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मेरठ राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः भागीदारी से शहर की सूरत संवारने का संकल्‍प

एक अध्ययन बताता है कि जो पर्यटन स्थल गंदे थे, उससे पर्यटकों का लगाव कम होता गया।

By Nandlal SharmaEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 04:07 PM (IST)
मेरठ राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः भागीदारी से शहर की सूरत संवारने का संकल्‍प

दैनिक जागरण की ओर से माय सिटी माय प्राइड अभियान के अंतर्गत राउंड टेबल कांफ्रेंस शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सहयोग करने वाले रियल हीरो और एक्सपर्ट से चुनिंदा लोगों के बारे में अवगत कराने के बाद राउंड टेबल कांफ्रेंस की गई। इसमें इन लोगों के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों को भी दैनिक जागरण कार्यालय में आमंत्रित किया गया।

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शहर की समस्या, चुनौती और उसके समाधान पर चर्चा हुई और उसे अंजाम तक पहुंचाने वाले कदम उठाने पर भी सहमति बनी। चर्चा में सामने आया कि शहर के विकास के लिए सुनियोजित प्लानिंग ही नहीं की गई। महायोजना के नाम पर जो भी रूपरेखा तय हुई उस पर सिर्फ 10 प्रतिशत ही काम हुआ। प्लानिंग करने वाले लोग न जानकार हैं और न ही जिम्मेदारी से काम करते हैं।

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शहर के नाले पहले सभ्रांत होने के प्रतीक थे और अब बदनामी के। नालों में सीवरेज डाल दिया जाता है। शौचालयों का पाइप डाला जा रहा है, जबकि शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक उसकी क्षमता के अनुसार सीवर का पानी ही नहीं पहुंच रहा है। कूड़ा नाले में डाला जा रहा है। इसमें सुधार हो तो नाला पूरी तरह से साफ दिखाई देगा। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन को सभी लोगों ने जरूरी बताया। नाले में कूड़ा डालने की प्रवृत्ति शहरवासियों को छोड़नी होगी। अपने-अपने स्तर से सहयोग सभी को करना होगा।

खुले नाले को सबसे बड़ी बड़ी समस्या के रूप में चिह्नित किया गया। इसे कवर करने की जरूरत बताई गई। शहर में जाम की समस्या को कम करने और यातायात सुगम करने के लिए शहर में एलीवेटेड रोड और फ्लाईओवर बनाने और ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट करने को जरूरी बताया गया। रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज बनाने और जुर्रानपुर में लंबे समय से लटके हुए पुल को पूरा कराने पर बल दिया गया।

चौराहों पर लेफ्ट टर्न यानी स्लिप रोड बनाने या पहले से बने हुए टर्न को कब्जा मुक्त करने को कहा गया। फुटओवर ब्रिज, वाकिंग ट्रैक और चौराहों के आसपास की दुकानों के अतिक्रमण हटाने को जरूरी बताया। भविष्य में पेयजल सबसे बड़ी समस्या होगी, इसलिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट बनाने और अलग-अलग क्षेत्रफल के हिसाब से उसके मॉडल मुहैया कराने पर विचार हुआ।

शहर को ब्रांड बनाने के लिए पर्यटन स्थलों पर ध्यान होगा। पब्लिक टॉयलेट, परिवहन सुविधा, वीकेंड टूरिज्म प्लान, पुरानी हवेलियों को होटल या संग्रहालय में बदलने के लिए प्रशासन से आगे आने की मांग की गई। पार्कों को विकसित करने और शहर के एंट्री और निकास द्वारों पर प्रतीक चिह्न, प्रतिमाएं आदि लगाने पर विचार हुआ। शहर का पर्यावरण अच्छा बनाने और छवि सुंदर करने के लिए पौधरोपण करने का भी आह्वान हुआ।

जनसहयोग और कंपनियों की भागीदारी से संवरेगा शहर
दैनिक जागरण की राउंड टेबल कांफ्रेंस सबसे जुदा और नई पहल वाली रही। इसमें चर्चा ही नहीं हुई बल्कि कुछ कार्यों को लक्ष्य बनाकर धरातल पर करके दिखाने का संकल्प लिया गया। सिर्फ संकल्प ही नहीं कार्य का बंटवारा भी किया गया।

शहर के लिए महत्वपूर्ण कुछ कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए राउंड टेबल कांफ्रेंस को तीन श्रेणी में बांटा गया। ऐसे कार्य जो आम लोग स्वयं के प्रयास और भागीदारी से कर सकते हैं, उसे जनसहयोग श्रेणी में रखा गया। वे कार्य जो अपने स्तर से किए तो जा सकते हैं, लेकिन ज्यादा धनराशि की जरूरत है, फिर भी उस धनराशि के लिए शासन की योजना या निकायों के इंतजाम का इंतजार न किया जाए, उन्हें दूसरी श्रेणी (सीएसआर) कंपनी सोशल रेस्पांसबिलिटी में रखा गया है। वे कार्य जो पूरी तरह से शासन और प्रशासन के स्तर से ही हो सकते हैं और अधिक धनराशि की जरूरत भी हो और नीतिगत फैसले के अंतर्गत आता हो, उसे तीसरी श्रेणी 'शासन-प्रशासन स्तर' में रखा गया है। इस तरह से कुल सात प्रमुख कार्यों पर सहमति बनी। इसमें से तीन कार्य जन सहयोग, तीन कार्य सीएसआर और एक कार्य शासन-प्रशासन स्तर से कराने के प्रयास पर बल दिया गया।

जनसहयोग : ठंडी सड़क बनाने का संकल्प
शहर में एक सड़क को ठंडी सड़क बनाया जाएगा। इस सड़क के दोनों तरफ एक किमी तक करीब 10 हजार छायादार पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए एक हजार पौधे एल्डिको डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी वरुण अग्रवाल ने लगवाने की घोषणा की। शेष नौ हजार पौधे दैनिक जागरण, वन विभाग और अन्य लोगों के स्तर से लगवाए जाएंगे। सड़क का चयन और वन विभाग से संपर्क पर्यावरणविद गिरीश शुक्ला करेंगे। वही इस कार्य के नोडल भी होंगे। पौधों को सुरक्षित रखने के लिए बैरीकेडिंग और बाड़ आदि की व्यवस्था की जिम्मेदारी शिक्षाविद् और समाजसेवी आरके सैनी करेंगे।

सजाए-संवारे जाएंगे पर्यटन स्थल
जिले के पर्यटन स्थल गंदगी से दूर होकर साफ और स्वच्छ दिखाई देंगे। यहां की दीवारों पर तरह-तरह की आकर्षक पेंटिंग बनवाई जाएगी, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। एक अध्ययन बताता है कि जो पर्यटन स्थल गंदे थे, उससे पर्यटकों का लगाव कम होता गया। इन्हें जनसहयोग से किया जाएगा। फिलहाल इस काम की अगुवाई पहल- एक प्रयास के संस्थापक डॉ. विश्वजीत बैम्बी और टीम क्लीन मेरठ के संस्थापक अमित कुमार अग्रवाल संयुक्त रूप से करेंगे।

दोनों संस्थाएं एक साथ यह कार्य करेंगी। सफाई कार्य निश्चित अंतराल पर समय-समय पर किया जाएगा। इसी के साथ शहर के प्रवेश और निकास द्वार पर जिन दीवारों को पहल संस्था ने रंगीन किया था, उस पर पोस्टर चिपका दिए गए हैं। पोस्टर चिपकाने वाले संस्थानों को चिह्नित करके उन्हें उसे हटाने के लिए कहा जाएगा। ऐसा न करने पर समाचार पत्र में उन्हें सार्वजनिक किया जाएगा।

खत्ता मुक्त करने का चलेगा अभियान
शहर को कूड़े के ढेर यानी खत्ते से निजात दिलाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। लोगों से अपील की जाएगी कि वे नाले में कूड़े न डालें। डस्टबिन में ही कूड़ा डालें। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की योजना चलाने के लिए जनता की मांग नगर निगम तक पहुंचाई जाएगी। सिटीजन फोरम के राजकुमार वर्मा ने घोषणा की कि वे कूड़ा निस्तारण पॉलिसी की बुकलेट बनाकर जनता में बांटेंगे।

सीएसआर : एक चौराहा गोद लेगा आइआइए
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अतुल गर्ग ने घोषणा की कि वह एक चौराहा गोद लेंगे। वह जल्द ही एसोसिएशन और सरकारी मंत्री से चर्चा करके चौराहे का चयन करेंगे और इसकी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। एमडीए के सेवानिवृत्त सीटीपी और आर्किटेक्ट जागेश कुमार इसका डिजाइन तैयार करेंगे।

प्रवेश द्वार पर लगेंगी प्रतिमाएं
शहर के पांच प्रमुख प्रवेश द्वार पर शहर की पहचान वाले क्रांतिकारियों, शहीदों आदि की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। इसके लिए डेवलपर्स एसोसिएशन धनराशि खर्च करेंगे। डेवलपर्स एसोसिएशन के महामंत्री कमल ठाकुर और एल्डिको प्रा. लि. के एमडी वरुण अग्रवाल ने कहा कि वे इसके लिए प्रयास करेंगे और अन्य डेवलपर्स के सहयोग से इसे साकार करेंगे।

पर्यटन स्थल पर तस्वीरों की होर्डिंग लगेगी
हस्तिनापुर, सरधना, गगोल जैसे पर्यटन स्थलों पर लोहे या टिन के ढांचे पर महाभारत और रामायणकालीन प्रमुख पात्रों की तस्वीर बनवाकर लगवाई जाएगी। इससे ये पर्यटन स्थल दर्शनीय बनेंगे। आकर्षण का केंद्र बनेंगे। ये कार्य होटल ओलीविया के डायरेक्टर अभिजीत दुबे कराएंगे। उन्होंने इसकी घोषणा की।

शासन-प्रशासन : नाले पाटने का भिजवाएंगे प्रस्ताव
शहर की सबसे बड़ी समस्या नाले बन गए हैं। ये बीमारियां बांट रहे हैं और उसमें डूबकर 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। नाले ढके जाएं तो उसका उपयोग सड़क के रूप में हो या पार्किंग के रूप में। या फिर उसे खुले रखकर उसे हमेशा के लिए कूड़ा मुक्त रखना सुनिश्चित किया जाए और उसके दोनों तरफ पौधारोपण हो। पानी ट्रीट करके डाला जाए।

इस पर जानकारों में मतभेद है, सभी के पास अलग-अलग मॉडल है। पर सभी इसका हल चाहते हैं। इसलिए दैनिक जागरण सभी जानकारों के तथ्यों और मॉडल का अध्ययन कराकर उसमें से व्यावहारिक और आसान मॉडल चयनित करेगा। उस मॉडल के आधार पर शासन और प्रशासन से नाले को पाटने का प्रस्ताव भिजवाया जाएगा।

बोल-अनमोल
नालों को ढकने के बजाय उसे खुला रखना चाहिए। उसमें साफ पानी छोड़ा जाए और कूड़ा बिल्कुल भी न पड़े यह सुनिश्चित हो। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन बेहद आवश्यक है। - डॉ. विश्वजीत बेम्बी, संस्थापक, पहल-एक प्रयास

शहर के लिए स्वच्छता बेहद जरूरी है। शहरवासियों को इस मुहिम में आगे आना चाहिए। घर का कूड़ा नाले में बिल्कुल न डालें। इसके लिए दंड का प्रावधान होना चाहिए। इस पर निगरानी हो। - अमित कुमार अग्रवाल, संस्थापक, टीम क्लीन

शहर के विकास के लिए सुनियोजित प्लानिंग जरूरी है। प्लानिंग के विषय विशेषज्ञों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। जो प्लान बने उस पर अमल भी होना चाहिए। सभी विभागों की राय से प्लान बने।
- जागेश कुमार, आर्किटेक्ट और सेवानिवृत्त सीटीपी

भविष्य में शहर में पानी पीने को नहीं मिलेगा, इसलिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट बनाने के लिए लोग आगे आएं। सरकारी संस्थानों के साथ ही आवासीय भवनों में भी यूनिट बनना चाहिए। मैं सहयोग को तैयार हूं। - गिरीश शुक्ला, रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट के एक्सपर्ट

शहर के पार्कों को विकसित करके उसे खुशियों का स्थल बनाना होगा। इससे शहर सुंदर बनेगा और लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन भी मिलेगी। प्राधिकरण और नगर निगम को अपने पार्क बेहतर करने चाहिए। लोगों को भी जिम्मेदारी लेनी होगी।
- महेश चंद रस्तोगी, पार्क विकसित करने के जानकार

सार्वजनिक परिवहन, पार्किंग समेत शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़ी कमी है। इसके लिए प्रशासन और निकायों को ही नहीं लोगों की भी सहभागिता जरूरी है। मेरा भी इसमें सहयोग रहेगा। - राकेश महाजन, बीडीएम

शहर में स्वच्छता के लिए क्षेत्रीय लोगों की कमेटियां बनानी चाहिए। नागरिकों को भी प्रोत्साहन मिलना चाहिए। अच्छी पहल करने वाले सम्मानित किए जाएं।
- हरि बिश्नोई, समाजसेवी

औद्योगिक क्षेत्र की मूलभूत सुविधाएं भी पूरी की जानी जरूरी हैं। नगर निगम व प्राधिकरण के बीच समन्वय बनवाना होगा। नाले को ढकना बेहद जरूरी है।
- राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष, सरस्वती इंडस्ट्रियल एस्टेट

शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए प्राधिकरण और नगर निगम को विशेष कदम उठाने होंगे। उद्यमी भी अपने स्तर से सहयोग करेंगे। प्राधिकरण को भी अपने स्तर से विशेष कदम उठाने चाहिए।
- अतुल भूषण गुप्ता, मंडलीय अध्यक्ष, आइआइए

सुविधाएं तभी काम आएंगी जब स्वस्थ रहेंगे। पहल संस्था इसके लिए प्रयास करती है, लेकिन लोग उसके बाद कूड़ा फैलाते हैं। रंगीन दीवारों को गंदा कर देते हैं। लोगों को सफाई में सहयोग करना चाहिए।
- असीम कायस्थ, पहल संस्था के सदस्य

शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में रियल स्टेट व्यापारी भी सहयोग कर रहे हैं। अपने-अपने स्तर से सभी को सहयोग करना चाहिए। विकास प्राधिकरण को शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कदम उठाने चाहिए।
- वरुण अग्रवाल, एमडी, एडेल्को डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड

पर्यटन स्थलों को विकसित करना जरूरी है। उसके लिए परिवेश अच्छा बनाना होगा। वहां पर मूलभूत सुविधाएं जरूरी हैं। पर्यटक आने से शहर की छवि अच्छी बनती है। इससे विकास की उम्मीद बढ़ जाती है।
- डॉ. अमित पाठक, इतिहासविद्

शहर के नालों में वर्टिकल जाल लगाने चाहिए। इससे नाले का कूड़ा बाहर करने में आसानी होगी। यातायात सुगम बनाने के लिए अतिक्रमण हटाना जरूरी है। कई चौराहों का ढंग से सर्व जरूरी है।
- अशोक गर्ग, अध्यक्ष, रियल स्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन होगा तो न खत्ता बनेगा और न ही नाले में कूड़ा जाएगा। अस्पताल, होटलों को अपने पार्किंग स्थल का प्रयोग उसी मकसद में करना चाहिए। कूड़ा निस्तारण पॉलिसी के तहत काम होना चाहिए।
- इं. रामपाल वर्मा, सदस्य, मेरठ सिटीजन फोरम

एलीवेटेड रोड और फ्लाईओवर बनाना जरूरी है। यातायात सुगम बनाने और सार्वजनिक परिवहन पर ध्यान देना जरूरी है। पार्किंग की समस्या का भी समाधान जरूरी है।
- कमल ठाकुर, महामंत्री, रियलस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन

शहर तमाम समस्याओं से जूझ रहा है। इसके लिए हम सभी को सहयोग करना चाहिए। जनप्रतिनिधियों को विशेष प्रयास करने चाहिए। जो भी मैं अपने स्तर से कर सकता हूं, उसमें आगे रहूंगा।
- आरके सैनी, समाज सेवी

शहर में सुगम यातायात के लिए ट्रांसपोर्ट नगर को शहर से बाहर करना जरूरी है। यह शहर की बड़ी समस्या बन गया है। इससे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी सहयोग मिलेगा।
- गौरव शर्मा, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन

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