फोरम: मेरठ ने तय किए 11 लक्ष्य, अब दिखेगा सुधार
माय सिटी माय प्राइड के अहम पड़ाव के तहत बुधवार को आयोजित फोरम में मेरठ की गणमान्य शख्सियतों के बीच 11 बिंदुओं पर आने वाले दिनों में काम करने के फैसले पर मोहर लगी।
जासं, मेरठ। दो जुलाई से शुरू हुए माय सिटी माय प्राइड के अहम पड़ाव के तहत बुधवार को आयोजित फोरम में मेरठ की गणमान्य शख्सियतों के बीच 11 बिंदुओं पर आने वाले दिनों में काम करने के फैसले पर मोहर लगी। सभी वर्ग के लोगों, रियल हीरोज और एक्सपर्ट के सहयोग से आने वाले दिनों में इन 11 लक्ष्य पर काम शुरू हो जाएगा। ये 11 लक्ष्य इस प्रकार हैं...
एक किमी की ठंडी सड़क
शहर के किसी हिस्से में एक किमी तक ठंडी सड़क बनाई जाएगी। सड़क के दोनों तरफ 10 हजार छायादार पौधे रोपे जाएंगे। इसमें जनसहयोग की भागीदारी के लिए पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे गिरीश शुक्ला को विशेष कार्य सौंपा गया है। वह वन विभाग व पीडब्ल्यूडी के बीच समन्वय रखकर सड़क का चयन व पौधरोपण का कार्य संपन्न कराएंगे।
ट्रैफिक सेंस के प्रति जागरूकता
यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने की दिशा में काम होगा। ट्रैफिक सेंस डेवलपमेंट जागरूकता कार्यक्रम स्कूलों के साथ ही दफ्तरों में भी चलेगा। इसमें रोड सेफ्टी क्लब का सहयोग रहेगा।
साफ-सफाई व दीवारों पर पेंटिंग
शहर को अच्छा बनाने के लिए स्वच्छता जरूरी है। इसके लिए पहल-एक प्रयास के विश्वजीत बेंबी और टीम क्लीन मेरठ के अमित कुमार अग्रवाल अपने कार्य का दायरा बढ़ाएंगे। लोगों को जागरूक भी करेंगे। शहर के प्रमुख मार्गों की दीवारों को आकृतियों से सुंदर बनाया जाएगा। वैसे भी दोनों ही संस्थाएं हर रविवार शहर का एक इलाका साफ कर उसकी तस्वीर बदलती हैं।
ब्लड बैंक और औषधि बैंक
मेरठ के चिकित्सकों के सहयोग से आइएमए हाल में ब्लड बैंक स्थापित किया जा रहा है। सेवा भारती के सहयोग से औषधि बैंक की स्थापना की पहल जताई गई है।
कंपनी सीएसआर वर्ग के लक्ष्य
पहचान बनेगी, पर्यटन का विकास होगा
मेरठ के सभी पांचों प्रवेश द्वारों पर प्रतिमाएं लगाई जाएंगी ताकि मेरठ की ऐतिहासिकता और पौराणिकता का बाहर से आने वाले लोगों को ज्ञान हो। इस काम की जिम्मेदारी रियल स्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन के सदस्यों को सौंपी गई है। एसोसिएशन के महासचिव कमल ठाकुर व एडको डेवलपर्स प्रा. लि. के एमडी वरुण अग्रवाल ने इसका आश्वासन दिया है। यही नहीं शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर उसके इतिहास व महत्ता आदि को दर्शाने के लिए बोर्ड लगाए जाएंगे। यह कार्य होटल व्यवसायी अभिजीत दुबे संपन्न कराएंगे।
चौराहे गोद लेंगे और हार्वेस्टिंग यूनिट बनेंगे
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन शहर का एक चौराहा गोद लेगा। फैक्ट्रियों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना सुनिश्चित होगी। इसके लिए आइआइए के मंडलीय अध्यक्ष अतुल भूषण गुप्ता ने वादा किया। रेन वाटर हार्वेस्टिंग में गिरीश शुक्ला सहयोग करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल आयोजन
शहर में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष में कम से कम खेल का एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन कराने पर सहमति बनी। स्टैग के निदेशक राकेश कोहली ने इसकी अगुवाई पर सहमति जताई है। त्रिलोक आनंद ने भी सहयोग का आश्वासन दिया।
गरीब बच्चों को गोद लेंगे, लाइब्रेरी बनेगी
शहर के पब्लिक स्कूल और कुछ शिक्षक मिलकर गरीब बच्चों को गोद लेंगे। उनके पढ़ाई का खर्च वहन करेंगे। इसकी शुरुआत एक-दो बच्चों से होगी। वेस्ट एंड रोड पर पब्लिक लाइब्रेरी खोली जाएगी। मेरठ पब्लिक स्कूल के निदेशक विक्रम शास्त्री इस प्रोजेक्ट की अगुवाई करेंगे।
वंचितों को प्रशिक्षुओं से पढ़वाना
ऐसे बच्चे जो स्कूल जाने से वंचित हैं या फिर बच्चे स्वयं स्कूल नहीं जाना चाहते। ऐसे बच्चों को चिह्नित करके उन्हें पढ़ाया जाए। आवश्यक धनराशि के लिए फंड बनेगा। इसके लिए प्रशासन से भी अपील की जाएगी कि बीटीसी प्रशिक्षुओं को उनके प्रशिक्षण काल के दो से ढाई महीने इस कार्य के लिए रखे जाए। वे अलग-अलग गांवों में जाएं और वहां के कम्युनिटी हाल में ऐसे बच्चों को पढ़ाएं। उन्हें मोटिवेट करें। इसका पूरा प्लान बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से शासन को भेजा जाएगा।
शासन-प्रशासन वर्ग के लक्ष्य
नालों को ढकना और हवाई उड़ान
शहर के नालों को ढकना जरूरी है। यह शहर के लिए बड़ी चुनौती है। वहीं शहर के विकास को उड़ान देने के लिए हवाई अड्डा का निर्माण जरूरी है। इन दोनों के लिए शासन से मांग की जाएगी। अलग-अलग स्तर से शासन तक इसे जल्द पूरा करने के लिए आवाज पहुंचाई जाएगी। सांसद और परिवहन मंत्री ने भरोसा दिलाया कि अक्टूबर में प्रदेश के नए हवाई रूट की बिड होनी है, मेरठ उसमें जरूर शामिल होगा।
कर्मचारियों के लिए ईएसआइ अस्पताल
मेरठ में ईएसआइ अस्पताल खोला जाएगा ताकि कर्मचारियों को अच्छा इलाज मिल सके। इसकी खातिर प्रदेश सरकार को भूमि मुहैया करानी है। सांसद ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही अस्पताल के लिए जमीन चिह्नित कर ली जाएगी और श्रम विभाग के सहयोग से इसका निर्माण सुनिश्चित कराया जाएगा।