Meerut News: सुशील मूंछ के जमानत में बड़ी डील की आशंका, पुलिस के इस कदम से जमानतियों की गर्दन फंसी
उत्तर प्रदेश का कुख्यात सुशील मूूंछ के जमानत करवाने में अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि जमानत कराने के लिए कोई बड़ी डील तो नहीं हुई। इसी के मद्देनजर पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है।
मेरठ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश का कुख्यात सुशील मूंछ के जमानतियों की गर्दन पुलिस के फंदे में फंसती नजर आ रही है। बिना कनेक्शन आखिरकार जमानतियों ने सुशील मूंछ की जमानत क्यों कराई है? जमानत में कहीं बड़ी डील तो नहीं हुई? इसी आशंका के चलते पुलिस अब जमानतियों की जांच करा रही है। जमानतियों को नोटिस भेजकर बयान दर्ज कराने को कहा है। साथ ही उनकी संपत्ति का ब्योरा भी मांगा गया है। पुलिस की इस कार्रवाई से जमानतियों की सांसें अटकी हैं।
इन मामलों में गया था जेल
मुजफ्फरनगर जनपद के थाना रतनपुरी क्षेत्र के मथेड़ी गांव निवासी सुशील मूंछ सप्ताहभर पहले कानपुर जेल से रिहा हुआ है। वह परतापुर के सोरखा में डबल मर्डर और नई मंडी थानाक्षेत्र में तीन साल पहले हुए चीकू हत्याकांड की आपराधिक साजिश रचने का आरोपित है। उसने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर किया था। सुशील मूंछ की जमानत अजीत पुत्र जयपाल निवासी अस्सा थाना बहसूमा, भरतवीर पुत्र दरियाव सिंह निवासी नगला काटर थाना फलावदा, सुनील राणा पुत्र इंद्रपाल राणा निवासी मसूरी बना, थाना इंचौली, अजीत सिंह पुत्र इकबाल निवासी मसूरी ने दी है।
चार जमानदारों ने कराई थी जमानत
सुशील के जेल से रिहा होने के दो दिन बाद ही जमानत का हल्ला मचा था। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि सुशील मूंछ की जमानत उक्त चार जमानतदारों ने किस आधार पर ली है। चारों को सुशील मूंछ के कृत्यों में भी शामिल किया जाएगा। पुलिस सभी जमानतियों की कुंडली खंगाल रही है। अभी जमानतियों से सुशील मूंछ का कोई पुख्ता कनेक्शन सामने नहीं आ रहा है। माना जा रहा है कि जमानतियों की सुशील मूंछ के साथ बड़ी डील हुई है। बता दें कि सुशील मूंछ का आतंक उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और राजस्थान तक है। मेरठ और मुजफ्फरनगर जिले में उस पर 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
सभी जमानतियों को बयान के लिए नोटिस भेजा
एडीजी राजीव सभरवाल का कहना है कि मुजफ्फरनगर और मेरठ में सुशील मूंछ ने वर्चस्व कायम कर लिया है। यह भी देखा जा रहा है कि जमानतदारों को दबाव में लेकर जमानत तो नहीं तुड़वा दी जाएगी। थाने से नोटिस भिजवा कर जमानतियों को पक्ष रखने को कहा है। एडीजी ने सुशील मूंछ की रिहाई के बाद पुलिस को अलर्ट रहने और मेरठ, मुजफ्फरनगर पुलिस को गैंगवार रोकने की हिदायत दी है। कारण, रिहाई के बाद सुशील मूंछ कुख्यात भूपेंद्र बाफर से बदला लेने के लिए उसके साथियों पर हमला करा सकता है।