जानिए- मेरठ समेत कई जनपदों में गंगा एक्सप्रेसवे के जमीन खरीद की रफ्तार क्यों हुई धीमी, जल्द पूरा करने के निर्देश
Meerut Prayagraj Ganga Expressway मेरठ से प्रयागराज के बीच में बन रहे मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस वे के काम की रफ्तार धीमी हो गई। जमीन खरीद का काम कई जिलों में प्रभावित हुआ है। कई जिलों में जमीन खरीद पर मुआवजे को लेकर विवाद है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। Meerut Prayagraj Ganga Expressway मेरठ से प्रयागराज के बीच में बन रहे मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस वे के काम की रफ्तार धीमी हो गई। जमीन खरीद का काम कई जिलों में प्रभावित हुआ है। कई जिलों में जमीन खरीद पर मुआवजे को लेकर विवाद है। इसके अलावा जमीन का विवाद भी इस काम की रफ्तार कम करने में एक बड़ी वजह है। वहीं अधिकारी ने अब इस मामले में सख्ती करते हुए, जमीन खरीदारी के काम को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिया है।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन खरीद का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। ताकि एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू कराया जा सके। उन्होंने कहा कि मेरठ समेत कई जनपदों में विवादों में उलझी जमीनों की खरीद नहीं हो पा रही है। ऐसी जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू किया जाए।
शनिवार को मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गंगा एक्सप्रेस-वे के कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। मेरठ से समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी के बालाजी तथा एडीएम प्रशासन मदन सिंह गब्र्याल शामिल रहे। दोनों अधिकारियों ने बताया कि मेरठ जनपद के 9 गांवों में किसानों से 181 हेक्टेयर जमीन खरीदी जानी थी जिसमें से 149 हेक्टेयर (82.08 फीसद) जमीन खरीद की जा चुकी है। बैनामों का सिलसिला प्रतिदिन जारी है। लगभग 12 हेक्टेयर जमीन पर किसानों में आपस में विवाद है। जिसकी खरीद नहीं की जा पा रही है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि जमीन खरीद का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। विवाद वाली जमीनों की अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की जाए। ताकि उनका मूल्य कोर्ट में जमा कराकर प्रोजेक्ट को समय से पूरा किया जा सके।