मेरठ : डीएम की निजी अस्पतालों को दो टूक, मरीजों से अधिक रकम लेने पर होगी सख्त कार्रवाई
डीएम मेरठ ने शुक्रवार को आइएमए और निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि निजी अस्पताल निर्धारित चार्ज ही मरीजों से ले। अधिक वसूल करने की शिकायत पर अस्पताल पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने से पहले हर स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसी कवायद के तहत शुक्रवार को जिलाधिकारी ने निजी अस्पताल और आइएमए के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संवाद किया। जिलाधिकारी ने जहां निजी अस्पतालों में प्राथमिकता के आधार पर आक्सीजन प्लांट लगाने और अनुदान देने की बात कही,वहीं निर्धारित चार्ज से अधिक वसूली मरीजों से करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
आक्सीजन प्लांट पर जोर
आइएमए और निजी अस्पताल संचालकों की बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी के. बालाजी ने कहा कि निजी अस्पतालों में प्राथमिकता के आधार पर आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने पर पूरा जोर है। योजना के तहत 25 प्रतिशत अनुदान भी मिलेगा। निजी अस्पतालों में आईसीयू बेड, आइसोलेशन बेड व वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने के लिए भी जिलाधिकारी ने कहा। साथ ही निजी अस्पताल संचालकों ने निर्देशित करते हुए कहा कि सुविधाएं बढ़ाने के साथ जीरो से 01 वर्ष तक के बच्चों के लिए नीकू (नियोनेटेल इन्टेनसिव केयर यूनिट) व 01 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए पीकू (पीड्रियाट्रिक इन्टेनसिव केयर यूनिट) भी तैयार कराएं।
होगी सख्त कार्रवाई
साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि निजी अस्पताल निर्धारित चार्ज ही मरीजों से ले। अधिक वसूल करने की शिकायत पर अस्पताल पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में मौजूद डिप्टी सीएमओ डा. विश्वास चौधरी ने बताया कि कुछ निजी अस्पतालों द्वारा अपने यहां आक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। बैठक में सीएमओ डा. अखिलेश मोहन, एसीएमओ डा. पूजा शर्मा, आईएमए मेरठ अध्यक्ष डा. अनिल कपूर, सचिव डा. मनीषा त्यागी, र्निसग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अम्बरीष पंवार, एनसीआर इन्स्टीटयूट आफ मेडिकल साइंस, धन्वंतरि, जसवंत राय, आर्यवृत्त, न्यूट्रिमा, कैलाशी, संतोष आदि अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। गौरतलब है कि कोरोनाकाल में ही डीएम इसके पूर्व भी निजी अस्पतालों के संचालकों संग बैठक कर चुके हैं। उन्होंने मरीजों को किसी भी असुविधा न हो, यह बात पहले भी निजी अस्पताल संचालकों के सामने रखी थी।