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एशियाड में खिलाड़ियों से पदक चाहता है मेरठ

एशियन गेम्स में एक बार फिर अपने देश का गौरव बढ़ाने के लिए शनिवार से खिलाड़ियों का महाकुंभ शुरू हो गया है। इंडोनेशिया के जकार्ता में हो रहे 18वें एशियन गेम्स में देश के प्रतिनिधित्व में मेरठ का दबदबा अधिक है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 06:00 AM (IST)
एशियाड में खिलाड़ियों से पदक चाहता है मेरठ
एशियाड में खिलाड़ियों से पदक चाहता है मेरठ

मेरठ : एशियन गेम्स में एक बार फिर अपने देश का गौरव बढ़ाने के लिए शनिवार से खिलाड़ियों का महाकुंभ शुरू हो गया है। इंडोनेशिया के जकार्ता में हो रहे 18वें एशियन गेम्स में देश के प्रतिनिधित्व में मेरठ का दबदबा अधिक है। घुड़सवारी, शूटिंग, बैडमिंटन, डिस्कस थ्रो और जैवलिन थ्रो में मेरठ की दावेदारी दमदार है। मेरठ के चार शूटर्स, शार्दुल विहान, रवि कुमार, सिराज अहमद और अखिल शेरॉन के अलावा ओलंपियन एथलीट सीमा पूनिया, बैडमिंटन खिलाड़ी मनु अत्री और आरवीसी सेंटर एंड कालेज की घुड़सवारी टीम एशियन गेम्स में हिस्सा लेने के लिए जकार्ता पहुंच चुकी है।

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शूटर्स ने अधिक उम्मीद

मेरठ के निशानेबाजों की धार सबसे तेज मानी जा रही है। दो बार के जूनियर नेशनल चैंपियन और राष्ट्रीय चैंपियन शार्दुल विहान को तुरुप का इक्का माना जा रहा है। स्कीट शूटिंग में दुनियाभर में सराहे गए सिराज की तैयारी भरपूर है। फरवरी 2018 में व‌र्ल्ड कप का स्वर्ण पदक जीत चुके अखिल शेरॉन 50 मीटर राइफल इवेंट में बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। इनके अलावा दो बार कामनवेल्थ खेलों में पदक जीत चुके रवि कुमार 10 मीटर एयर राइफल में बड़ी उम्मीद जगाते हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं का भरपूर अनुभव है। सीमा पूनिया हैं पदक की गारंटी

मेरठ की बहू सीमा पूनिया दुनिया के सबसे बेहतरीन डिस्कस थ्रो करने वालों में शुमार हैं। सीमा लगातार तीन ओलंपिक खेल चुकी हैं। 2006, 2010 एवं 2014 कामनवेल्थ खेलों में लगातार पदक जीता। 2004 एथेंस, 2012 लंदन और 2016 रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। 2018 में गोल्डकोस्ट में हुई कामनवेल्थ चैंपियनशिप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन कर रजत पदक जीता। 2014 में इंचियान एशियाड में स्वर्ण पदक जीतकर देश का रुतबा बुलंद कर दिया था। एक बार फिर सीमा इसी प्रदर्शन को दोहराने को आतुर हैं। काम आएगा मनु का अनुभव

बैडमिंटन में मेंस डबल्स खिलाड़ी मनु अत्री इस साल दूसरी बार एशियन गेम्स में हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले मनु साल 2014 के एशियन गेम्स में भी हिस्सा ले चुके हैं। 2016 में रियो ओलंपिक गेम्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। बैडमिंटन के ओलंपिक गेम में चयनित होने वाली पहली डबल्स जोड़ी का हिस्सा बने। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाले मनु को अनुभव का लाभ मिलेगा। इस बार तैयार हैं हमारे घुड़सवार

भारतीय इक्वेट्रियन (घुड़सवारी) टीम में चार घुड़सवार शामिल हैं। इनमें आर्मी सप्लाई कोर के मेजर आशीष मलिक व उनका घोड़ा फ्रीमर है। आरवीसी के सवार राइडर राकेश की जोड़ी वेनी वेदी विसि के साथ है। सवार राइडर जितेंद्र का जोड़ीदार दलखानी और सिविलियन राइडर फौद मिर्जा मेडिकोट के साथ एशियन गेम्स के पदकों पर छलांग लगाने को तैयार हैं। फ्रांस में ट्रेनिंग और वहीं पर हुए ट्रायल को सफलतापूर्वक पार करने वाले ये घुड़सवार इस साल मजबूत स्थान दिलाने को बेताब हैं। अन्नू रानी पर आज होगा निर्णय

दबथुवा की अन्नू रानी इस वक्त देश की सर्वश्रेष्ठ जेवलिन थ्रोअर मानी जाती हैं। अन्नू पांच बार अपना ही राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ चुकी हैं। हालांकि वह पिछले ओलंपिक एवं कामनवेल्थ खेलों के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई, किंतु वह 60 मीटर से ज्यादा दूरी नापने की काबिलियत रखती हैं। अन्नू शनिवार को लखनऊ में आयोजित ट्रायल प्रतियोगिता मे हिस्सा लेंगी। यहां 60 मीटर की दूरी तय करने पर एशियाड का टिकट मिलेगा।


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