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बंद बैंक खाता बन रहा है सिरदर्द, न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर लगाया जा रहा है चार्ज, पढ़ें सारी जानकारी

खासतौर पर ऐसे लोग जो कई बैंक का खाता रखते हैं। खाते में न्यूनतम बैलेंस न होने पर बैंक जहां चार्ज लगा रहा है। तो दूसरी ओर यूपीआइ और अन्य आनलाइन ट्रांजेक्शन में ऐसे खातों में लोगों का पैसा भी फंस रहा है। ग्राहक परेशान हो रहे हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 06:00 AM (IST)
बंद बैंक खाता बन रहा है सिरदर्द, न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर लगाया जा रहा है चार्ज, पढ़ें सारी जानकारी
खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होने पर बैंक लगा रहे हैं चार्ज।

मेरठ, जागरण संवाददाता। आनलाइन बैंकिंग में लोगों को कई तरह की सुविधा मिली है। दूसरी ओर कई तरह की परेशानी भी सामने आने लगी है। खासकर ऐसे लोग जो कई बैंक का खाता रखते हैं। खाते में न्यूनतम बैलेंस न होने पर बैंक जहां चार्ज लगा रहा है। तो दूसरी ओर यूपीआइ और अन्य आनलाइन ट्रांजेक्शन में ऐसे खातों में लोगों का पैसा भी फंस रहा है।

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यूपीआइ और मोबाइल एप

अब सभी लोगों के बैंक खाते आधार नंबर और मोबाइल नंबर जुड़े हैं। इसमें मोबाइल नंबर एक तरह बैंक के खाते की तरह उपयोग होने लगा है। यूपीआइ और मोबाइल एप के माध्यम से मोबाइल नंबर से पैसे ट्रांसफर की सुविधा है। ऐसे में जो लोग कई खाता रखते हैं उनका एक मोबाइल नंबर सभी खाते से लिंक होता है। पिछले दो साल से कोविड की वजह से शहर में आनलाइन बैंकिंग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उसमें कुछ बैंकों में ऐसी शिकायत आ रही है। जिसमें ग्राहक जिस खाते को सालों से उपयोग नहीं कर रहा है। उसमें किसी ने गलती से यूपीआइ से पैसे ट्रांसफर कर दिया। बैंक ने खाते में न्यूनतम बैलेंस न होने की वजह से वह पैसा काट लिया। ऐसे में ग्राहक बैंक का बार-बार चक्कर काट रहे हैं।

न्यूनतम बैलेंस न होने पर चार्ज

एसबीआइ के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि खाते में न्यूनतम बैलेंस न होने पर चार्ज लगता है। इसमें अगर खाता लंबे समय तक आपरेट नहीं होता है और उसमें न्यूनतम बैलेंस है तो कोई चार्ज नहीं लगता है। खाता संचालन की शर्त है कि ग्राहक न्यूनतम बैलेंस रखेगा। यह बैंक और ग्राहक दोनों की जिम्मेदारी होती है। इसलिए ग्राहकों को जिस खाते को नहीं चलाना है, उसे बंद कर देना चाहिए।

खाता बंद कराने के ये है नियम

बचत खाता बंद कराने के लिए ब्रांच में जाकर क्लोजर फार्म भरना होता है। साथ ही डी लिकिंग फार्म भी जमा करना होता है। कुछ बैंक चेकबुक, एटीएम कार्ड भी वापस लेते हैं। एक साल के बाद पुराने बचत खाते को बगैर किसी शुल्क दिए बंद कराया जा सकता है।

अनक्लेम डिपाजिट से बचे ग्राहक

केनरा बैंक के एक अधिकारी के अनुसार अगर किसी खाते में पैसा है और 10 साल तक खाता आपरेट नहीं होता है तो यह पैसा बैंक अनक्लेम डिपाजिट में डाल देता है। ऐसे पैसे को वापस लेना बहुत मुश्किल काम है। इसलिए अगर खाते के संचालन में दिक्कत हो तो उसे बंद कराना चाहिए।


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