भी साफ सुथरी नजर आई। पत्तियों जमी पर कालिमा धुल गई। पटाखों से हुआ प्रदूषण छंट गया। इसके पहले 28 अगस्त को ठीकठाक बारिश हुई थी। सितंबर और अक्टूबर बारिश के लिहाज शून्य रहे हैं। प्रदूषण से राहत फिलहाल स्थाई नहीं है आगामी दिनों प्रदूषण और बढ़ेगा चूंकि रात का तापमान गिरने से कोहरे और धुंध का फार्मेशन होगा। जिससे प्रदूषण बढ़ेगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि प्रदूषण दो कारणों से कम होता है पहला बारिश दूसरी तेज हवा। तेज हवा अगले 48 घंटों में चलने की उम्मीद नहीं है और बारिश की गतिविधि अब थम जाएंगी।

बारिश और बर्फ बारी की घटनाएं

पश्चिम विक्षोभ के चलते पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फ बारी की घटनाएं हुई हैं। इस मौसमीय घटना के प्रभाव से तापमान में तेजी से गिरावट होगी। अभी तक जिन लोगों ने गर्म कपड़े नहीं निकाले उन्होंने भी रविवार की शाम बारिश के बाद रजाई आदि निकाल ली। रविवार को अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री था। यह सामान्य से दो डिग्री कम था। आगमी दिनों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के नीचे और अधिकतम तापमान 24 डिग्री तक पहुंचने के आसार हैं।


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