यूपी : मेरठ में शिक्षक नेता पूर्व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा का निधन , सुबह ही DIOS कार्यालय में धरने पर बैठे थे
शिक्षक राजनीति में भीष्म पितामह कहे जाने वाले पूर्व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा का मेरठ में शनिवार की रात को असमय निधन हो गया। अचानक उनके निधन की सूचना से शिक्षक ने और उनके करीबी स्तब्ध हो गए। कई लोग रात में ही उनके घर पहुंच गए।
मेरठ, जेएनएन। शिक्षक राजनीति में भीष्म पितामह कहे जाने वाले पूर्व शिक्षक विधायक ओम प्रकाश शर्मा नहीं रहे। शनिवार रात 8:35 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे 87 वर्ष के थे। सुबह से उन्हें पेचिस की समस्या थी। बावजूद इसके वह डीआइओएस कार्यालय में शिक्षकों के धरने में शामिल हुए थे। उनका अंतिम संस्कार रविवार को सूरजकुंड श्मशान घाट पर किया जाएगा। वे मूल रूप से बागपत जिले के सूजती गांव के रहने वाले थे। काफी अरसे से मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित बी ब्लाक में रह रहे थे। वे अपने पीछे दो बेटे और दो बेटियों का भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं।
ओम प्रकाश शर्मा ने 1970 में विधान परिषद का पहला चुनाव जीता था। अंतिम चुनाव 2014 में जीता। पूर्व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा शिक्षक सीट पर लगातार आठ बार जीते। 50 साल एमएलसी रहने के बाद 2020 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह उनकी जीवटता का प्रमाण है कि वह इस हार के बाद भी शिक्षक हितों को लेकर हुंकार भरते रहे। इसी क्रम में शनिवार को शिक्षकों के साथ माध्यमिक उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर धरना भी दिया। इसमें सैकड़ों शिक्षक शामिल रहे। उन्होंने धरने को संबोधित भी किया।
शाम सात बजे के आसपास अचानक उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई। स्वजन अस्पताल ले जाते, लेकिन तब तक उनकी सांसे थम चुकी थीं। उनके निधन की सूचना से शिक्षक समाज और उनके करीबी स्तब्ध रह गए। रात में ही बड़ी संख्या में शिक्षक और उनके चाहने वाले शास्त्रीनगर स्थित उनके आवास पर पहुंचना शुरू हो गए थे। बता दें कि 1954 में उन्होंने खरखौदा स्थित जनता इंटर कालेज से बतौर शिक्षक काम शुरू किया और 1993 में रिटायर हुए।
यह भी पढ़ें: पूर्व शिक्षक विधायक ओम प्रकाश शर्मा का निधन, CM योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त किया
शिक्षा जगत में शोक की लहर
ओम प्रकाश शर्मा के निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर है। अलग-अलग संगठनों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त की है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भराला ने कहा है कि शिक्षकों का उनके निधन से जो नुकसान हुआ है उसकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं। मूटा के पूर्व अध्यक्ष शिक्षक नेता विकास शर्मा ने कहा कि 1973 के बाद शिक्षकों को जो सम्मान, सुरक्षा व भविष्य मिला। उसमें ओम प्रकाश शर्मा का योगदान अविस्मरणीय है। शिक्षक राजनीति के भीष्म पितामह की कमी हमेशा खलेगी। शिक्षक नेता नित्यानंद शर्मा ने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया है।
यह भी पढ़ें : Om Prakash Sharma Dies: शिक्षक राजनीति के वटवृक्ष थे ओमप्रकाश,50 साल से थे जीत की गारंटी, संघर्ष था मूलमंत्र Meerut News