अभिनव प्रयास : अमेजन पर हाथों-हाथ बिकेंगे मेरठ के हथकरघा उत्पाद Meerut News
मेरठ मंडल के हापुड़ और बागपत क्लस्टर में हथकरघा उत्पाद कुशन कवर बेडशीट डोरमैट दरी और नैपकिन को अमेजन एप पर पूरा विश्व देख और खरीद रहा है।
मेरठ, [अनुज शर्मा]। मेरठ मंडल के हापुड़ और बागपत क्लस्टर में हथकरघा उत्पाद कुशन कवर, बेडशीट, डोरमैट, दरी और नैपकिन को अमेजन एप पर पूरा विश्व देख और खरीद रहा है। अब जल्द ही एप पर इनके फोटो वास्तविक उत्पाद से भी आकर्षक दिखेंगे। दरअसल अमेजन की टीम ने अपने दिल्ली स्थित स्टूडियो में प्रोफेशनल तरीके से फोटोशूट पूरा कर लिया है। ये फोटो जल्द एप पर अपलोड कर दिये जाएंगे। इसके बाद मेरठ के ये उत्पाद हाथों-हाथ बिकने की उम्मीद है। बुलंदशहर की पॉटरी की ई-मार्केटिंग का भी प्रयास किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार कर रही प्रयास
हाथ की कारीगरी के उत्पादों को ई-मार्केट उपलब्ध कराकर अच्छा मूल्य दिलाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है। इसी के तहत केंद्र सरकार के विकास आयुक्त हथकरघा द्वारा अमेजन के साथ एमओयू साइन किया गया। अब अमेजन प्रदेशभर के बुनकरों और अन्य हाथ के कारीगरों के उत्पादों की ई-मार्केटिंग अपने प्लेटफार्म पर करेगा। प्रदेश में बुनकरों के कुल 52 क्लस्टर हैं, जिसमें 18 मेरठ संभाग में व 34 बनारस संभाग में हैं। हापुड़ क्लस्टर की कार्यदायी संस्था मैसर्स हथकरघा प्रोजेक्ट औद्योगिक उत्पादन सहकारी समिति लि. रामगढ़ी हापुड़ को बनाया गया है। इसमें 240 बुनकर हैं। ऐसा ही क्लस्टर बागपत में है। बुलंदशहर के चीनी मिट्टी के बर्तनों (पॉटरी) के लिए भी यह प्रयास किया जा रहा है।
खूब आ रही हिट लेकिन मांग कम
हथकरघा निरीक्षक नीरज सिंधु ने बताया कि अमेजन पर हथकरघा के उत्पादों को लोग खूब देख रहे हैं। हिट आ रही हैं, लेकिन खरीदार अभी कम हैं।
अब हर किसी को लुभाएंगे हथकरघा उत्पाद, बढ़ेंगे ग्राहक
अमेजन के प्लेटफार्म पर हथकरघा उत्पाद वैसे तो तीन महीने से प्रदर्शित हो रहे हैं, लेकिन उनकी तस्वीरें आकर्षक नहीं थीं। सहायक निदेशक हथकरघा सुनील यादव ने बताया कि अमेजन की प्रोफेशनल टीम ने हाल ही में हथकरघा उत्पादों के फोटो अपने स्टूडियो में किये हैं। इनके एप पर अपलोड होते ही मांग और ग्राहकों की संख्या बढऩा तय है।
अभी तक 22, जल्द 35 आइटम
सहायक निदेशक ने बताया कि अभी तक कुशन कवर, हैंडलूम टावल, डबल और सिंगल बेडशीट, डोरमैट, दरी और नैपकिन आदि 22 आइटम के लगभग 40 उत्पाद प्रदर्शित हैं। जल्द ही यह संख्या 35 हो जाएगी।
अब लड़ाई बुनकरों को ऋण दिलाने की
सहायक निदेशक सुनील यादव का कहना है कि ऑनलाइन बिक्री के लिए प्रत्येक उत्पाद का स्टॉक चाहिये। इसके लिए बुनकरों को पूंजी की जरूरत है। बैंकों से मुद्रा लोन का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन बैैंक औपचारिकताओं में फंसाकर विलंब कर रहे हैैं। अब इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।