संयुक्त व्यापार संघ में गुटबाजी चरम पर, प्रस्तावित बैठक को लेकर खींचतान Meerut News
मेरठ संयुक्त व्यापार संघ में गुटबाजी चरम पर है। 26 सितंबर को अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी पदाधिकारियों की टीम तीन माह के कार्यकाल विस्तार पर है।
मेरठ, जेएनएन। संयुक्त व्यापार संघ में गुटबाजी चरम पर है। 26 सितंबर को अपना कार्यकाल पूरा कर चुकी पदाधिकारियों की टीम तीन माह के कार्यकाल विस्तार पर है। फिलहाल व्यापार संघ पूरी तरह दो खेमों में बंटा नजर आ रहा है। व्यापारियों के सबसे शक्तिशाली कहे जाने वाले संगठन के अध्यक्ष नवीन गुप्ता और महामंत्री अरुण वशिष्ठ चुनाव कराने और फर्जी संस्थाओं को बाहर करने जैसे मुद्दों पर आपस में आमने-सामने बात करने को राजी नहीं हैं।
हितैषी होने का दावा
पत्रों के माध्यम से खुद को व्यापारियों का हितैषी होने का दावा दोनों कर रहे हैं। देखना यह है कि 17 को होने वाली बैठक में कौन-कौन भाग लेता है। तीन वर्ष पहले जब चुनाव का नतीजा आया था कि तभी यह स्पष्ट हो गया था कि व्यापार संघ की स्थिति त्रिशंकु की तरह न हो जाए। अपवाद को छोड़ दें तो अधिकांश मौकों पर अध्यक्ष और महामंत्री अलग-अलग रहे।
नवीन पैनल से विजयी पदाधिकारी
नवीन गुप्ता - अध्यक्ष
आशु रस्तोगी - संगठन मंत्री, गुट के साथ
गौरव शर्मा- मंत्री, मजबूती से नेता की पैरवी
विजय आनंद अग्रवाल- मंत्री गुट के साथ
मनीष शर्मा- मंत्री, गुट के साथ
उमेश अग्रवाल शारदा- मंत्री, गुट के साथ
तरुण गोयल- मंत्री, गुट के साथ
अमन गुप्ता- मंत्री, गुट के साथ
तिलक नारंग- मंत्री, गुट के साथ
बिजेंद्र पैनल से ये रहे विजयी
अरुण वशिष्ठ- महामंत्री
पवन मित्तल- कोषाध्यक्ष, अपने गुट के साथ
सरदार दलजीत सिंह- उपाध्यक्ष, अपने नेता के साथ
कमल ठाकुर- उपाध्यक्ष, अपने गुट के साथ
नीरज मित्तल- उपाध्यक्ष, अब नवीन गुप्ता के साथ देखे जाते हैं।
संदीप रेवड़ी- मंत्री, अब नवीन गुप्ता के साथ नजर आते हैं।
राजीव गुप्ता काले- मंत्री, अपने गुट के साथ
अब कौन किसके साथ
26 सितंबर 2016 को जब नवीन और बिजेंद्र अग्रवाल पैनल के बीच मुकाबला हुआ था। अध्यक्ष पद पर नवीन गुप्ता जीते थे, वहीं संगठन मंत्री और छह मंत्री समेत कुल 9 पदाधिकारियों ने उनके पैनल से जीत हासिल की थी। जबकि विरोधी गुट से महामंत्री अरुण वशिष्ठ समेत 7 पदाधिकारी जीते थे। कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष के तीनों पद इसी गुट के खाते में थे। चुनाव जीते कुछ पदाधिकारी ऐसे भी हैं जिन्होंने अब मौके की नजाकत को भांपते हुए पाला बदल लिया है तो कुछ ऐसे हैं जो कहीं नहीं नजर आते। वहीं कई ऐसे भी हैं जो मजबूती से अपने नेताओं के साथ खड़े हैं। मंत्री गौरव शर्मा और सरदार दलजीत सिंह अपने-अपने नेताओं के पक्ष में खुल कर बोले।
यह लगाए थे आरोप
17 नवंबर को अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है, जिसके प्रत्युत्तर में महामंत्री अरुण वशिष्ठ ने कहा है कि संगठन के पदाधिकारियों के यहां छापे डलवाने के मामले में आरोपी सदस्य पर अध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की है। बताते चलें कि अरुण वशिष्ठ ने नवीन गुप्ता की शह पर उनके समर्थक सदस्य पर संगठन कोषाध्यक्ष पवन मित्तल और उपाध्यक्ष दलजीत सिंह के प्रतिष्ठानों पर छापे डलवाने का आरोप लगाया था। साथ ही संयुक्त व्यापार संघ के नाम का सोशल मीडिया में दुरुपयोग करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने कहा था कि जनाधार खोने के चलते महामंत्री चुनाव से बच रहे हैं। तीन साल में कभी व्यापारियों के बीच नहीं आए। एक बार भी बैठक नहीं बुलाई और शपथ ग्रहण समारोह तक नहीं हुआ। यह सब दायित्व महामंत्री के हैं। उन्होंने कहा है कि 165 संस्थाओं का सदस्यता शुल्क जमा हो जाने के बाद भी व्यापारियों को रसीदें नहीं दी जा रही हैं।