मेरठ नगर निगम में नहीं हुई एक साल से कार्यकारिणी की बैठक, जानिए क्या है कारण Meerut News
नगर निगम की कार्यकारिणी में केवल छह सदस्य हैं। छह सदस्यों का चुनाव कराया जाना है। पार्षद लगातार इसकी मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। स्थिति ये है कि एक साल से कार्यकारिणी की बैठक नहीं हुई है।
मेरठ, जेएनएन। नगर निगम की कार्यकारिणी समिति को शहर की कैबिनेट माना जाता है। जो लंबे समय से अधूरी है। कार्यकारिणी में केवल छह सदस्य हैं। छह सदस्यों का चुनाव कराया जाना है। पार्षद लगातार इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। स्थिति ये है कि एक साल से कार्यकारिणी की बैठक नहीं हुई है। ऐसे में शहर का विकास कैसे होगा। यह बड़ा सवाल है।
अधूरी है कार्यकारिणी
कार्यकारिणी समिति में 12 सदस्य होते हैं। चुने गए 12 सदस्यों में से छह सदस्यों का कार्यकाल एक साल का होता है, जबकि शेष छह सदस्यों का कार्यकाल दो साल का होता है। एक साल के कार्यकाल के बाद छह सदस्य कार्यकारिणी से पर्ची निकालकर बाहर किए जाते हैं। उनके स्थान पर छह सदस्य चुने जाते हैं। इस क्रम में नगर निगम की कार्यकारिणी समिति के 12 सदस्यों का चुनाव फरवरी 2018 में हुआ था। फरवरी 2019 में छह सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया था। कई महीने बाद पर्ची निकालकर इन्हें बाहर किया गया था। लेकिन उनके स्थान पर छह सदस्यों का निर्वाचन सितंबर 2020 में कराया गया। जबकि इसी अवधि में कार्यकारिणी में बचे छह सदस्यों का दो साल का कार्यकाल भी पूरा हो चुका था। जिससे कार्यकारिणी अधूरी है। अब छह सदस्यों का चुनाव फिर कराया जाए तब जाकर कार्यकारिणी पूरी होगी।
विकास कार्य हो रहे प्रभावित
कार्यकारिणी के सदस्यों की संख्या पूरी हुए बिना कार्यकारिणी समिति की बैठक नहीं बुलाई जा सकती है। पुनरीक्षित बजट की बैठक भी नहीं हो सकती है। विकास कार्य से संबंधित बहुत सी योजनाओं पर निर्णय नहीं लिए जा सकते हैं। सरकार ने वायु गुणवत्ता सुधार के लिए 36 करोड़ और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 36 करोड़ रुपये 15 वें वित्त आयोग से दिए हैं। लेकिन कार्यकारिणी अधूरी होने के कारण नगर निगम अधिकारी कोई कार्ययोजना बनाते भी हैं तो इसे मंजूरी नहीं मिल सकेगी।
पार्षदों कर रहे हैं मांग
भाजपा और अन्य दलों के पार्षदों ने कार्यकारिणी के छह सदस्यों के चुनाव कराने की मांग उठाई है। पार्षदों का कहना है कि पूर्व नगर आयुक्त डा. अरविंद चौरसिया ने अक्टूबर में महापौर सुनीता वर्मा को पत्र लिखा था। जिसमें छह सदस्यों के निर्वाचन को जरूरी बताया था। लेकिन महापौर की तरफ से कार्यकारिणी के छह सदस्यों का चुनाव कराने के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे इसमें हो रही देरी विकास कार्यों पर भारी पड़ सकती है।
एक साल से नहीं हुई कार्यकारिणी की बैठक
भाजपा पार्षद ललित नागदेव ने कहा कि नवंबर 2019 में कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। जिसके बाद से बैठक नहीं हुई है। क्योंकि कार्यकारिणी अधूरी है। जबकि हर महीने कार्यकारिणी की बैठक होनी चाहिए। ताकि बजट के अनुरूप कार्यों पर कार्यकारिणी में मंजूरी दी जा सके। लेकिन नगर निगम अधिकारी यह नहीं चाहते हैं। बिना कार्यकारिणी के वह मनमाने तरीके से कार्ययोजना बनाकर निगम के बजट को खर्च कर रहे हैं। नगर निगम का 500 करोड़ रुपये का सलाना बजट है। इतना रुपया कहां खर्च होना है। यह कार्यकारिणी से तय होना चाहिए।