मानसून लेट जाएगा, लेकिन कोई फायदा नहीं, जानिए इस बार कितनी फीसद कम रही बारिश Meerut News
मेरठ में बीते तीन साल में सितंबर माह में अच्छी बारिश हुई थी पर इस बार शून्य पर आंकड़ा टिका हुआ है। मानसून भी देर से ही जाएगा लेकिन इसका फायदा मिलने वाला नहीं है।
मेरठ, जेएनएन। मानसून सीजन का अंतिम दौर चल रहा है और मेरठवासियों की अच्छी बारिश की उम्मीद धूमिल पड़ती जा रही है। पिछले तीन साल में सितंबर में अच्छी बारिश हुई थी पर इस बार शून्य पर आंकड़ा टिका हुआ है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो मानसून विलंब से जाएगा,लेकिन मेरठ को उसका फायदा अब नहीं मिलेगा। आने वाले दिनों में भी अच्छी बारिश की उम्मीद नहीं है।
पूर्वी यूपी में अच्छी बारिश
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश अच्छी हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश सामान्य की तुलना में 33 प्रतिशत कम हुई है। पूर्व में यह सामान्य के काफी नजदीक है और 11 प्रतिशत कम है। आने वाले दिनों में यह अंतर मिटने की उम्मीद है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह संभावना नहीं है। मेरठ में स्थिति और खराब है यहां पर 45 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
अच्छी बारिश की संभावना नहीं
एक सितंबर से मेरठ में बारिश छिटपुट हुई है, जिसे रिकार्ड भी नहीं किया जा सका है। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार सितंबर में अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। सोमवार को भी बादल रहे, लेकिन बारिश करने में अक्षम साबित हुए। सितंबर में 2015 के बाद इस बार सबसे कम बारिश हुई है।
उत्तर पश्चिम भाग में बारिश की संभावना नहीं
मौसम पर नजर रखने वाली निजी एजेंसी स्काइमेट के मुख्य विज्ञानी महेश पलावत का कहना है कि इस बार मानसून अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में वापसी करेगा। सामान्य रूप में यह सितंबर के आखिरी सप्ताह में विदाई ले लेता है। उत्तर पश्चिमी हवाएं जब तक लगातार नहीं चलेंगी तब तक मानसून जारी रहेगा, लेकिन उत्तर पश्चिम भाग में बारिश की संभावना नहीं है। एनसीआर में 17 और 18 को बारिश हो सकती है। ठंड नवंबर से पहले दस्तक नहीं देगी।
मेरठ में गत वर्षों में हुई बारिश
साल बारिश मिलीमीटर में
2010 - 31.0
2011 - 35.0
2012 - 64.8
2013 - 0.1
2014 - 0.0
2015 - 4.8
2016 - 36.4
2017 - 136.6
2018 - 152.3
2019 - 84.2
2020 - 00.0
नोट : आंकड़ा एक से 14 सितंबर के बीच के हैं।