मेरठ का तेजाब कांड : जुर्म से जीत ली जंग और अब जिंदगी से जद्दोजहद शुरू Meerut News
मेरठ में हुए तेजाब कांड पर गुरुवार को न्यायालय अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम किरण बाला ने छह आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई। शुक्रवार को दिन निकलते ही पीडि़ता को सात समंदर पार से भी बधाई मिलनी शुरू हो गई थी।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में दो साल के लंबे संघर्ष बाद भले ही तेजाब पीडि़ता को न्याय मिल गया हो, लेकिन अब उनके सामने दूसरी बड़ी चुनौती है। वह है फिर से मुख्य धारा में लौटना। नौकरी के लिए जद्दोजहद करनी है। हालांकि इसकी तैयारी उन्होंने शुरू कर दी है। पीडि़ता ने कहा कि दोषियों को सजा मिलने से वह संतुष्ट हैं, अब ऐसा घिनौना काम करने से पहले हर कोई सौ बार सोचेगा। वहीं, न्याय मिलने पर उन्हें सात समंदर पार से भी बधाई मिली।
विदेशों से परिचितों ने किया फोन
मुजफ्फरनगर निवासी व्यक्ति हाल में परतापुर के शताब्दीनगर में रहते हैं। उन्होंने थाने में 11 नवंबर 2018 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि रात आठ बजे शिक्षिका शाप्रिक्स माल से घर जा रही थी। जैसे ही वह आटो से उतरी, तभी पीछे से आए बाइक सवार युवकों ने चेहरे पर तेजाब फेंक दिया था। गुरुवार को न्यायालय अपर जिला जज/विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम किरण बाला ने छह आरोपितों को उम्रकैद की सजा सुनाई। शुक्रवार को दिन निकलते ही पीडि़ता को सात समंदर पार से भी बधाई मिलीं। पीडि़ता ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद दुबई, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका में रह रहे परिचितों ने फोन किया। साथ ही हर परिस्थिति में उनका साथ देने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब दोबारा से समाज में मुख्यधारा से जुडऩा है। शुरू में तो वह एक कमरे में कैद होकर रह गई थीं। कई सर्जरी के बाद अब थोड़ी राहत है। अब फिर से नौकरी करनी है। परिवार की आॢथक स्थिति मजबूत करने में फिर से अहम भूमिका निभानी है। शुरुआत में थोड़ी परेशानी आएगी, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारेंगी।
फैसला नजीर का काम करेगा
पीडि़ता ने बताया कि इतनी जल्दी फैसला आने से शरारती तत्वों के दिल में खौफ पैदा होगा। किसी के साथ ऐसा करने से पहले वह सौ बार सोचेंगे। इस दौरान उन्होंने समाज के दो चेहरे भी देखे। एक ने उनको समझा तो दूसरे ने दूरी बना ली थी। गुनाह किसी और ने किया था और भुगतना उन्हें और उनके परिवार को पड़ा।
सोमवार को फिर होगी सर्जरी
उन्होंने बताया कि सात सर्जरी हो चुकी हैं। सोमवार को फिर से सर्जरी के लिए जाना है। इस दौरान उन्होंने जो कष्ट झेला है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हालांकि संघर्ष के दौर में मेरठ निवासी एक अन्य तेजाब पीडि़ता ने भी उनसे मिलकर दर्द बांटा था। उन्हें जीने का हौसला दिया था। अब वह भी दूसरों के काम आना चाहती हैं। ऐसी पीडि़ताओं के लिए काम करना चाहती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि तेजाब की बिक्री खुलेआम रोकने के लिए भी सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।