Meerut News: अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने कहा- टोक्यो ओलंपिक से पदक लेकर आएंगे मेरठ के खिलाड़ी
अंतरराष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी गरिमा चौधरी का कहना है कि इस बार मेरठ से पांच खिलाड़ी और प्रदेश से 13 खिलाड़ी ओलंपिक गेम्स में जाना पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इस बार खिलाड़ी पदक जरूर लेकर आएंगे।
जागरण संवाददाता, मेरठ। साल 2012 के ओलंपिक गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी अंतरराष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी गरिमा चौधरी का कहना है कि इस बार मेरठ से पांच खिलाड़ी और प्रदेश से 13 खिलाड़ी ओलंपिक गेम्स में जाना पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है। खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और उन्होंने राष्ट्रीय कैंपों में काफी पसीना भी बहाया है। इसलिए इस बार टोक्यो ओलंपिक गेम्स से मेरठ को पदक मिलने की पूरी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि देशभर में जितने भी खिलाड़ी ओलंपिक के लिए चुने गए हैं, उनकी तैयारियां अच्छी तरह से कराई गई है। केंद्रीय खेल मंत्री के साथ ही प्रदेश सरकार भी खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए काफी सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। पहले की तुलना में प्रशिक्षण सुविधाएं बढ़ी हैं तो पदक की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं और यह पूरी आशा है कि इस बार मेरठ को एक से अधिक पदक जरूर मिलेंगे।
ली सेल्फी, बढ़ाया उत्साह
सोमवार को ओलंपियन गरिमा चौधरी को कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर ने आमंत्रित कर सम्मानित किया। इसके साथ ही गरिमा चौधरी ने स्टेडियम में बने ओलंपिक सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी ली ।उनके साथ खेल विभाग से जुड़े अन्य खेलों के कोच व खिलाड़ियों ने भी सेल्फी ली। गरिमा ने सभी को खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी हिम्मत न हारे और अंत तक प्रयास में कोई कमी न छोड़े। जो अंत तक प्रयासरत रहेगा उसे पदक जरूर मिलेंगे। खिलाड़ी को शुरू से यही सिखाया जाता है और उसी पर अंत तक टिके रहना जरूरी है।
क्वालीफाइंग प्रतियोगिता से चूकीं, नहीं तो वह भी जाती है टोक्यो
ओलंपियन गरिमा चौधरी को इस बार के टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा न ले पाने का बेहद अफसोस है.। भारतीय जूडो टीम एशियन जूडो चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गई थी लेकिन दो से तीन खिलाड़ियों के कोविड पॉजिटिव आने के बाद भारतीय जूडो टीम को वापस लौट आना पड़ा। इस प्रतियोगिता में गरिमा चौधरी स्वर्ण जीतने के लक्ष्य से तैयार होकर गई थी। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वहां ओलंपिक कोटा हासिल कर ओलंपिक गेम्स में भी एक पदक जरूर लेकर आती। लेकिन अब ऐसा न हो पाने पर उन्होंने अपना ध्यान अगले साल होने जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स और 2024 के ओलंपिक गेम्स की तैयारियों में लगा दिया है। गरिमा का कहना है कि एक मौका हाथ से छूटा इससे हार कर बैठने की बजाय वह आगे की तैयारी को धार देना बेहतर समझती हैं।
मेरठ में मिलना चाहिए जूडो का प्रशिक्षण
जूडो में अधिकतर समय हरियाणा में रहकर प्रशिक्षण करने वाली और वहीं पर साई में रहते हुए देश के लिए तमाम राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने वाली गरिमा चौधरी का कहना है कि मेरठ में जूडो का प्रशिक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्टेडियम में घंटो प्रशिक्षण पर उन्होंने स्वयं को तैयार किया और शुरुआती प्रशिक्षण ही आज तक उन्हें पदक दिलाने में कारगर साबित हो रही है, लेकिन धीरे-धीरे स्टेडियम में जूडो का प्रशिक्षण खत्म होता गया। बीच में कुछ समय प्रशिक्षण हुआ जरूर लेकिन निरंतरता न रहने के कारण खिलाड़ी दूर होते गए। गरिमा ने कहा कि स्टेडियम में जूडो हॉल होना चाहिए जहां खिलाड़ी ठीक से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी ऑल हैदर ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत स्टेडियम में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक के साथ ही जूडो हॉल भी बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी स्वीकृति होने के बाद जूडो का प्रशिक्षण भी ठीक से हो सकेगा।