Move to Jagran APP

लापरवाही की हद : प्रवासी कामगारों की सूची में उद्योगपति,पुलिसकर्मियों और शिक्षकों को भी कर दिया गया शामिल Meerut News

प्रवासी कामगारों की सूची बनाने में लापरवाही ऐसी बरती गई कि उद्योगपतिओं पुलिसकर्मियों और शिक्षकों को भी कामगारों की सूची में डाल दिया। काम के लिए फोन करने पर खुली पोल।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 06:00 AM (IST)
लापरवाही की हद : प्रवासी कामगारों की सूची में उद्योगपति,पुलिसकर्मियों और शिक्षकों को भी कर दिया गया शामिल Meerut News
लापरवाही की हद : प्रवासी कामगारों की सूची में उद्योगपति,पुलिसकर्मियों और शिक्षकों को भी कर दिया गया शामिल Meerut News

मेरठ, जेएनएन । कोरोनाकाल में लॉकडाउन के चलते काम-काज ठप होने से भूखे-प्यासे सैकड़ों किलोमीटर चलकर अपने घर गांव लौटे कामगारों के साथ सिस्टम ने भी मजाक किया है। कामगारों को रोजगार देने के लिए जो सूची बनाई गई उसमें उद्योगपतियों, शिक्षकों व पुलिसकर्मियों तक के नाम शामिल कर दिए गए। अब जब सूची का सत्यापन शुरू हो तो पोल खुलनी शुरू हुई।

loksabha election banner

हम क्यों करें मजदूरी

हमारा नंबर तुम्हारे पास कहां से आया, हमें काम की जरूरत नहीं है, हमें आराम करने दो, आगे से इस नंबर पर फोन मिलाया तो ठीक नहीं होगा। हम उद्योगपति, शिक्षक, सिपाही हैं, हम भला मजदूरी क्यों करें? हम तो जमात में मेरठ गए थे। अब लौट आए हैं। हां हम मजदूर हैं। आश्रयस्थल में रहे थे लेकिन हमें तो राशन की किट भी नहीं मिली। ये सभी बातें और शिकायतें उन अधिकारियों को सुनने को मिल रहीं हैं जो प्रवासी मजदूरों को फोन कर उन्हें रोजगार दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।

गड़बड़ सूची ने बढ़ाई मुसीबत

एसडीएम के निर्देशन में तहसील कर्मियों ने कामगारों की सूची बनाई थी। लगभग 3500 नाम की सूची और मोबाइल नंबर अफसरों को उपलब्ध कराए गए हैं। लापरवाही से बनाई गई इस सूची में शहर के उद्योगपति, कारोबारी, शिक्षकों और पुलिसकर्मियों के साथ साथ जमातियों, संपन्न परिवार की महिलाओं और बच्चों के नाम भी शामिल हैं। ये प्रवासी मजदूर नहीं बल्कि वे लोग हैं जिन्हें किसी परिजन के संक्रमित होने के बाद क्वारंटाइन केंद्रों में कुछ दिनों के लिए रखा गया था। इन सभी लोगों के पास रोजगार के लिए फोन पहुंच रहे हैं।

प्रवासियों के फोन नंबर गलत

सूची में प्रवासियों के मोबाइल नंबर दर्ज करने में भी लापरवाही हुई है। अधिकांश नंबर गलत मिल रहे हैं। बड़ी

संख्या में लोगों ने अन्य प्रदेशों के नंबर बंद कर दिए हैं। इनमें कुछ वापस भी चले गए हैं।

दिलाएं सभी को रोजगार

सरकार का आदेश है कि बाहर से लौटे एक-एक प्रवासी कामगार को रोजगार दिलाया जाए। लिहाजा डीएम के निर्देश पर कंट्रोल रूम और अन्य कई विभागों के वरिष्ठ अफसर एक एक प्रवासी को फोन कर उनसे पूछ रहे हैं कि आपको रोजगार मिल गया अथवा नहीं। यदि किसी को रोजगार नहीं मिला है तो उसे रोजगार दिलाने के लिए बुलाया जा रहा है।

जिलाधिकारी बोले-की जाएगी जांच

जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की सूची में ये गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी जांच कराई जाएगी। गलत नामों को निकालकर केवल प्रवासी मजदूरों की सूची तैयार कराई जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.