मेरठ विकास और सुंदरीकरण में होगा अव्वल, नगर आयुक्त ने बताया अगले पांच साल का एक्शन प्लान
पांच साल का एक्शन प्लान शहर को स्वच्छ हराभरा और शुद्ध आबोहवा वाला बनाने के लिए तैयार करेगा। इसमें अगले पांच साल में शहर को कचरा मुक्त शत-प्रतिशत सीवेज नेटवर्क जलापूर्ति और वायु गुणवत्ता सुधार की कार्ययोजनाएं तैयार की जाएंगी।
मेरठ, जेएनएन। पांच साल का एक्शन प्लान शहर को स्वच्छ, हराभरा और शुद्ध आबोहवा वाला बनाने के लिए तैयार करेगा। इसमें अगले पांच साल में शहर को कचरा मुक्त, शत-प्रतिशत सीवेज नेटवर्क, जलापूर्ति और वायु गुणवत्ता सुधार की कार्ययोजनाएं तैयार की जाएंगी। 15वें वित्त आयोग के मद से इन कार्ययोजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
शनिवार को नगर आयुक्त मनीष बंसल ने नगर निगम सभागार में निर्माण, जलकल, जलनिगम, स्वास्थ्य व उद्यान अनुभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। नगर आयुक्त ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के मद से सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, वायु गुणवत्ता सुधार, जलापूर्ति और सीवेज सिस्टम के सुधार पर काम होना है। केंद्र और राज्य सरकार की मंशा है कि अगले पांच साल में शहर में शत-प्रतिशत जलापूर्ति और सीवेज नेटवर्क की सुविधा लोगों को मिल जाए। शुद्ध पर्यावरण और गार्बेज फ्री सिटी बनाना है। नगर आयुक्त ने प्रति वर्ष के हिसाब से पांच साल का एक्शन प्लान बनाने का निर्देश अनुभागीय अधिकारियों को दिया। नगर आयुक्त ने अनुविभागीय अधिकारियों से कहा कि इस काम में अभी से जुट जाएं। 10 मार्च को सभी अपनी-अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करेंगे। कार्ययोजना के साथ यह भी बताना होगा कि वर्तमान में क्या-क्या मूलभूत सुविधाएं मुहैया हैं।
इसलिए हो रही है यह कवायद : 14वें वित्त आयोग का नगर निगम को जो पैसा मिला था, उसे खर्च करने के लिए नगर निगम स्वतंत्र था। लेकिन 15वें वित्त आयोग में सरकार ने पालिसी बदल दी है। अब नगर निगम को पहले मानक के अनुसार पांच साल की कार्ययोजना प्रति वर्ष के हिसाब से बनानी होगी। पहले वर्ष के लिए 15वें वित्त से जो धनराशि जारी होगी। उससे कार्ययोजना को मूर्त रूप निर्धारित समय में देना होगा। तत्पश्चात किए गए कार्य का मूल्यांकन किया जाएगा। मूल्यांकन में काम गुणवत्ता व मानकों पर खरा उतरा, तभी 15वें वित्त आयोग की अगली किस्त जारी होगी। इसमें फेल होने पर संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे और अगली किस्त अच्छा काम करने वाले दूसरे शहर को दे दी जाएगी। इस वजह से कार्ययोजना बनाने पर निगम जोर दे रहा है। मालूम हो कि 15वें वित्त आयोग से पहली किस्त के रूप में 72 करोड़ रुपये मिले हैं।
इन बिंदुओं पर तैयार होगा एक्शन प्लान
- शत-प्रतिशत घरों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था।
- पुराने और प्रतिदिन उत्सर्जित कचरे का डंपिंग ग्राउंड पर समग्र निस्तारण।
- जहां रोड पटरी क च्ची है, उस पर इंटरलाकिंग किया जाएगा।
- निगम की शत-प्रतिशत सड़कों को गढ्डा मुक्त करना।
- सड़क किनारे खाली जगहों पर ग्रीन बेल्ट व फुटपाथ तैयार करना।
- औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों की मरम्मत व नाली निर्माण।
- शत-प्रतिशत घरों तक पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था।
- शत-प्रतिशत घरों तक सीवर लाइन व एसटीपी से कनेक्शन।
- जलनिकासी के नाले-नालियों की मरम्मत व उनमें सुधार।
- अविकसित पार्को का विकास व खाली जगहों पर पौधारोपण।
- सड़कों की सफाई रोड स्वीपिंग मशीन व स्प्रिंकलर से पानी छिड़काव।
- प्रदूषण से निपटने के लिए एंटी स्माग गन की व्यवस्थाएं करना।
इन अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी
सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान का काम सहायक नगर आयुक्त प्रथम ब्रजपाल सिंह और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह तैयार करवाएंगे। वायु गुणवत्ता सुधार का प्लान मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष शर्मा, ग्रीन बेल्ट व अविकसित पार्क का प्लान सहायक नगर आयुक्त द्वितीय इंद्र विजय, पेयजल आपूर्ति का प्लान जलकल महाप्रबंधक कुमार गौरव तैयार करेंगे। जबकि सीवेज नेटवर्क का प्लान परियोजना प्रबंधक जल निगम रमेश चंद्रा और जलकल महाप्रबंधक कुमार गौरव तैयार कराएंगे। सड़कों से संबंधित कार्ययोजना मुख्य अभियंता निर्माण के जिम्मे है।