माघ शुरू होते ही लगी झड़ी, 108 साल में तीसरी बार हुई ऐसी बारिश
शहर के बाहरी और ग्रामीण इलाकों में बारिश ज्यादा हुई है। कृषि प्रणाली संस्थान में 24 घंटे के अंतराल में 64.2 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। शहर में 24 घंटे में 50 एमएम बारिश हुई।
By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 11:41 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 12:40 PM (IST)
मेरठ जेएनएन। इक्कीस जनवरी को माघ के आरंभ होने के साथ ही बारिश की झड़ी लग गई। कुंभ में माघ माह को पुण्य माह माना जाता है। इसमें सबसे ज्यादा शाही स्नान होते हैं। मौसम और कृषि के महाकवि घाघ ने कहा भी है कि-जो कहुं मग्घा बरसे जल, सब नाजों में होगा फल। अर्थात, अगर माघ माह में बारिश होगी तो फसलों की पैदावार अच्छी होगी।
आलू की फसल को नुकसान
गांव नंगला के किसान नरेश नंगला ने बताया कि पानी भरने से आलू की फसल को नुकसान हुआ है। कई जगह सरसों की फसल गिर गई है। मवाना के प्रगतिशील किसान नंदकिशोर ने बताया कि अभी तक हुई बारिश गेहूं और मटर के लिए फायदेमंद है। अगर ज्यादा बारिश होती है तो नुकसानदेह रहेगी।
108 साल में तीसरी बार ऐसी बारिश
जनवरी माह में औसत बारिश 10.1 एमएम होती है। बुधवार जैसी मूसलधार बारिश मानसून सीजन में ही नजर आती है। 21 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे से 22 जनवरी को 2.30 बजे तक 50.7 एमएम बारिश हुई। हालांकि, मौसम विभाग बारिश का आगणन सुबह 8.30 से अगले दिन 8.30 बजे तक करता है। उस लिहाज से देखें तो 18 जनवरी-2014 को इससे पहले 43.6 एमएम बारिश हुई थी। वर्ष 1995 में 54 एमएम बारिश रिकार्ड की गई थी। इसके बाद आल टाइम रिकार्ड 58.4 है, जो 1911 में दर्ज किया गया था। यानी, 108 साल में तीसरी बार इतनी बारिश हुई है। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि मेरठ में हुई बारिश एक्सट्रीम वेदर कंडीशन का उदाहरण है। अर्थात सामान्य रूप से बारिश न होकर या तो बहुत कम अथवा कम समय में अत्यधिक बारिश हो रही है।
मोदीपुरम में 64.2 एमएम बारिश
शहर के बाहरी और ग्रामीण इलाकों में बारिश ज्यादा हुई है। कृषि प्रणाली संस्थान में 24 घंटे के अंतराल में 64.2 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। शहर में 24 घंटे में हुई 50 एमएम बारिश।
आलू की फसल को नुकसान
गांव नंगला के किसान नरेश नंगला ने बताया कि पानी भरने से आलू की फसल को नुकसान हुआ है। कई जगह सरसों की फसल गिर गई है। मवाना के प्रगतिशील किसान नंदकिशोर ने बताया कि अभी तक हुई बारिश गेहूं और मटर के लिए फायदेमंद है। अगर ज्यादा बारिश होती है तो नुकसानदेह रहेगी।
108 साल में तीसरी बार ऐसी बारिश
जनवरी माह में औसत बारिश 10.1 एमएम होती है। बुधवार जैसी मूसलधार बारिश मानसून सीजन में ही नजर आती है। 21 जनवरी को दोपहर 2.30 बजे से 22 जनवरी को 2.30 बजे तक 50.7 एमएम बारिश हुई। हालांकि, मौसम विभाग बारिश का आगणन सुबह 8.30 से अगले दिन 8.30 बजे तक करता है। उस लिहाज से देखें तो 18 जनवरी-2014 को इससे पहले 43.6 एमएम बारिश हुई थी। वर्ष 1995 में 54 एमएम बारिश रिकार्ड की गई थी। इसके बाद आल टाइम रिकार्ड 58.4 है, जो 1911 में दर्ज किया गया था। यानी, 108 साल में तीसरी बार इतनी बारिश हुई है। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि मेरठ में हुई बारिश एक्सट्रीम वेदर कंडीशन का उदाहरण है। अर्थात सामान्य रूप से बारिश न होकर या तो बहुत कम अथवा कम समय में अत्यधिक बारिश हो रही है।
मोदीपुरम में 64.2 एमएम बारिश
शहर के बाहरी और ग्रामीण इलाकों में बारिश ज्यादा हुई है। कृषि प्रणाली संस्थान में 24 घंटे के अंतराल में 64.2 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। शहर में 24 घंटे में हुई 50 एमएम बारिश।
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