Plantation Campaign: पौधारोपण में सही पौधे का चुनाव करना जरूरी, पढि़ए पर्यावरणविद् की राय Meerut News
पर्यावरण को शुद्ध और जीवन के अनुकूल बनाए रखने के लिए पौधारोपण में सही पौधे का चुनाव करना जरूरी है। प्रकृति में कई औषधीय छायादार और फलदार पेड़-पौधे महत्ता रखते हैं।
मेरठ, जेएनएन। Plantation Campaign पर्यावरण को शुद्ध और जीवन के अनुकूल बनाए रखने के लिए पौधारोपण में सही पौधे का चुनाव करना जरूरी है। प्रकृति में कई औषधीय, छायादार और फलदार पेड़-पौधे अपनी महत्ता रखते हैं, तो कई प्रजातियां प्राण-वायु ऑक्सीजन के स्तर को पृथ्वी पर संतुलित करने में अपनी भूमिका निभाते हैं। वहीं, इससे इतर कुछ पेड़-पौधे महज आर्थिक लाभ के काम आते हैं, लेकिन प्रकृति को कुछ वापस नहीं करते।
पर्यावरणविद् बताते हैं
अप्रत्यक्ष तौर पर वे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर उसे असंतुलित करने का काम करते हैं। पर्यावरणविद् बताते हैं इन बुरे पौधे से पर्यावरण में भूगर्भ जल स्तर का असंतुलित होना, भूमि की उर्वरता क्षीण करना, आसपास के पौधों के विकास में बाधा डालने के अलावा कई दोष उत्पन्न होते हैं। इसके बावजूद वन विभाग पौधारोपण अभियान में पौधों की कुछ ऐसी ही किस्म जैसे यूकेलिप्टिस व सागौन आदि लगाने की तैयारी कर रहा है। विभाग से संबद्ध नर्सरी में एक दो नहीं, बल्कि लाखों की संख्या में पौध तैयार कराई गई है।
तो तभी पौधे संरक्षित करने में नहीं बढ़ रही जनसहभागिता
शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण अच्छी प्रजाति के पौधे जैसे फलदार, औषधीय या पर्यावरण को लाभ पहुंचाने वाले पौधे रोपे जाने से इनका लाभ जनसामान्य को मिलता है। जिन्हें संजोए रखने में लोग प्रभावी रूप से भूमिका निभाते हैं, पर इन्हीं की जगह साधारण या कहे बुरे पौधे जैस यूकेलिप्टिस, सागौन व खैर आदि रोपे जाने से जनमानस को कोई विशेष लाभ नहीं मिलता। ऐसे में उन्हें बचाने के लिए लोग रुचि नहीं रखते। हालांकि इस बार भी बुरे पौधे काफी संख्या में लगाए जाने की तैयारी है।
लक्ष्य के सापेक्ष 25 फीसद यूकेलिप्टिस व सागौन लगाने की तैयारी
वन विभाग इस वर्ष पौधारोपण अभियान के तहत मेरठ में करीब 23.8 लाख पौधे लगाने की तैयारी में हैं। विभाग के एसडीओ एके मिश्र ने बताया कि कई दिन पहले से माइक्रो प्लान के तहत पौधरोपण के लिए चिह्न्ति भूमि पर स्थानीय लोगों की पसंद के मद्देनजर पौधे तैयार कराए गए हैं। ज्यादातर लोगों की मांग यूकेलिप्टिस और सागौन की पाई गई, जिससे करीब छह-सात लाख पौधे यूकेलिप्टिस व सागौन के रोपने की तैयारी है।
पर्यावरण के लिए अभिशाप है यूकेलिप्टिस
यूकेलिप्टिस का पौधा पर्यावरण के लिए सबसे अधिक नुकसानदेह है। इसका एक पेड़ करीब एक माह में 100 मीटर के दायरे में भूगर्भ जल को अवशोषित कर लेता है। इसके अधिक रोपण से विशेष तौर पर भूगर्भ जल स्तर को खतरा है। मेरठ के कई इलाकों में भूमिगत जल का स्तर काफी कम है जहां पर यूकेलिप्टिस लगाए जाने परिणाम भयावह हो सकते हैं।
- गिरीश शुक्ला, पर्यावरणविद्
सागौन खाद्य श्रंखला को पहुंचा रहा हानि
सागौन का पर्यावरण को दुरुस्त रखने में कोई महत्व नही है। उल्टा सागौन के वृक्ष ज्यादा संख्या में जहां पर लगते हैं वहां पर घास और खर पतवार नष्ट हो जाती है। ऐसे में घास और खर पतवार पर आश्रित रहने वाले छोटे जीव-जंतुओं के भोजन की कमी हो जाती है। साथ ही सागौन प्रदूषण को घटाने में कोई महत्व नही रखता है। केवल इसकी लकड़ी उच्ची कीमत पर बिकती है।
- डॉ. मधु वत्स, पर्यावरणविद्