मेरठ : थाने में घूम रहे बेजुबानों की बनी सहारा, पुलिस नहीं इन दो युवतियों ने बचाया
मेरठ के एक थाने में दो युवतियां बेजुबानों के लिए भगवान का दूत बनकर आई। दर्द से चींख और चिल्लाहट से जूझ रहे श्वान के दो बच्चोंं को नया जीवन दिया। इसके लिए इन्हें कई घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। इस कार्य से इनकी सराहना हो रही है।
मेरठ, जेएनएन। शहर के थाने में दो युवतियां बेजुबानों के लिए भगवान का दूत बनकर आई। दर्द से चींख और चिल्लाहट से जूझ रहे श्वान के दो बच्चोंं को नया जीवन दिया। इसके लिए इन्हें कई घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। जिसके बाद श्वान के दो बच्चों को बचा लिया गया। इस सराहनीय कार्य करने पर थाने में इन दोनों यूवती थाने में सराहना होने लगी।
दरअसल, थाने में घूम रहे श्वान के बच्चे के पैर में तारकोल लग गया था। आसपास के लोगों ने तारकोल हटाने का बहुत प्रयास किया। लेकिन तारकोल नहीं हटा। एक मामले की शिकायत लेकर आई दो युवतियों को श्वान का बच्चा परेशान होते हुए दिखा। उन्होंने थाना परिसर में ही श्वान के पैर से तारकोल हटाना शुरु कर दिया और कई घंटे की मशक्कत के बाद तारकोल हटा दिया।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मोहनपुरी निवासी उद्देश्य फाउंडेशन की संचालिका राधिका शर्मा व उम्मीद सोशल वेलफेयर सोसायटी की संचालिका डा. निधि गर्ग सिविल लाइन थाने में एक शिकायत लेकर आई थी। उसी दौरान एक श्वान के पैर पर तालकोल लगा हुआ था। जिसकी वजह से श्वान का बच्चा बहुत ज्यादा परेशानी में था। उन्होंने शिकायत देने के बाद थाना परिसर में तेल व अन्य सामान मंगा लिया और दोनों युवती ने श्वान के पैर से तारकोल निकालना शुरु कर दिया।
कई घंटे की मेहनत के बाद दोनों ने श्वान के पैर से आखिर तारकोल निकाल ही दिया। उसके बाद उन्होंने उसके पैर पर पट्टी बांधी व उसे दूध पिलाया। दोनों युवतियों की इस पहल की थाने में मौजूद स्टाफ व अन्य लोगों ने सराहना करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया।