मेरठ : कोरोना कर्फ्यू में बेलगाम दौड़ रहे वाहन, पालन नहीं करेंगे तो भुगतना भी हमें ही पड़ेगा
मेरठ और आसपास के जिलों में 83 घंटे के साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू के दूसरे दिन भी शहर के सभी बाजार पूर्ण रूप से बंद रहे लेकिन सड़कों पर बेतहाशा दौड़ रहे वाहनों की संख्या में रविवार के बाद सोमवार को भी कोई कमी नहीं आई।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में 83 घंटे के साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू के दूसरे दिन भी शहर के सभी बाजार पूर्ण रूप से बंद रहे, लेकिन सड़कों पर बेतहाशा दौड़ रहे वाहनों की संख्या में रविवार के बाद सोमवार को भी कोई कमी नहीं आई। हालांकि इसका कारण पंचायत चुनाव की मतगणना को बताया गया, लेकिन वाहनों की इस कतार के साथ शहर में कोरोना लगातार दौड़ रहा है। यदि यह सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो कोरोना कर्फ्यू का कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। कमावेश यह हाल मेरठ का ही नहीं वरन आसपास के जिलों में भी लोग लाकडाउन का पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं।
सभी दुकानें बंद
कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है। कोरोना संक्रमण के फैलाव तथा रोजाना हो रहीं मौतों की संख्या ने शहर में इस कदर खौफ पैदा किया है कि व्यापारी स्वेच्छा से अपनी दुकानें और बाजार बंद कर रहे हैं। कोरोना कर्फ्यू के दूसरे दिन भी शहर के सभी बाजार और उनकी दुकानें सौ फीसद बंद रहीं। केवल दवा, दूध की दुकानें, पेट्रोल पंप और एटीएम ही खुले। इन्हें कर्फ्यू में छूट दी गई है। नगर निगम कर्मचारियों की टीम सफाई, सैनिटाइजेशन और अन्य कार्यों में जुटी रहीं।
पूरी कवायद ही बेकार
कोरोना कर्फ्यू के दूसरे दिन जनता भी घर में कैद रही, लेकिन वाहन लेकर सड़कों पर दौडऩे वाले लोग इस पूरी कवायद पर पानी फेर रहे हैं। रविवार को भी शहर के भीतर सड़कों पर तथा शहर के बाहर हाईवे पर भी वाहनों की संख्या खासी रहीं। शाम चार बजे से वाहनों की संख्या में और इजाफा हो गया। अफसरों का कहना है कि रविवार को पंचायत चुनाव की मतगणना थी। लिहाजा पुलिस बल और अधिकारी शांतिपूर्ण मतगणना में जुटे रहे। इन हालात में सड़कों पर दौडऩे वाले वाहनों की रोकटोक करने वाला कोई न था। हालांकि शहर में चौराहों पर यातायात पुलिस मौजूद थी, लेकिन उन्होंने भी वाहनों को नहीं रोका।
इनका कहना है
जनता को खुद भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक होना होगा। इस बार संक्रमण पहले से ज्यादा खतरनाक है। लापरवाही भारी पड़ सकती है। जनता के सहयोग से ही संक्रमण की कड़ी को तोड़ा जा सकता है। केवल इमरजेंसी में ही लोग घर से बाहर निकलें।
- के. बालाजी, जिलाधिकारी