CCSU Admission 2021: UP बोर्ड की तरह ही CBSE-ISC के भी प्राप्तांकों पर बनेगी मेरिट, कुछ इस तरह मिलेगा प्रवेश
CCSU Admission 2021 चौ. चरण सिंह विवि की प्रवेश समिति की शनिवार को कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार अब यूपी बोर्ड की ही तरह इस साल सीबीएसई-आइएससी के छात्रों की भी मेरिट उनके प्राप्तांकों के आधार पर ही बनाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, मेरठ। CCSU Admission 2021: चौ. चरण सिंह विवि की प्रवेश समिति की शनिवार को कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार अब यूपी बोर्ड की ही तरह इस साल सीबीएसई-आइएससी के छात्रों की भी मेरिट उनके प्राप्तांकों के आधार पर ही बनाई जाएगी। नई शिक्षा नीति में में वोकेशनल विषयों को प्रमुखता दिए जाने को ध्यान में रखते हुए मेरिट में वोकेशनल विषयों के साथ छात्रों को कुल मिले अंक के आधार पर मेरिट बनाई जाएगी। विवि की प्रवेश प्रक्रिया में 50 फीसद सीट यूपी बोर्ड और 50 फीसद तक सीटें सीबीएसई सहित अन्य बोर्ड के लिए है।
अन्य राज्य का कोटा बढ़ाया: विवि की ओर से संबद्ध कालेजों में अन्य राज्य का कोटा इस सत्र में बढ़ा दिया गया है। पहले जहां विवि के तहत प्रवेश के लिए अन्य राज्यों का कोटा 10 फीसद था। वहीं, इस साल वह कोटा बढ़ाकर 25 फीसद तक कर दिया गया है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित होने से वहां के छात्रों को अब कोई अतिरिक्त या रिजर्व सीट नहीं मिलेगी। इस पर शासन को कोई दिशा निर्देश आने के बाद ही अन्य कार्यवाही होगी। फिलहाल जम्मू-कश्मीर के छात्र भी 25 फीसद में प्रवेश ले सकते हैं।
नहीं मिलेगा किसी वर्ग में वेटेज
विवि ने गैप इयर का डिडक्शन हटा दिया है। पहले पढ़ाई छोड़ने पर जितने साल बाद दोबारा पढ़ाई किया जाए, उतने साल तक हर साल दो फीसद के हिसाब से अंक कटते थे। अब ऐसा नहीं होगा। साथ ही विवि ने हर वर्ग से वेटेज यानी अधिभार को हटा दिया है। अब वेटेज न मिलेगा और न ही बढ़ेगा। पहले जहां 12वीं की परीक्षा कामर्स, साइंस या ह्यूमैनिटीज से करने पर उसी वर्ग में स्नातक में प्रवेश लेने पर पांच फीसद का वेटेज था। और वर्ग बदलकर प्रवेश लेने पर पांच फीसद कम कर दिए जाते थे। वह अब नहीं होगा। वोकेशन कोर्स में थ्योरी के दो-तिहाई और प्रैक्टिकल के एक-तिहाई अंक जोड़े जाएंगे। अब 12वीं के बाद चार साल के गैप के साथ छात्र प्रैक्टिकल विषय में दाखिला ले सकता है। पहले यह बाध्यता दो साल की थी जिसका अब बढ़ा दिया गया है। कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. भूपेंद्र सिंह और अन्य उपस्थित रहे।