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कोरोना का कहर: बेटे की मौत के गम में मां छोड़ गई दुनियां, अब सदमे में बहन की भी मौत... बिखर गया परिवार

मेरठ में कोरोना वायरस ने पहले बुजुर्ग से उनका जवान बेटा छीन लिया बेटे के गम में अंतत मां ने भी दम तोड़ दिया। इस घटना के कुछ दिन बाद मां और भाई के गम में बहन भी परिवार को छोड़कर इस दुनिया से चली गई।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 08:50 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 08:50 AM (IST)
कोरोना का कहर: बेटे की मौत के गम में मां छोड़ गई दुनियां, अब सदमे में बहन की भी मौत... बिखर गया परिवार
कोरोना से परिवार के तीन लोगों की मौत। तस्‍वीर- (मां) उर्मिला पारीक

मेरठ, जेएनएन। कोरोना से मचे हाहाकार के बीच संक्रमितों की संख्या कम होती जरूर दिख रही है लेकिन संक्रमण से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। संक्रमण ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला यहां सामने आया है। कोरोना वायरस ने पहले बुजुर्ग से उनका जवान बेटा छीन लिया, बेटे के गम में अंतत: मां ने भी दम तोड़ दिया। इस घटना के कुछ दिन बाद मां और भाई के गम में बहन भी परिवार को छोड़कर इस दुनिया से चली गई।

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साकेत निवासी कुमकुम पारीक के मुताबिक पंद्रह दिन पहले नोएडा निवासी उनके देवर आकाश पारीक की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई थी। उन्हें नोएडा स्थित एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। इसी बीच उपचार के दौरान आकाश की मौत हो गई। आकाश की मौत से उसकी मां पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वो ये सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाईं और बेटे की चिता ठंडी होने से पहले ही आकाश की बुजुर्ग मां उर्मिला पारीक ने भी दम तोड़ दिया। संकट की इस बेला में उर्मिला के बड़े बेटे पीएन पारीक ने किसी तरह परिवार को संभाला। उन्होंने परिवार के बाकी सदस्यों की जांच कराई। कुछ दिनों बाद सूचना मिली की उर्मिला की बेटी सीमा गोस्वामी को भी संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया है। परिवार के सदस्यों ने सीमा के स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। मां और भाई के गम में सीमा ने भी दम तोड़ दिया। पंद्रह दिनों में संक्रमण ने पूरे परिवार को तबाह कर दिया।

मौत के बाद आई कोरोना जांच रिपोर्ट: शेरगढ़ी निवासी विपिन की रिश्तेदारी में कुछ दिनों पहले एक महिला की मृत्यु हुई थी। वह अपनी बुजुर्ग मां शांति देवी को रिश्तेदारी में लेकर गए थे। दो दिन बाद शांति देवी को भी खांसी व बुखार हो गया। परिवार के सदस्यों ने बुजुर्ग महिला की कोरोना जांच कराई। रिपोर्ट पांच दिन तक नहीं आई। इस बीच बुजुर्ग महिला का आक्सीजन स्तर लगातार कम होता गया। उन्होंने कई निजी अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए संपर्क किया लेकिन अस्पतालों ने एल-थ्री श्रेणी का मरीज बताकर हाथ खड़े कर दिए। बेबस बेटे ने किसी तरह मेडिकल कालेज में आक्सीजन के बिना तड़पती मां को भर्ती कराने का प्रबंध किया। हालांकि यहां समय पर बेड नहीं मिलने से शांति देवी की मौत हो गई। विडंबना देखिए कि शांति देवी की कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट उनकी मौत के अगले दिन आई। हालांकि स्वजन ने उनका अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के अनुसार किया। 


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