रेलवे में अफसर बता युवती से की शादी, लाखों रुपये हड़पे Meerut News
रेलवे में अफसर होने का झांसा देकर एक युवक ने युवती से शादी कर ली। इसकी पोल खुलने पर आरोपित ने बंधक बनाकर पीड़िता से मारपीट की।
मेरठ, जेएनएन। रेलवे में अफसर होने का झांसा देकर एक युवक ने युवती से शादी कर ली। इसकी पोल खुलने पर आरोपित ने बंधक बनाकर पीड़िता से मारपीट की और पिता से लाखों रुपये भी हड़प लिए। एसएसपी के आदेश पर मेडिकल थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
अकेले पहुंचा था शादी का प्रस्ताव लेकर
शास्त्रीनगर निवासी पीड़ित पिता ने बताया कि तीन जुलाई 19 को उसकी पत्नी की बहन और बेटा निवासी शताब्दीनगर उनके घर आए थे। उनके साथ अश्वनी नाम का युवक भी था। उन्होंने उसे रेलवे में मजिस्ट्रेट बताया था और उसकी तैनाती पुणे में बताई थी। उन्होंने अश्वनी से बेटी की शादी का प्रस्ताव रखा था। अगले दिन अश्वनी अकेले घर पहुंचा और शादी की बात की। पीड़ित पक्ष ने युवक से अपने परिजनों को बुलाकर लाने को कहा। बताया कि सात जुलाई को युवक फिर आया और कहा कि उसके परिवार वाले शादी के लिए तैयार नहीं है।
बंधक बनाकर पीटा
इसके बाद 14 अक्टूबर को दोनों की शादी गढ़ रोड स्थित एक होटल में की, जिसमें लाखों रुपये खर्च हुए थे। इसके बाद युवक बेटी को लेकर दिल्ली चला गया और वहां किराये के मकान में रहा। बेटी ने जब सरकारी आवास के बारे में पूछा तो युवक ने बताया था कि कुछ दिनों में मिलेगा। आरोप है कि इसके बाद आरोपित ने बंधक बनाकर बेटी की कई बार पिटाई की और पीड़ित पिता से कई बार में लाखों रुपये अपने अकाउंट में भी डलवा लिए।
पहली पत्नी का फोन उठाया तो पीटा
रिपोर्ट में पीड़िता ने बताया है कि आरोपित के साथ उसके रिश्तेदार भी मिले हुए हैं। एक दिन उसने पति का फोन उठाया तो उधर से महिला ने बात की। उसने पूछताछ की तो बताया कि वह अश्वनी की पत्नी है और उसकी दूसरी शादी के बारे में जानती है।
40 गार्ड लेकर पहुंचा था सगाई में
अश्वनी ने रेलवे में अपने को बड़ा अफसर बताया था। इसके लिए उसने पूरा माहौल भी तैयार किया था। सगाई में वह 40 गार्ड लेकर पहुंचा था। इसके अलावा पीए और अन्य लोग भी थे। एक युवक का नाम विकास था। बाद में पता चला कि उसका असली नाम विश्वनाथ निवासी जिला शामली है।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
पीड़ित पिता ने बताया कि 28 तारीख में मेडिकल थाने में शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने एसएसपी ऑफिस जाकर शिकायत की थी।