करोड़ों के खेल में भाजपा नेता की हिस्ट्री खंगाली, नामी-बेनामी संपत्ति का जुटाया ब्योरा Meerut News
करोड़ों की किताब फर्जीवाड़े में फंसे भाजपा नेता संजीव गुप्ता और उनके भतीजे सचिन गुप्ता की मुश्किले बढ़ती जा रही है। दोनों की नामी और बेनामी संपत्ति की पड़ताल शुरू कर दी गई।
मेरठ, जेएनएन। करोड़ों की किताब फर्जीवाड़े में फंसे भाजपा नेता संजीव गुप्ता और उनके भतीजे सचिन गुप्ता की मुश्किले बढ़ती जा रही है। दोनों की नामी और बेनामी संपत्ति की पड़ताल शुरू कर दी गई। साथ ही विदेश यात्रा का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। जांच की जा रही है कि आठ साल में चाचा भतीजे ने कितनी संपत्ति अर्जित कर ली है। एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम मामले की जांच कर रही है। साथ ही आयकर विभाग भी पूरे मामले की पड़ताल में जुट गया है।
40 करोड़ से अवैध संपत्ति
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि संजीव गुप्ता और भतीजे सचिन गुप्ता पिछले आठ सालों से किताबों में फर्जीवाड़ा कर रहे है। पूछताछ में पता चला कि 40 करोड़ से ज्यादा अवैध संपत्ति अर्जित कर चुके है। उसके बाद पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए पड़ताल कर रही है। एसटीएफ और परतापुर पुलिस की संयुक्त टीम संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता की नामी और बेनामी संपत्ति की जांच कर रही है। साथ ही सचिन गुप्ता की विदेश यात्रा का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। देखा जा रहा है कि सचिन गुप्ता हर बार विदेश में एक से दो चक्कर किस उद्देश्य से लगाते है।
2013 में छह किताबें पकड़ी थीं
संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता के परिवार की हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है। साथ ही संजीव गुप्ता की प्रिंटिंग प्रेस में 2013 में छह करोड़ की किताबें पकड़ी गई थी। उस मुकदमे में कार्रवाई का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। टीपीनगर थाने में दर्ज हुए मुकदमे की हाल में स्थिति की जानकारी ली जा रही है। एसएसपी का कहना है कि उस मुकदमे में भी दोबारा से कार्रवाई की जाएगी। ताकि भविष्य में कोई भी किताबों के फर्जीवाड़े को अंजाम न दे सकें।
गोदाम से हर साल करोड़ों की सप्लाई थी
संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता के गोदाम से हर साल करोड़ों की किताबों की सप्लाई होती थी। यह किताबे मेरठ के अलावा अन्य शहरों और राज्यों में सप्लाई की जाती है। संजीव गुप्ता की प्रिंटिंग प्रेस से मिले कंप्यूटर के सीपीयू का डेटा भी फोरेंसिक टीम के द्वारा चेक किया जा रहा है। ताकि पड़ताल हो सके कि अब तक गुप्ता बंधु कितने करोड़ की किताबे सप्लाई कर चुके है। सीपीयू से पता चल सकेंगा कि डुप्लीकेट किताबे किस किस दुकानों पर खरीदी गई है। उन दुकानों का भी ब्योरो जुटाया जाएगा। ताकि पता चल सकें कि अब तक एनसीईआरटी की कितनी किताबे इस वर्ष बेच चुके है। इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि पुलिस हर तथ्य पर जांच कर रही है।
लखनऊ फोरेंसिक लैब जाएगा सीपीयू
संजीव गुप्ता की प्रिंटिंग प्रेस से छह सीपीयू मिले है, जिनको लखनऊ फोरेंसिक लैब में भेजा जाएगा। सीपीयू के अंदर से किताबों के फर्जीवाड़े की असली जानकारी मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि सीपीयू के मास्टर में सभी प्रिंटिंग प्रेस के ब्योरा जमा है। उससे संजीव गुप्ता और सचिन गुप्ता द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी मिल सकेगी।