भाकियू के चक्का जाम में नहीं जुड़े थे मेरठ के किसान, गेहूं, गन्ना और सरसों की फसल में व्यस्त हैं अन्नदाता
कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन ने चक्का जाम किया। लेकिन इस चक्का जाम में भाकियू कार्यकर्ताओं की संख्या में काफी कमी देखने को मिली। मेरठ में छह स्थानों पर चक्का जाम में किसान मौजूद नहीं थे।
मेरठ, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन ने चक्का जाम किया। लेकिन इस चक्का जाम में भाकियू कार्यकर्ताओं की संख्या में काफी कमी देखने को मिली। मेरठ जिले में छह स्थानों पर चक्का जाम किया गया, लेकिन कोई भी जगह पर 50 से अधिक भाकियू कार्यकर्ता या किसान मौजूद नहीं थे। गाजीपुर बार्डर पर चक्का जाम का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद शुक्रवार को चक्का जाम किया गया। भाकियू प्रदेश संगठन के अनुसार, चक्का जाम करने का समय सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक रखा गया। लेकिन दोपहर एक बजे ही सभी स्थानों पर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर चक्का जाम समाप्त कर दिया गया। एक तरफ जहां भाकियू कार्यकर्ता शुक्रवार को चक्का जाम में व्यस्त रहे, वहीं दूसरी तरफ मार्च के अंतिम सप्ताह में मूल किसान अपने खेतों में व्यस्त है। इस समय सरसों, गेहूं, आलू व गन्ने की फसल में किसान का समय बीत रहा है।
इस तरह हुआ शुक्रवार का चक्का जाम
सुबह 11 बजे परतापुर, दौराला, मवाना, जंगेठी, दबथुवा व जानी में भाकियू पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं ने हाइवे पर ट्रैक्टर ट्राॅली लगाकर आने-जाने वाहनों को रोककर चक्का जाम कर दिया। इस दौरान वाहन सवारों से रास्ता बंद करने को लेकर भाकियू कार्यकर्ताओं की नोंक झोंक व बहस हुई। भाकियू के चक्का जाम में शुक्रवार को औपचारिक दिखाई पड़ी। चक्का जाम में मूल किसानों का जुड़ाव नहीं दिखाई पड़ा। किसानों की कमी रही। प्रत्येक छह स्थानों पर हुए चक्का जाम में चुनिंदा लोग ही दिखाई पड़े। नतीजन, सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक प्रस्तावित चक्का जाम दोपहर एक बजे ही समाप्त कर दिया गया। जाम खोलने से पहले सभी छह स्थानों पर पुलिस की मौजूदगी में प्रशासनिक अधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
भीड़ कम, दो घंटे में जाम खत्म
भाकियू ने चक्का जाम के दौरान परतापुर तिराहे के पास भूड़बराल हाइवे को जाम किया। हाइवे पर ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर सुबह 11 बजे वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया। मेहराज सिंह, दीपक घोपला व मदन आदि के नेतृत्व में भाकियू कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी। इस दौरान वाहन सवारों से उनकी नोंकझोंक हुई। करीब दो घंटे बाद दोपहर एक बजे सीओ ब्रहमपुरी व परतापुर थाना पुलिस की मौजूदगी में एसीएम को प्रधानमंत्री के नाम आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर जाम हटा दिया गया। इस दौरान वाहन डायवर्जन रूट लेकर एक्सप्रेस-वे से गाजियाबाद की ओर निकल गए। दौराला में संजय दौरालिया के नेतृत्व में टोल व फ्लाई ओवर के बीच मलिक अस्पताल के सामने जाम लगाया गया। वहीं, जंगेठी में सत्येवीर और राजकुमार के नेतृत्व में चक्का जाम लगाया। उधर, जानी में हरेंद्र व मवाना खुर्द में नरेश के नेतृत्व में चक्का जाम लगाकर ज्ञापन सौंपा गया।