Move to Jagran APP

मेरठ में कोरोना का कहर : सप्‍ताह भर में माता-पिता की कोरोना से मौत, बेटियां हुईं बेसुध, स्‍वजन काट रहे चक्‍कर

स्वजन अपनों को बचाने के लिए यहां-वहां भटकते रहे लेकिन अपनों का फिर से साथ पाने की उम्मीद को निरंकुशता ने तोड़ दिया। मां-बाप को खो चुकी दो बेटियां जहां बेसुध हैं वहीं स्वजन मोबाइल फोन और अन्य सामान पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 08:44 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 08:44 AM (IST)
मेरठ में कोरोना का कहर : सप्‍ताह भर में माता-पिता की कोरोना से मौत, बेटियां हुईं बेसुध, स्‍वजन काट रहे चक्‍कर
अपनों के समान के लिए अस्‍पताल के काट रहे चक्‍कर।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस लगातार परिवारों की खुशियों को लील रहा है लेकिन अस्पतालों की अव्यवस्था अपनों को खो चुके स्वजन की अंतहीन पीड़ा को असहनीय कर रही है। इसका ताजा उदाहरण विजय नगर निवासी दंपती की संक्रमण से हुई मौत के दौरान सामने आया। यहां स्वजन अपनों को बचाने के लिए यहां-वहां भटकते रहे लेकिन अपनों का फिर से साथ पाने की उम्मीद को निरंकुशता ने तोड़ दिया। मां-बाप को खो चुकी दो बेटियां जहां बेसुध हैं, वहीं स्वजन मोबाइल फोन और अन्य सामान पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं।

loksabha election banner

विजय नगर निवासी ठेकेदार मुकेश जैन अपनी पत्नी सुलोचना जैन और दो बेटियों के साथ काफी खुश थे। करीब तीन सप्ताह पहले मुकेश की तबीयत खराब हुई तो स्वजन उपचार कराने के लिए कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद आनंद हास्पिटल तक पहुंचे और भर्ती कराया। यहां उपचार शुरू हुआ तो अस्पताल ने आक्सीजन उपलब्ध कराने की मांग स्वजन के सामने रख दी। स्वजन भी आक्सीजन के लिए भटके और सिलेंडर का इंतजाम कर अस्पताल पहुंचे। यहां करीब एक घंटे तक इंतजार किया और तब सिलेंडर मुकेश जैन तक पहुंचा लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। 30 अप्रैल को कुछ देर बाद ही मुकेश की मौत हो गई। विलाप करते हुए स्वजन ने मुकेश का अंतिम संस्कार कर दिया। उधर, पति की मौत से बेहाल हुई सुलोचना जैन की हालत भी खराब हो गई। स्वजन ने उन्हें मेडिकल में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान चार मई को सुलोचना ने भी अंतिम सांस ली। मात्र एक ही सप्ताह में माता-पिता को खो चुकी दोनों बेटियां दुख से बेसुध हैं। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा कि अब उनके माता-पिता कभी उन्हें दुलार नहीं कर पाएंगे।

नहीं दिया मोबाइल

मुकेश जैन के छोटे भाई व्यापारी नेता विनेश जैन ने बताया कि मेडिकल कालेज में भर्ती भाभी को उपचार के दौरान भैया का मोबाइल फोन बातचीत के लिए दिया था। लेकिन भाभी के जाने के बाद अन्य सामान के साथ मोबाइल अभी तक नहीं मिला है। विनेश ने बताया कि मोबाइल दिवंगत ठेकेदार भाई का था और इसमें उनके ठेकेदारी से संबंधित तमाम रिकार्ड, नंबर और लेनदेन का हिसाब भी है लेकिन कई बार गुहार लगाने के बाद भी मोबाइल नहीं मिल सका है।

सुबह बेटी, शाम को मां चल बसी

गुरुवार को रुड़की रोड स्थित इंद्रप्रस्थ एस्टेट फेज-एक में एक परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा। सुबह बेटी और शाम को मां की मौत हो गई। घर में एक ही स्वजन थे, जिन्होंने अंतिम संस्कार के लिए मदद की गुहार लगाई। नगर निगम ने शव वाहन भेजकर सूरजकुंड श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कराया। योगेंद्र कुमार गोयल ने बताया कि उनकी मां किरन देवी और बहन साधना बंसल की तबीयत करीब पांच दिन से खराब चल रही थी। गुरुवार सुबह बहन की हालत बिगड़ गई। जब तक इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी करते, उसकी सांसें रुक गईं। वह सिंचाई विभाग में पदस्थ थीं। समाजसेवी दुष्यंत रोहटा की मदद से नगर निगम से शव वाहन मंगवाया। अंतिम संस्कार कराकर लौटे ही थे कि शाम को मां की मौत हो गई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.