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Illegal Weapon In Meerut: अवैध हथियारों की मंडी बना मेरठ, तमंचों के बजाए पिस्‍टल का क्रेज, 'बड़े' पुलिस की पकड़ से दूर

यह बेहद ही खतरनाक है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों और बिहार से अवैध हथियार मेरठ लाए जा रहे हैं। इसके बाद यहां से आसपास के जिलों और दूसरे राज्यों में हथियारों की आपूर्ति हो रही है।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 09:00 AM (IST)
Illegal Weapon In Meerut: अवैध हथियारों की मंडी बना मेरठ, तमंचों के बजाए पिस्‍टल का क्रेज, 'बड़े' पुलिस की पकड़ से दूर
Illegal Weapon In Meerut: अवैध हथियारों की मंडी बना मेरठ, तमंचों के बजाए पिस्‍टल का क्रेज, 'बड़े' पुलिस की पकड़ से दूर

मेरठ, जेएनएन। Illegal Weapon In Meerut प्रदेश के विभिन्न जनपदों और बिहार से अवैध हथियार मेरठ लाए जा रहे हैं। इसके बाद यहां से आसपास के जिलों और दूसरे राज्यों में हथियारों की आपूर्ति हो रही है। एजेंट और फैक्ट्री संचालकों को दबोचने वाली पुलिस अभी भी इस धंधे की बड़ी मछलियों को दबोच नहीं पाई है। चिंताजनक पहलू यह है कि पिछले तीन माह में केएलएफ(खालिस्तानी लिब्रेशन फ्रंट) के तीन सदस्य भी पकड़े जा चुके हैं। एटीएस ने बताया था कि ये खालिस्तानी आतंकी संगठन को हथियार सप्लाई करते थे। सोमवार को पकड़े गए 140 आरोपितों में से एक भी बड़ा सप्लायर नहीं है। पुलिस केवल एजेंट और छोटे-मोटे लोगों को ही पकड़ पाई है। आपराधिक वारदातों में बदमाश अवैध हथियार का ही प्रयोग करते हैं। केएलएफ के सदस्य जावेद ने अवैध हथियार से ही आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की थी। वहीं वेस्ट यूपी में अब तमंचों के बजाय पिस्टल खरीदने का क्रेज बढ़ा है।

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मुंगेर के पार्ट्स, मेरठ के औजार और पिस्टल तैयार

दबोचे गए आरोपितों का कहना है कि हथियारों के मुख्य पार्ट्स मुंगेर से लाते थे। हथियार मेरठ में तैयार किये जाते थे। पिस्टल बनाने के इस फार्मूले से पुलिस अफसर भी हैरान हैं। मेरठ समेत पूरे वेस्ट यूपी में एक से बढ़कर एक मारक क्षमता के तमंचे और पिस्टल बनाए जा रहे है। ब्रह्मपुरी, परीक्षितगढ़, किठौर और लिसाड़ीगेट के मजीदनगर में पिस्टल बनाने की कई फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी हैं। फुरकान का कहना है कि मुंगेर से पार्टस खरीदकर लाते थे और मेरठ में इन्हें जोड़ा जाता था। मुंगेर से पिस्टल लाने में परेशानी होती है, लेकिन पुर्जे आसानी से आ जाते हैं।

ये पुर्जे आते हैं मुंगेर से

मुंगेर से फायरिंग पिन, मैगजीन, ट्रिगर, होलनुमा पत्ती व छोटे छोटे पार्ट्स लाते हैं। बैरल, पाइप बोल्ट, ठोस चकोर लोहा, रेगमार, छोटे गोल टुकड़े व अन्य सामान मेरठ में आसानी से उपलब्ध है। कारीगर भाड़े पर मंगवाए जाते हैं। पार्ट्स जोड़कर पिस्टल तैयार करने की ट्रेनिंग भी मुंगेर के ही कारीगर देते हैं।

यहां बनते हैं पिस्टल-तमंचे

मजीदनगर लिसाड़ीगेट, राधना किठौर, ब्रह्मपुरी और परीक्षितगढ़ में पिस्टल और तमंचे बनाए जाते हैं। मजीदनगर का युसूफ पिस्टल और तमंचा बनाने में जेल जा चुका है।

वेस्ट यूपी में डिमांड बढ़ी

वेस्ट यूपी में अब तमंचों के बजाय पिस्टल खरीदने का क्रेज बढ़ा है। 18 से 22 हजार रुपये में पिस्टल मिलती है। देहात के अधिकांश गांवों में इन लोगों का नेटवर्क फैला है। कई जनपदों में इस पिस्टल को विदेशी हथियार बताकर बेचा जाता है।


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