धरती पर लंबवत पड़ रही हैं सूरज की किरणें, भीषण गर्मी का अनुमान, सरलता से समझे ज्योतिषीय गणना
ज्योतिषीय का अनुमान है कि मेरठ में गर्मी अभी और उपर जा सकती है। भीषण गर्मी भी पडने का अनुमान जताया जा रहा है। इस संबंध में ज्योतिषीय गणना से ग्रहों की दशा बदलने का असर पडेगा।
मेरठ, जेएनएन। ज्योतिषीय गणना कई बार वास्तविकता के अति निकट होकर वैज्ञानिक आधारों की भी पुष्टि करती है। 25 मई से नौ तपा आरंभ हो गया है। केतु, शनि और बृहस्पति जैसे ग्रहों का अग्नि तत्व की प्रतीक राशि धनु में विचरण का प्रभाव भविष्य में गरमी के प्रचंड रूप धारण करने की ओर इशारा कर रहा है। खगोलीय दृष्टि से सूरज कुलाचे भरता हुआ उत्तर की ओर बढ़ रहा है। सूरज की किरणों भारतीय उप महाद्वीप पर सीधी और लंबवत होती जा रही हैं। मंगलवार को तापमान 44.5 पहुंच गया। यह सामान्य से चार डिग्री अधिक था। वहीं दिल्ली के पालन में 47.6 डिग्री दर्ज किया गया। सूरज की आग बरसाती किरणों से वातावरण की नमी गायब हो गई है। बाहर निलकने पर तपती हवाएं शरीर से पसीने के रूप में पानी को सोख रही हैं। मौसम विभाग ने पहले से एनसीआर के हीट वेव के चपेट होने का एलर्ट जारी कर रखा है। मंगलवार को अधिकतम आद्र्रता घटकर 29 और न्यूनतम 16 प्रतिशत रह गई है।
क्या है नौतपा
ज्योतिष विभोर इंदुसुत ने अनुसार हर वर्ष मई के अंतिम सप्ताह से जून के प्रथम सप्ताह के बीच 15 दिन के लिए सूर्य रोहिणी नक्षत्र में गोचर करता है। उन्होंने बताया कि सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में संचार करने के इन 15 दिनों में शुरू के नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है। इस समय में धूप बिल्कुल ताप अग्नि के सामान हो जाती है। 25 मई को सूर्य का रोहिणीं नक्षत्र में प्रवेश हो चुका है। दो जून के बीच नौतपा रहेगा।
इस बार प्रतिकूल हैं गृह
इस बार गर्मी में नौ-तपा के अलावा भी दो तथ्य और भी महत्वपूर्ण है।
पहला : केतु ग्रह अग्नि तत्व राशि धनु में सितंबर तक संचार करेगा
दूसरा : मकर राशि में संचार कर रहे शनि और बृहस्पति दोनों क्रमश: 11 और 14 मई को वक्री हो गए हैं। ज्योतिषविद विभोर ने बताया कि वक्री होने के कारण अब ये दोनों ग्रह भी अग्नि तत्व राशि धनु में होने का ही प्रभाव दे रहे हैं।
सितम्बर तक केतु, शनि और बृहस्पति तीनो बड़े ग्रहों का प्रभाव अग्नितत्व राशि धनु में बने रहने से इस बार वातावरण में गर्मी का प्रभाव न केवल अधिक रहेगा बल्कि लंबे समय तक बना रहेगा। विभोर इंदुसुत ने बताया कि तापमान इस बार 47 और 48 तक जाएगा।
क्या कहता है खगोल विज्ञान
खगोलीय विज्ञान की दृष्टि से इस समय पृथ्वी पर सूर्य की किरणों उत्तर दिशा की ओर लंबवत होती जा रही हैं। मेरठ कालेज के भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. कंचन सिंह ने बताया कि यह प्रक्रिया 21 जून तक चलेगी। सूर्य की पृथ्वी से दूरी कम होने कारण भारतीय उपमहाद्वीप पर किरणों को कम दूरी तय करनी पड़ रही है। इससे वह अधिकतम ताप से पृथ्वी की सतह पर पड़ रही हैं।
29 को सक्रिय हो रहे पश्चिम विक्षोभ के चलते 30 मई और एक जून को बारिश की संभावना है। इससे तापमान में कमी आएगी। इससे पहले तापमान 44 डिग्री के आसपास रहेगा। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि तीन जून से तापमान फिर बढ़ेगा। जून के पहले सप्ताह में तापमान 46 डिग्री तक पहुंचेगा।
पिछले छह सालों में मई का सर्वाधिक तापमान
मई में इस बार गरमी ने देर से दस्तक दी है। लेकिन जिस तेजी से गरमी में भीषण रूप धारण किया है वह लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। 21 मई से लगातार अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक है। मंगलवार को यह रिकार्ड 44.6 डिग्री पर पहुंच गया। वर्ष 2019 में उच्चतम तापमान 44 डिग्री था। इसके पहले वर्ष 2013 में उच्चतम तापमान 44.8 आंका गया था। पिछले साल के मई के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह अधिकतम है।
पिछले सालों में मई के तापमान पर एक नजर
वर्ष उच्चतम तापमान
2020 44.6 अभी तक
2019 44.0
2018 43.2
2017 43.4
2016 43.6
2015 43.8
2014 43.1
2013 44.8
शीतल पेय पदार्थो का दान करें
ज्योतिषीय दृष्टि से नौ-तपा के दौरान जल और शीतल पेय का दान बहुत ही शुभ और कल्याणकारी है। क्षमता के अनुसार जरूरतमंद व्यक्तियों को जल, शीतल पेय पदार्थों और जल रखने के पात्र जैसे घड़े-सुराही का दान करें।
यह उपाय करें
-जितना संभव हो, दोपहर 11 बजे से चार बजे के बीच बाहर नहीं निकलें
-सिर पर टोपी या छाता लेकर चलें।
-लू से बचने को लगातार पानी पीते रहें।
-पाकिस्तान की ओर से आ रही हवाओं का कहर
कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान और सिंध प्रांत से हवाएं राजस्थान होते हुए एनसीआर में आ रही हैं। इससे तापमान बढ़ रहा हे। आसमान साफ है और धूप पूरे प्रभाव से धरती पर पहुंच रही है। 27 और 28 को भी गरमी का प्रचंड रूप रहेगा।