Meerut Pollution News: राहत की बात, मेरठ में लंबे अरसे बाद दिन में मिली साफ हवा, पढ़िए-कैसा रहा हाल
Meerut Pollution News मेरठ के यह लिए राहत की बात है कि शहर में लंबे समय के बाद साफ हवा बहती मिली। रविवार को दोपहर 12 बजे से शाम सात बजे तक हवा पूरी तरह प्रदूषणमुक्त रही। सबसे साफ हवा तो मेडिकल क्षेत्र में बही।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Meerut Pollution News यह राहत की बात है कि लंबे अरसे बाद मेरठ में रविवार को दिनभर साफ हवा बही। सुबह धूप खिलने के बाद से स्थिति में सुधार होने लगा। दोपहर 12 बजे से शाम सात बजे तक हवा पूरी तरह प्रदूषणमुक्त रही। सबसे साफ हवा तो मेडिकल क्षेत्र में बही। प्रदूषण नियंत्रण विभाग द्वारा जयभीमनगर में लगाए गए केंद्र पर शाम पांच बजे सबसे साफ हवा रही।
10 बजे तक प्रदूषण का स्तर ज्यादा
यहां पीएम 2.5 का स्तर 65 दर्ज किया गया, जो बेहतर माना जाता है। इसी तरह दोपहर से शाम तक गंगानगर और पल्लवपुरम में भी पीएम 2.5 का स्तर 100 के नीचे ही बना रहा। हालांकि सुबह 10 बजे तक प्रदूषण का स्तर ज्यादा ही रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से रविवार की शाम चार बजे जारी बुलेटिन के अनुसार मेरठ का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 303 दर्ज किया गया।
प्रदूषण की रोकथाम को जिम्मेदार हो रहे नाकाम
बुलंदशहर : बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम में भले ही जिम्मेदार नाकाम साबित हो रहे हो, लेकिन मौसम साथ देकर लोगों को राहत दे रहा है। गति बढऩे से हवा की सेहत में सुधार होने लगा है। आसमान में छाई धुंध का असर कम होने से प्रदूषण का चढ़ा ग्राफ अब रेड से निकलकर आरेंज जान में पहुंच गया है। हालांकि प्रदूषण की यह स्थिति अभी भी सेहत के लिहाज से खतरनाक बनी हुई है। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। दरअसल, बुलंदशहर जिले में प्रदूषण की भयावह स्थिति किसी से छिपी नहीं है। जिम्मेदारों की लापरवाही का आलम यह रहा कि छलांग भरता एक्यूआइ खतरनाक जोन में पहुंच गया। बुलंदशहर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया। एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को लेकर उच्चतम न्यायालय तक सख्त हो गया।
हवा की गति घटते ही जलता कूड़ा बढ़ा देगा प्रदूषण का ग्राफ
अब रविवार को भले ही एक्यूआइ आरेंज जोन में पहुंच गया हो, लेकिन शनिवार के मुकाबले यह मात्र पांच पायदान नीचे पहुंचा है। रविवार को दोपहर बाद एक्यूआइ 298 रिकार्ड किया गया। जानकार इसके पीछे हवा की गति बढऩा बता रहे हैं। क्योंकि जगह-जगह जलता कूड़ा, सड़कों पर उड़ती धूल और धुआं हवा में अभी भी जहर घोल रहा है। सड़कों पर छिड़काव के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। ऐसे में हवा की गति कम होते ही गिरता एक्यूआइ फिर ऊपर चढऩे लगेगा।
इनका कहना है
प्रदूषण की रोकथाम के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। लोगों को जागरूक होकर साथ देना होगा। कूड़ा-करकट जलाने वालों को चिन्हित किया जा रहा है।
- सपना श्रीवास्तव, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता का हाल
शहर, एक्यूआइ
फरीदाबाद, 377
गुरुग्राम, 364
दिल्ली, 349
नोएडा, 322
गाजियाबाद, 319
मेरठ, 303
बुलंदशहर, 298
बागपत, 293
ग्रेटर नोएडा, 292
स्रोत: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बुलेटिन।