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सच यही है कोठों पर जिस्म की मंडी सज रही है

आरटीआइ के तहत मांगी गई सूचना में स्वास्थ्य विभाग ने माना कबाड़ी बाजार में 400 सेक्स वर्कर हैं। वहां हर माह 5000 कंडोम बंट रहे हैं। पुलिस कहती है धंधा नहीं यहां मुजरा होता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 12:34 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 03:37 PM (IST)
सच यही है कोठों पर जिस्म की मंडी सज रही है
सच यही है कोठों पर जिस्म की मंडी सज रही है

मेरठ (दिलीप पटेल)। कबाड़ी बाजार..। यहां घुंघरुओं की झनकार के बीच देह व्यापार का शोर हमेशा अनसुना होता रहा है। पुलिस-प्रशासन भी इसे गीत-संगीत का गुलदस्ता बनाकर पेश करता रहा, लेकिन एक आरटीआइ ने इस झूठ को बेनकाब किया है। सूचना अधिकार के तहत मांगी जानकारी में स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकारा है कि यहां 75 कोठों पर करीब 400 सेक्स वर्कर हैं, जिन्हें हर माह बड़ी संख्या में कंडोम बांटे जाते हैं।

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ऐसे सामने आई हकीकत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता समाजसेवी सुनील चौधरी द्वारा सूचना के अधिकार और जनसुनवाई की शिकायतों के माध्यम से जिस्मफरोशी के धंधे की हकीकत सामने लाई गई है। आरटीआइ के जवाब में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एमएस फौजदार ने जो जानकारी दी हैं, वह चौंकाने वाली हैं। रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि रेडलाइट एरिया कबाड़ी बाजार मेरठ में है। यहां 75 कोठों पर करीब 400 सेक्स वर्कर्स हैं, जिन्हें हर महीने उप्र राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के जरिए कंडोम मुहैया कराए जाते हैं।

सेक्स वर्करों की मौत का भी हिसाब

विभाग द्वारा बताया गया है कि बीते अप्रैल में 3432, मई में 11,243 और जून में सेक्स वर्कर्स को 6000 कंडोम वितरित किए गए। यही नहीं, पिछले चार साल में सात सेक्स वर्कर्स की मौत की बात भी स्वीकारी गई है। जानकारी दी है कि एचआइवी संक्रमण व हार्ट अटैक से एक-एक, सड़क दुर्घटना से दो, अज्ञात कारण से एक, ग्राहक द्वारा गोली मारने से एक और जीने से गिरकर एक सेक्स वर्कर की मौत हुई है।

पुलिस बोली, होता है मुजरा

थाना ब्रह्मापुरी के प्रभारी निरीक्षक ने जो रिपोर्ट दी है उसमें देह व्यापार की बात से इन्कार किया गया है। पुलिस कह रही है कि कबाड़ी बाजार में 28 कोठे हैं। प्रत्येक पर 4 से 6 महिलाएं हैं। कोठों को चेक करने पर मुजरे के लाइसेंस पाए गए हैं। वर्तमान में देह व्यापार की कोई सूचनाएं नहीं मिली हैं।

समाजसेवी व अधिवक्ता सुनील चौधरी का कहना है कि रेड लाइट एरिया कबाड़ी बाजार में 400 सेक्स वर्कर्स हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी से स्पष्ट है कि कबाड़ी बाजार में खुलेआम देह व्यापार हो रहा है। बाहर से लाकर लड़कियों को बेचा जा रहा है। जिस्मफरोशी के धंधे में दलाल सक्रिय हैं। मेरठ जिला प्रशासन से सेक्स वर्कर्स को रेड लाइट एरिया से मुक्त करा पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राज कुमार का कहना है कि रेड लाइट एरिया में काम कर रही ग्रामीण विकास संस्था सेक्स वर्कर्स को कंडोम वितरण करती है। साथ ही सर्वे भी करती है ताकि उन्हें एचआइवी-एड्स से सुरक्षित किया जा सके।


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